सूरए अल फलक़
सूरए अल फलक़ मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी पाँच (5) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की हर चीज़ की बुराई से (1)
जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2)
और अँधेरी रात की बुराई से जब उसका अँधेरा छा जाए (3)
और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से (4)
(जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से जब हसद करें(5)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 मई 2021
जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2)
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