विश्व स्तर पर ब्रिटेन की गुलामी से मुक्त हुए , आज़ाद देशों में ,, विश्व के हर देश को , इसराइल के , प्रबंधन , कूटनीतिज्ञ , विदेश निति , और व्यापार निति से सबक़ लेना चाहिए , इसराइल आंतरिक विवादों से घिरे राष्ट्र के लोगों को उनके हथियारों का एडिक्ट बनाता है , वहां अपनी विचारधारा का नशा प्रचारित करता है और अलग अलग वर्ग में , नफरत का भाव पैदा कर , अपना व्यापार चलाकर , इज़राइल की आर्थिक स्थिति मज़बूत कर , सबसे आगे निकलने की कोशिश करता है , ,इसराइल जनसंख्या की दृष्टि से मात्र 90 लाख की आबादी का क्षेत्र है , लेकिन वहां , कृषि ,, विज्ञानं , शिक्षा , चिकित्सा , रोज़गारोन्मुखी योजनाओं में वोह अव्वल है , वैज्ञानिक अनुसंधान , हथियारों के उत्पादन में भी इज़राइल प्रमुख राष्ट्र है ,, इज़राइल यक़ीनन बधाई का पात्र है , क्योंकि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में वोह आज विश्व स्तर पर दसवें नंबर पर है , वहां की प्रति व्यक्ति आय 43592 यू एस डॉलर है ,,,,, इज़राइल अकेले भारत को उसके हथियार उत्पादन का ,41 प्रतिशत हथियार बेच देता है , इज़राइल ने 670 अरब रूपये के हमारे देश को हथियार बेच दिए है , इतना ही नहीं , हमारे नासा के ज़रिये उसके सात उपग्रह मंडल में स्थापित किये है ,, इज़राइल में बेरोज़गारी नहीं , गरीबी नहीं , विकास है , रोज़गार है , खुशहाली है ,, इसलिए इज़राइल से ही विश्व को , व्यवस्था संचालन का मंत्र सीखना चाहिए , आज देखिये , फिलिस्तीन और इज़रायल के बीच का विवाद है , लेकिन भारत में इज़राइल के , करोडो फॉलोवर्स , समर्थक है , यद्धपि इन लोगों के समर्थन से , इज़राइल को ,, कोई सैन्य मदद नहीं मिल रही है , लकिन विश्व स्तर पर , इज़राइल विश्व को यह बताने में कामयाब है , के जिस राष्ट्र को , वोह अरबों अरब रूपये के हथियार बेचता है ,, व्यापार में जो वोह भारत को देता है , उससे कई गुना ,रुपया उसे हथियारों के बिक्री में मिल जाता है ,भारत इज़राइल के हथियारों की सबसे बढ़ी मंडी है ,, वोह भारत से मुनाफा भी लेता है , और भारत में उसने एडिक्ट लोगों की एक फौज भी , वैचारिक रूप से , दो हिस्सों में राष्ट्र में नफरत पैदा कर , खड़ी कर ली है ,, इज़राइल का युद्ध फिलिस्तीन से होता है , फिलिस्तीन जो मुट्ठी भर अर्धविकसित , पिछड़ा देश है , जहाँ लोगों के पास हथियार नहीं ,, अंतर्राष्ट्रीय मदद नहीं , लेकिन फिर भी , उसके पास हौसला है , वोह अपने इस हौसले के बल पर , इज़राइल से मुक़ाबला करता ,,है ,, फिलिस्तीन में 28 प्रतिशत बेरोज़गारी है ,, यहां की प्रति व्यक्ति आय इज़राइल की 43592 के मुक़ाबले 3559 यू एस डॉलर मात्र ,है , यहां की आबादी पचास लाख है ,, इसके पूर्व ,, इज़राइल से युद्ध के दौरान , जो इज़राइल विश्व स्तर पर , खुद को खतरनाक हथियारों का सबसे बढ़ा सौदागर , सबसे बढ़ा उत्पादक मानता है , जो अपने इस हथियारों के उत्पाद का 41 प्रतिशत सिर्फ भारत को विक्रय कर , अपने देश को विकसित करता है , अपने देश इज़राइल मे खुशहाली पैदा करता है ,, 670 अरब रूपये तक के हथियार भारत को एक साथ बेच देता है ,, वोह इज़राइल फिलिस्तीन से , सभी विश्व स्तरीय देशो के समर्थन के साथ जब युद्ध लड़ता है , तो पिछले युद्ध में , उनके हेलीकॉप्टर ,, मिसाइल , फिलस्तीनी लोगों को गुलेलों से गिराने का इतिहास रहा है ,, अभी वर्तमान में इज़राइल के प्रचार के हिसाब से उसके डॉम , जो हथियारों को खोज लेते है , जो डॉम ,, किसी भी रॉकेट को , तुरंत खोजकर , ध्वस्त कर देते है , उस प्रचार के बाद भी , एक छोटे से अर्द्धविकसित देश फिलिस्तीन ,, के सड़े गले रॉकेटों के हमलों में , सभी रॉकेट ध्वस्त नहीं होते , कई रॉकेट , फिर भी इज़राइल में गिरते है , नुकसान पहुंचाते है ,, इज़राइल की एक छोटे से मुल्क से ,, अर्धविकसित मुल्क से , इस लड़ाई में उसके हथियारों की असफलता दिखती है , ;लेकिन इज़राइल अपने हथियारों की मंडी वाले देशों में कुछ लोगों को अपना भक्त बना लेता है , उन्हें ,, कुछ नज़र नही आता , वोह गैर ज़रूरी होने पर भी , इज़रायल से , अपने देश के बजट का काफी हिस्सा , हथियार खरीदने में इज़राइल पर खर्च कर इज़राइल की आर्थिक स्थिति मज़बूत करते है , मुट्ठी भर लोगों का यह देश , नब्बे लाख की आबादी का है , लेकिन उसका हमारे भारत की 140 करोड़ वाले आबादी के राष्ट्र से दोस्ती है , दोस्ताना व्यवहार है , ,भारत इज़राइल के मुक़ाबले में लाख गुना ज़्यादा शक्तिशाली राष्ट्र है , लेकिन फिर भी , व्यापारिक दृष्टि से , वोह हमसे , कृषि वगेरा की कुछ करोडो की सामग्री लेता है , और हमें , लाखों करोड़ों नहीं , अरबों अरब रूपये के हथियार , युद्ध सामग्री विक्रय कर , ,इज़राइल खुद की आर्थिक स्थिति मज़बूत रखता है ,, आज ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में , इज़रायल विश्व के सभी देशों में , टॉप टेन में दसवें नंबर पर है ,, जबकि भारत का 107 देशों में 94 नंबर है ,,,, इज़राइल में गरीब नहीं है ,बेरोज़गार नहीं है , लेकिन भारत में आबादी का 27 प्रतिशत गरीबी का सूचकांक है , और बेरोज़गारी का भी बढ़ा आँकड़ा है ,,, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय , इज़राइल 43592 डॉलर के मुक़ाबले ,, 1947 है ,, इज़राइल के नेतृत्व , इज़राइल के प्रबंधन की सफलता ही कही जायेगी , के वोह विश्व स्तर पर बढे बढे , मज़बूत देशों को , हथियारों की बिक्री करता है , खासकर ऐसे देशों को चुनता है , जहां राष्ट्रीयता के नाम पर , रक्षा सौदों की कोई ऑडिट नहीं हो , जिस देश के लोग जज़्बाती होते हों , जहाँ वाद विवाद आसानी से पैदा करवाए जा सकते हो ,, ऐसे राष्ट्रों में , इज़रायल , अपने समर्थकों को भी इस हद तक वैचारिक रूप से तय्यार लेता है , के वोह लोग ,, अनावश्यक रूप से ,, इज़रायल का उनके अपने देशों में ,, समर्थन विरोध के नाम पर , विवाद रखते है , और इज़राइल दिन ब दिन तरक़्क़ी करता ,है , विश्व स्तर पर , अपनी आर्थिक स्थिति मज़बूत करता है , ,विश्व स्तर पर समर्थन हांसिल करता है ,, दोस्ताना व्यवहार बनाता है , व्यापार भी करता है , और व्यवहार भी रखता है ,, ऐसे में , यक़ीनन , विश्व स्तर पर , आर्थिक स्थिति मज़बूत करने , अंतराष्ट्रीय व्यापार करने , उत्पादन करने , और विश्व स्तर पर बढे बढे राष्ट्रों ,, पर भी अपना सिक्का चलाता है , ऐसे में ,इज़राइल की डिप्लोमेसी , इज़राइल की आर्थिक व्यवस्था , प्रबंधन , ,से विश्व के सभी देशों को सीखना चाहिए , ताकि वोह भी विकसित हो सके ,, मज़बूत हो सके , बेरोज़गारी , गरीबी से मुक़ाबला करके , खुशहाल हो सके ,, मज़बूत , सुरक्षित हो ,सकें , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)