कभी नफ़रत, झूठ, ज़हर, अफ़वाह और कभी मज़हब के नाम पर "ह'म" भारतीयों को लड़वाने वाले चाहे वो कोई भी हों, किसी भी मज़हब, किसी भी विचारधारा, किसी भी व्यवसाय से जुड़े हों, इधर के हों या फ़िर उधर के, अगर मौजूदा हालात में भी अपने किये पर दु:ख, पश्चाताप और शर्मिंदगी महसूस नहीं कर रहे हैं तो ऐसे सभी लोग इंसानियत के नाम पर बद्नुमां धब्बा हैं।
धिक्कार है ऐसे सभी लोगों पर।
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