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22 अप्रैल 2021

लोकडाउन में सख्ती , वाहन चेकिंग , वाहन ज़ब्ती ,,टारगेट टास्क में पुलिस अफसरों के तो ,, लोकडाउन गाइड लाइन के हिसाब से तलाशी के आदेश हुए , और ज़रूरतमंदों के गिड़गिड़ाने के बाद भी पुलिस ने , टारगेट टास्क , में गिनती पूरी करने के लिए , लोकडाउन शिथिलता में वाहनों की छूट होने पर ,भी , उनके वाहन ज़ब्त कर , उनके कार्यक्रमों में , परेशानियां पैदा कर दीं ,

 

लोकडाउन में सख्ती , वाहन चेकिंग , वाहन ज़ब्ती ,,टारगेट टास्क में पुलिस अफसरों के तो ,, लोकडाउन गाइड लाइन के हिसाब से तलाशी के आदेश हुए , और ज़रूरतमंदों के गिड़गिड़ाने के बाद भी पुलिस ने , टारगेट टास्क , में गिनती पूरी करने के लिए , लोकडाउन शिथिलता में वाहनों की छूट होने पर ,भी , उनके वाहन ज़ब्त कर , उनके कार्यक्रमों में , परेशानियां पैदा कर दीं ,, राजस्थान में तो ना जाने कितनी जगह इस तरह के मामले हो रहे होंगे , ,लेकिन कोटा में ,दो ऐसे मामले जानकारी में आये है , जिनमे टास्क गिनती पूरी करने के नाम पर ,, ज़रूरतमंदों को लोकडाउन में शिथिलता के सभी दस्तावेज होने पर भी उन्हें ,, प्रताड़ित किया गया ,, उनके वाहन ज़ब्त किये गए , वाहन में बैठे लोगों को परेशानी का सामना करना पढ़ा , और वाहन मालिकों सहित कार्यक्रमों से जुड़े लोगों को परेशान होना ,पढ़ा , , रेडक्रॉस सोसाइटी के मानद सचिव ,, समाजसेवक ,रिछपाल पारीक के छोटे भाई ,, महेश पारीक की छोटी पुत्र ऋतू का विवाह 25 अप्रेल को तय है , 18 अप्रेल को , महेश पारीक के संबंधी यानी , दूल्हे के पिता रमेश पारीक जयपुर सुपरफास्ट ट्रेन से कोटा आये , लड़की वालों ने उनके ठहरने की व्यवस्था , गुमानपुरा ,भारत होटल में की थी , खुद महेश पारीक जिनकी लड़की की शादी है , वोह कोरोना पोजेटिव होने से , स्टेशन नहीं जा सके ,,, और उनके पुत्र दीपक को , कार से स्टेशन लेने पहुंचा दिया ,, बस टास्क थी ,, पुलिस जाँच वाले श्री बाबू लाल जी थे , उन्होंने ,कार रोकी , जांच की , दीपक ने ,, शादी में आने की मेहमानों की ज़रूरत बताई , 25 तारीख बिनानी सभागार छावनी में शादी का कार्ड दिखाया , टिकिट दिखाए , भारत होटल में ठहराने की व्यवस्था की बात कही ,, लेकिन सभी सुबूत , जाएँ भाड़ में , उन्हें तो बस , ,गिनती टारगेट टास्क पूरा कर के अफसरों को बताना है , फिर मस्त होकर मटरगश्ती करना ,, यह सही है के ऐसी जांच टीमों में कुछ मानवीय दृष्टि से सोचने वाले लोग भी होते है , ऐसे पुलिस कर्मी इस टीम में भी थे , जो सभी सुबूतों के बाद कहते रहे साहब जाने दो , शादी का मामला है , गैर ज़रूरी बाहर नहीं निकला , कोरोना गाइड लाइन में भी छूट है ,, लेकिन सुने कोन गिनती टारगेट टास्क जो पूरा करना था , बस ठोक दिया चालान , खेर , गाडी तो छूट गयी , लेकिन अब , मेहश पारीक के पुत्र दीपक ख़ौफ़ज़दा है , वोह शादी की दूसरी व्यवस्थाओं से डरे हुए है , और उनकी आवाजाही थमी हुई है ,, इधर टोंक से एक कार में ,, कोटा स्टेशन पर उत्तरी सवारी को ,,लोग लेने आये ,, वोह सवारी को लेकर , निकल रहे थे ,, ड्राइवर का रोज़ा था ,, कार में बैठी सवारी के पास रेल के टिकिट , कार के कागज़ात पुरे कम्प्लीट ,, कार में महिला सवारी बच्चे भी टोंक जाने के लिए बैठे थे ,, लेकिन साहब की टास्क का एक जाट साहब , गिनती पूरी करने के जोश में थे , कार रोकी , ड्राइवर के , कार के सभी दस्तावेज देखे , टिकिट देखे , सवारी का टोंक रात्रि में जाने की बेबसी लाचारी की परवाह किये बगैर , जो गाड़ी नहीं चला रहा था , कार के कागज़ात नहीं होने का चालान बना कर ,कार ज़ब्त , अब जो सवारी कार में टोंक जाना चाहती थी , कल्पना करो उसके पास सभी टिकिट , सबूत होने के बाद भी ,,उसे कोटा से टोंक अपने परिवार के साथ जाने में कितनी परेशानी उठानी पढ़ी होगी , कार तो फिर छूट गयी , लेकिन इस मामले में , जाट साहब को सब ने समझाया , सवारी की परेशानी को समझाया , तब तो वोह नहीं समझे , लेकिन सुनते है , बाद में , उन्होंने जब खुद आत्मचिंतन किया , तो वोह खुद , इस 10 चालान टारगेट टास्क , की पूर्ति के लिए इस अन्याय , इस ज़्यादती के लिए , पश्चाताप में रहे , उन्होंने खुद ने , अपने आंतरिक स्तर पर ,अपनी यह गलती का अहसास किया , तो जनाब , लोकडाउन की पालना सख्ती से ज़रूरी है , लकिन जो लोग , मजबूरी में , अपने कागज़ात ,, सुबूतों के साथ ज़रूरत के लिए निकले है , उन्हें न सताया जाये ,, उनकी परिशानी का कारण ना बना जाए , बस इतना तो मानवीय दृष्टिकोण का चेहरा इस , भागम भाग , बीमारी के डर खौफ के माहौल में हमे दिखाना ही होगा ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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