और जिस कि़स्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है) (21)
और बड़ी बड़ी आँखों वाली हूरें (22)
जैसे एहतेयात से रखे हुए मोती (23)
ये बदला है उनके (नेक) आमाल का (24)
वहाँ न तो बेहूदा बात सुनेंगे और न गुनाह की बात (25)
(फहश) बस उनका कलाम सलाम ही सलाम होगा (26)
और दाहिने हाथ वाले (वाह) दाहिने हाथ वालों का क्या कहना है (27)
बे काँटे की बेरो और लदे गुथे हुए (28)
केलों और लम्बी लम्बी छाँव (29)
और झरनो के पानी (30
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 मई 2021
और जिस कि़स्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है
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