आपका-अख्तर खान

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08 मई 2021

जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2)

सूरए अल फलक़ सूरए अल फलक़ मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी पाँच (5) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की हर चीज़ की बुराई से (1)
जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2)
और अँधेरी रात की बुराई से जब उसका अँधेरा छा जाए (3)
और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से (4)
(जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से जब हसद करें(5)

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