आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 मई 2021

एक यक्ष सवाल था ,आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब प्रधानमंत्री कब बनेंगे , और बस यह आलेख लिखने का दुस्साहस कर बैठा ,

 एक यक्ष सवाल था ,आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब प्रधानमंत्री कब बनेंगे , और बस यह आलेख लिखने का दुस्साहस कर बैठा ,
सच्ची मोहब्बत वादों से नहीं,
परवाह से ज़ाहिर होती है....  कहने को तो यह एक साहित्यिक ज़ुबान है  ,, लेकिन देश की  जनता की प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी से व्यवहार , परवाह दारी मामले में ,  यह लाइने शत प्रतिशत सही , सच साबित होती है ,, अब तो आम जनता , नरेंद्र मोदी के ब्रांड को वोट देकर , चीख कर कहती है ,,
इश्क चख लिया था
इत्तफ़ाक से,
ज़बान पर आज भी
दर्द के छाले है.
खेर यह शेर शायरी की बातें है , जनता के जज़्बात है। . लेकिन आज दैनिक भास्कर में , प्रभु चांवला ,,, जो कभी सीधी बात ,  कहकर , पत्रकार हुआ करते थे ,, ,उन्होंने ,,  एक आर्टिकल , इंडियन एक्सप्रेस , में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहिब की नाकमयाबी पर , बढे डरते डरते , लिखा था ,उसका हिंदी रूपांतरण प्रकाशित किया है ,, निश्चित  तोर पर लिखते वक़्त , हर अल्फ़ाज़ में , मोदी जी , उनके भक्तजनों का खौफ है , लेकिन फिर भी डरते डरते , जो कुछ भी ,  सच लिखने की कोशिश की है  ,  ,यक़ीनन वोह क़ाबिले तारीफ रही , मेने उस आर्टिकल की फोटो ,, अपनी फेसबुक पर शेयर भी की है ,, मेरे एक उत्तर प्रदेश के जांबाज़  पत्रकार ने , इस आर्टिकल को पढ़ा , मुझे फोन किया ,,  पहले ठहाका लगाया ,, फिर सिर्फ एक सवाल किया ,, अख्तर भाई , तुम्हारी हर पोस्ट के पीछे , भाजपा के कुछ वेतनभोगी भक्त , टिप्पणीकार होते है , उनसे पूंछ कर तो बताओ ,, ,आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब प्रधानमंत्री कब बनेंगे ,, मेने कहा भाईजान , नरेंद्र मोदी जी , प्रधानमंत्री ही तो है , रहा सवाल भक्त जनों का तो वोह भटके हुए है , धीरे धीरे रास्ते पर आएंगे , आज नहीं तो कल , ओरिजनल राष्ट्रभक्त बन जाएंगे , ,, मेरे मित्र वरिष्ठ पत्रकार साथी ने , मुझे एक कहानी की याद ताज़ा की  , जिसमें , एक राजा , एक , भिखारन , महिला की खूबूसरती पर फ़िदा होकर , उसे अपनी महारानी बना लेता है ,, लेकिन वोह महारानी , महल में जाते ही , बीमार रहने लगती है , सभी हकीम ,वेध , उसका इलाज करने पर भी , नाकाम रहते है , उस महारानी की तबियत ठीक नहीं होती  है , अंत में एक अनुभवी हकीम ,,महारानी की पूर्व हिस्ट्री , वोह क्या करती थी , ,सभी के बारे में जानकारी लेता है , और राजा को कहता है ,के इन्हे रात को , रोज़ सुखी हुई रोटी  , पानी में भिगो कर , जब रोटी , गीली हो जाए तो , खिलाया करो , कुछ दिनों ,बाद  महारानी , की बीमारी ठीक हो गयी , ,वोह तंदरुस्त हो गयी , तब राजा को पता चला के ,, यह चाहे महारानी बन जाए , लेकिन मूल स्वभाव इनका छूट नहीं सकता ,, तो जनाब इन पत्रकार जी  ने कहा ,, के भाईजान, जनता जो लोकतंत्र की राजा होती है ,,, अपने लिए , देश को चलाने के लिए , एक लोकसेवक चुनती है , उसने भी बस यही गलती कर दी , अब , स्वभाव तो रणछोड़ दास का है , स्वभाव तो मुख्यमंत्री का है , इसलिए , यह जनाब खुद को ,, आज तक भी प्रधानमंत्री स्वीकार नहीं कर पाए है , खुद को मुख्यमंत्री से ज़्यादा बढ़ा आज तक भी नहीं समझ पा रहे है ,, ,उनका कहना था , के जनाबे , नरेंद्र मोदी जी ,, का व्यवहार आज भी प्रधानमंत्री की तरह नहीं है , अगर वोह प्रधानमंत्री होते , तो पहले तो ,, परम्परा के अनुसार ,,  आंकड़ा  नहीं होने पर भी , प्रतिपक्ष को  मान्यता देकर , प्रतिपक्ष , का नेता चुनते ,, अगर वोह प्रधानमंत्री होते , तो ,,  अपने अलग अलग विभागों के मंत्रियों को स्वतंत्र कामकाज करने की छूट देते , अगर वोह प्रधानमंत्री होते , तो सिर्फ खुद , और खुद के वफादार दोस्त , अमित शाह ,के अलावा भी , देश को संचालित करने के लिए ,,जो टीम है , उन्हें पूरा भरोसे के साथ , खुली छूट देते , अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होते , तो फिर  वोह , भाजपा के प्रचारक के रूप में , अपने प्रधानमंत्री के कर्तव्यों को छोड़कर ,, छोटे छोटे चुनाव , यानि हद हो गयी , हैदराबाद , म्यूनिसपिल्टी चुनाव , जैसे चुनाव प्रचारों में , अपने प्रधानमंत्री के वक़्त में से , 365 दिन में से कम से कम 200 दिन बर्बाद नहीं  करते , वोह तो शुक्र है , कोरोना है ,, जो प्रधानमंत्री जी , मोर के साथ खेल रहे है , वर्ना बाक़ी के दिनों में , यह प्रधानमंत्री साहिब , अमेरिका , चीन ,, जापान , इज़राइल ,, पाकिस्तान ,ब्रिटेन ,वगेरा देशों में होते ,, पत्रकार जी ने कहा , भाईजान , यह प्रधानमंत्री जी , नाम के है , बौद्धिक रूप से , कर्तव्यों की क्रियान्विति के हिसाब से , इन्होने खुद को अभी तक प्रधानमंत्री स्वीकार नहीं किया है ,, क्योंकि यह राज्य के मुख्यमंत्री थे , इसलिए तो ,प्रधानमंत्री जी , प्रधानमंत्री  के कर्तव्यों से अलग  हठ कर ,, सर मुख्यमंत्री तक सीमित है , वोह राज्यों में कैसे भाजपा के मुख्यमंत्री बनाये जाए ,, कैसे गैर भाजपाई सरकारों को गिरा कर , खरीद फरोख्त कर ,,  लोकतंत्र के मूल्यों की हत्या कर ,, राज्यपालों को राजधर्म से अलग थलग कर ,, ,मात्र एक अपनी पार्टी का वफादार कर्मचारी की तरह से कार्य करवाकर ,, ,, भाजपा का मुख्यमंत्री बनाये , बस  इससे ज़्यादा ,  उनका दिमाग नहीं चलता है ,,  पत्रकार जी ने कहा ,  भाईजान , आपकी पोस्टों पर रोज़  भक्त जन आते है , प्लीज़  , उन्हें समझाइश कर  कहो , के नरेंद्र मोदी जी से ज़रा पूंछे ,के वोह प्रधानमंत्री कब बनेंगे , कब प्रधानमंत्री के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे ,, क्योंकि प्रभु चांवला ,,जो कभी पत्रकार हुआ करते थे , वोह तो यह कड़वा सच कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए ,, राष्ट्रहित की  बात है , उन कहिये जनता ने , नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री चुना है ,, पार्टी का प्रचारक नहीं , मुख्यमंत्री बनाने , गिराने का षड्यंत्रकारी नहीं  ,,  सो  प्लीज़  ,,  नरेंद्र  मोदी साहिब  से कह दो , ,के वोह प्रधानमंत्री बन जाए ,,   उनसे पूंछो  , वोह प्रधानमंत्री कब बनेंगे ,, मेरे पत्रकार मित्र ने मुझे झकझोरते हुए कहा  ,के तुम  साहस दिखाओ  , तुम लिखो  ,  और यह विचार , यह सोच ,, यह अल्फ़ाज़ ,, आदरणीय प्रधानमंत्री बने हुए ,जो  प्रधानमंत्री के अलावा सारा काम कर रहे  है , उन्हें भी ,  इस आलेख की एक प्रति भेजिए ,, मेने अपना कर्म पूरा किया है  , कोशिश की है , मेने मेरे यह अल्फाज़  , प्रधानमंत्री जी   को भी  मेल कर दिया है , पत्र के ज़रिये भी भेज रहा हूँ ,, मेरा क्या होगा , मुझे पता  नहीं , ओरिजनल भक्त के अलावा , भारत  माँ को लहूलुहान करने वाले ,,  कुर्सी के लालची भक्त , मुझे किस  तरह नोचते है ,खसोटते  है ,, यह सब देखने की बात है ,, भविष्य की बात है ,,,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...