आपका-अख्तर खान

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04 अप्रैल 2021

यूनिवर्सिटी जामिया हमदर्द के प्रोफेसर ,, अपने नाम अनीस के मायनों के साथ , मरीज़ों को इलाज में मिलावट रहित ,, उपयुक्त , कम क़ीमत ,पर , आवश्यकतानुसार ही दवा मिले , मरीज़ों के हमदर्द बनकर ,, फार्मेसी क्षेत्र में अध्यापन क्षेत्र के डॉक्टर बनकर , लेखक बनकर , समर्पण भाव से लगे हैं ,,,

यूनिवर्सिटी जामिया हमदर्द के प्रोफेसर ,, अपने नाम अनीस के मायनों के साथ , मरीज़ों को इलाज में मिलावट रहित ,, उपयुक्त , कम क़ीमत ,पर , आवश्यकतानुसार ही दवा मिले , मरीज़ों के हमदर्द बनकर ,, फार्मेसी क्षेत्र में अध्यापन क्षेत्र के डॉक्टर बनकर , लेखक बनकर , समर्पण भाव से लगे हैं ,,,
,, अख्तर खान अकेला ,,,
एक छोटी सी गोली ,, कहने को चाहे दवा है , लेकिन वही गोली ,, लोगों की ज़िंदगी बचाती है , मरीज़  को , मोत के मुंह से  निकाल लेती है ,, इसके लिए ,, डॉक्टर का , दवा उत्पादक का , सामंजस्य , सुरक्षित ज्ञान ज़रूरी है , और यह ज्ञान ,सिर्फ एक पाठ्यक्रम लेखक , एक ज्ञानर्धक प्रोफेसर ,, देकर ही , नयी दवाओं के अविष्कार , किस मर्ज़ के लिए कोनसी दवा देकर मरीज़ो को बचाये ,इस मामले में , मार्गदर्शक , निरीक्षक , दवाओं के बारे पढ़ाने वाला एक प्रोफेसर ही होता है ,, यह सब  कर्तव्य कर्तव्यबद्ध तरीके से , डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी ने , अपने फार्मेसी समर्पित जीवन में लगातार निभाया है ,, वोह जामिया हमदर्द कॉलेज शिक्षा सेवा से निवृत्त होने के बाद भी , अपनी पुस्तकों , अपने ज्ञानवर्धक रिसर्च पेपरों के माध्यम से , अध्यापन के माध्यम से ईमानदार फार्मेसिस्ट , दवा निर्माताओं , दवा विक्रेताओं , के लिए काम करने की कोशिशों में जुटे है ,,,,,
सभी के हमदर्द , सभी के मददगार यानी , अनीस ,, , फार्मेसी लेखन ,प्रोफेसर , गाइड ,गार्जियन ,डॉक्टरों के डॉक्टर ,, 45 साल  के राष्ट्रिय , अंतर्राष्ट्रीय ,, कामयाब सफर के साथ ,,  जवान ही , नहीं , माशाअल्लाह नौजवान होने पर भी , सरकारी नियमों की अड़चनों के चलते ,, फार्मेसी की दुनिया में सभी बंधनों से अलग हठ ,कर अपनी मन मर्ज़ी करने के लिए आज़ाद हो गए है ,,  डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी , उनकी अहलिया ,, रफ़त सिद्दीक़ी ,  उनके पुत्र समीर अहमद , पुत्री डॉक्टर सिमी  सिद्दीक़ी उनके सभी ससुराल , मायके , दोस्त , आहबाब को बधाई ,. उनकी तरफ से भी ,इस योम ऐ आज़ादी के जश्न पर ,डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी को बधाई , मुबारकबाद ,,  जी हाँ दोस्तों , जैसा नाम वैसा काम ,और अल्लाह के करम से ज़िंदगी का सफर भी उसी हमनाम संस्था के नाम ,,,, अनीस यानी , मददगार , यानी हमदर्द ,, अनीस अहमद पंजाब चंडीगढ़ से , फार्मेसी में मास्टर डिग्री के साथ , दिल्ली की नामचीन यूनिवर्सिटी , जामिया हमदर्द , यूनिवर्सिटी में ,, फार्मेसी के अध्यनरत छात्र , छात्राओं के हमदर्द , मार्गदर्शक , शिक्षक बने , वहीँ से उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि  हांसिल की ,, डॉक्टर अनीस अहमद ,,डॉक्टर भी रहे , तो सैकड़ों ,छात्र   छात्राओं के रिसर्च , गाइड रहकर , उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दिलवाने ,वाले  गाइड , मार्गदर्शक , हमदर्द रहे ,, डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी का , हमदर्द से हमदर्दी का यह सफर  कहने को 45 साल का है ,  लेकिन इन 45 सालों में ,, डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी के , हज़ारों छात्र , देश विदेश में अपनी प्रतिभा का झंडा गाढ़ रहे है , तो  सैकड़ों छात्र ,, छात्राये ,, दवा की फैक्ट्री के उत्पादक है , रिसर्च वैज्ञानिक है , प्रोफेसर है , फार्मेसी कॉलेज के मालिक ,संचालक है ,, इस जामिया  हमदर्द , के हमनाम पर्यायवाची शब्द , डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी , उनके परिवार ,उनके छात्र छात्राओं के लिए गर्व का विषय है , के विश्व के लगभग हर विकसित देश में उनके पढ़ाये हुए छात्र छात्र छात्राये , मौजूद है , जबकि खुद डॉक्टर अनीस अहमद भी ,  फार्मेसी शैक्षणिक  कंसल्टेंसी , प्रेक्टिकल इंटरनल शिप , , राष्ट्रिय , अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार , शैक्षणिक कार्यक्रमों में ,, देश के लगभग सभी राज्यों में ,, महत्वपूर्ण  ज़िलों ,में   विश्व के सभी शैक्षणिक शहरों में ,,उनकी फार्मेसी क्षेत्र  की विशिष्ठ ज्ञानवर्धक जानकारियों के साथ , अपनी  उस्तादी , उस्तादों के भी उस्ताद बनकर दिखा चुके है ,, डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी ,  मुंह से बोलकर ,,  छात्र छात्राओं को ,बोर्ड पर एकाग्रचित  होकर प्रोफेसर गिरी  के साथ , ,, फार्मेसी के हर वर्ग , हर विषय , हर क्लास के लिए ,,  आसान ज़ुबान में ,, पाठ्यक्रम की पुस्तकों के लेखक भी हैं , इनकी पुस्तकें , राष्ट्रिय ,  अनतर्राष्टीर्य स्तर पर , कई फार्मेसी कॉलेज , फार्मेसी कोर्स में ,आज भी ,पढ़ाई जा रही है ,,  दोस्तों  यह फार्मेसी और फार्मेसी से जुड़े छात्र , छात्राओं , वैज्ञानिकों की खुशनसीबी ही  है , के सरकारी विधि नियमों के चलते , 65 साल आयु होने की वजह से , एक  नौजवान , नौनिहाल को , जामिया हमदर्द  यूनिवर्सिटी ने ,, सिर्फ व्यवस्था मात्र  के लिए , बढ़ी ही इज़्ज़त ,, खुशनुमा , हौसला अफ़ज़ाई कार्य्रकम के साथ , विदा कहा है , अलविदा नहीं , अनीस जिसके लगवी यानी डिक्शनरी , मायने , मददगार , हमदर्द,, यारों का यार ,, शान्ति का प्रतीक  होता है , वोह उनके नाम के मुआफ़िक ,  उसके मायनों को सार्थक करते हुए ,, जामिया हमदर्द , उसके स्टाफ , उसके प्रबंधन , उसके मालिक , जामिया के छात्र छात्राओं के साथ , हमदर्दाना माहौल के साथ , अपने शैक्षणिक , रिसर्च दर रिसर्च , अपनी डॉक्टरेट , अपने राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों के साथ हमेशा रहेंगे ,, डॉक्टर अनीस अब यूँ तो सेवाओं के बंधन से आज़ाद है , लेकिन फार्मेसी शैक्षणिक , रिसर्च ,वैज्ञानिक रिसर्च , नयी दवाओं की रिसर्च , शैक्षणिक कार्यक्रम से विरत नहीं हुए ,है  ,, बल्कि आप के , हमारे , सभी के हौसलों के साथ , अपनी ज्ञानवर्धक जानकारियों में और इज़ाफ़ा कर , देश ,, विश्व के पीड़ित मरीज़ों के इलाज के लिए ,,  अध्ययन ,, रिसर्च ,उत्पादन ,लेखन ,सहित हर क्षेत्र में एक टीम की श्रंखला खड़ी करते रहेंगे , और इंशा अललाह ,  सह्तयाबी के इस नेक काम में ,, अल्लाह भी उनका मददगार ,है  , रहा है ,और रहेगा ,,, अनीस अहमद नाम  का एक लड़का  1976  में , जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी  का स्टूडेंट बनकर जाता है , वहाँ पढता है , फिर लेक्चरर , फिर डॉक्टरेट की उपाधि ,दर उपाधि के साथ , बहुमुखी प्रतिभा के डॉक्टरेट उपाधि वाले , डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी बन  जाते है ,,, फार्मेसी के हर कोर्स की किताबें , फार्मेसी पाठ्यक्रम को ,, सरलीकृत , टार्गेटिव करने के लिए ,, अलग अलग बेहिसाब पुस्तकों का , सारगर्भित  प्रकाशन करते है , लेखन करते है , और आज उसी जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी 31 मार्च 2021 को यूनिवर्सिटी के फार्मेसी शिक्षा खंड के ,, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट के पद से , तालियों की गड़गड़ाहट , ,लोगों के प्यार , दुलार , के साथ ,, विरत होते है , तो उनके , उनके परिवार जनों , रिश्तेदार , नातेदार , उनके स्टूडेंट्स , सभी के लिए गौरव की बात है ,,,, खुद के फार्मेसी अध्ययन के बाद वर्ष 1981 से आज वर्ष 2021 तक 40 साल का यह सफर ,, अल्लाह के करम से , सभी की दुआओं से ,, इज़्ज़तमआब रहा , बेदाग रहा , खुशनुमा रहा , कामयाब रहा ,, हर दिल अज़ीज़ रहा , यादगार रहा ,, राष्ट्रिय , अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त रहा , अनीस अहमद सिद्दीक़ी ,  दिल्ली   से है , लेकिन कोटा से उनका दामाद होने के कारण ,  मोहब्बत , अख़लाक़ ,खुलूस का रिश्ता है , केनेडा में ,उनके   पुत्र , पुत्र वधु , इंजीनियर  समीर सिद्दीक़ी है ,,, उनकी शरीक ऐ हयात , रफत सिद्दीक़ी ,  भी  लेक्चरर से सेवानिवृत है , उनकी भतीजी डॉक्टर जवेरिया ,, भतीजा इंजीनियर शाहरुख़ खान ,, एम बी ऐ , इश्बा ,  शाहज़िल , भांजी केमिस्ट्री टॉपर सबा नाज़ ,, मेथ्स टॉपर श्रीमती अनम नाज़  ,,  भाई रईस सिद्दीक़ी ,,  भतीजे , भांजे ,, बहने , बहनोई , सभी को उन पर नाज़ है ,, अनीस अहमद , जामिया हमदर्द के हमदर्द तो हैं , ही ,छात्र  छात्राओं के हमदर्द तो हैं ही ,, लेकिन अपने परिवार , अपने नातेदार , रिश्तेदारों के भी माशाल्लाह , हर दिल अज़ीज़ , इज़्ज़तमआब ,,  हमदर्द है ,, इतनी खूबियों के बावजूद भी , एक अच्छे शोहर की खूबी ,, से वोह मालामाल है ,,  रिमोट से चलना ,, निकाह के वक़्त ,  बीवी मुट्ठी खोल में तेरा गुलाम , वाले वायदे को , पूरी ईमानदारी से  मुस्कुराते , मुस्कुराते निभाना ,, उनकी खासियत है , क्योंकि वोह खूब जानते है , खूब मानते है ,के,,  हर शख्स की कामयाबी के पीछे ,  महिला का हाथ ही होता है , वोह जानते है , वोह मानते है ,,,  एक बच्चे से गोल्ड मेडलिस्ट ,, प्रतिभावान  छात्र बनते वक़्त ,,  उनकी कामयाबी के पीछे , उनकी माँ और फिर निकाह क़ुबूल , निकाह क़ुबूल के बाद ,,उनकी कामयाबी के पीछे , उनकी शरीक ऐ हयात ,,रफत सिद्दीक़ी ही  हैं ,, उनके वालिद नफीस सिद्दीक़ी  की दुआएं उनके साथ रहीं ,,यही तो वजह है  के एक तरफ डॉक्टर अनीस  सिद्दीक़ी ,  अध्य्यन ,,  अध्यापन ,,  पाठ्यक्रम पुस्तक लेखन से जुड़े रहे ,    लोगों के हमदर्द रहे ,, हर दिल अज़ीज़  रहे ,, अंतर्राष्ट्रीय फार्मेसी प्रशिक्षक , रहे ,,, कई प्रतिभा के धनी रहे ,,, तो दूसरी तरफ दो बार   हज , दो बार उमराह के साथ , पांचो वक़्त के नमाज़ी , इबादतगार भी हैं ,, डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी ने 30 से अधिक , फार्मेसी पाठ्यक्रम के हर विषय पर ,,,, पुस्तकों का लेखन किया ,, जो लगातार , नवीनीकृत होकर , पाठ्यक्रम में  ऑन डिमांड पढ़ाई जा रही हैं ,, डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी के 200 से अधिक  रिसर्च पेपर ,, ख्यातनाम यूनिवर्सिटियों के शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए आज भी उपयोगी हैं ,, यूँ तो , डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी , लगातार  प्रतिभावान गोल्ड  मेडेलिस्ट रहे  हैं ,, लेकिन उनकी अध्ययन , अध्यापन ,, फार्मेसी क्षेत्र में समर्पण का ही नतीजा है , ,के उन्हें ,,,1999 में अंतररष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका में आयोजित अंतराष्ट्रीय फार्मेसी विशेषज्ञ सेमिनार में डॉक्टर ऑफ़ साइंस के एवार्ड के साथ , राजकीय समारोह में , सम्मानित किया गया ,,  डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी , उनके परिवार , उनके स्टूडेंट्स , उनके साथ काम करने वाले स्टाफ ,, उनका जामिया हमदर्द ,, भारत के  लिए , अंतर्राष्ट्रीय डॉक्टर ऑफ़ साइंस की उपाधि एक गौरवानिवत करने वाला अविस्मरणीय यादगार पल रहा है ,, जबकि राष्टीर्य अनतर्राष्टीर्य , राज्य ,, जिला स्तरीय , राजकीय , निजी समारोह ,में डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी , उनकी प्रतिभा , उनकी फार्मेसी शैक्षणिक समर्पण के लिए ,, सैकड़ों बार नहीं ,, हज़ारों हज़ार बार पुरस्कृत होते रहे है ,, डॉक्टर अनीस अहमद कहते ,है ,, फार्मेसी कोई विषय नहीं , फार्मेसी ,एक ताक़त है , जो खुदा ने ,  लोगों को बीमारी ,में शिफा देने ,,  बीमारी से बचाने ,  मोत के मुंह में छटपटा रहे ,, लोगों को मोत के मुंह से बचाने का एक मिशन है , इसमें रोज़  नया पढ़ना ,नया लिखना ,, नया अविष्कार ,, ईमानदारी से , काम करना ,,बहुत ज़रूरी है ,,, क्योंकि हर मुश्किल घडी में दुआएं , या फिर दवाएं ही साथ देती ,है  एक  विशेषज्ञ चिकित्सक का किसी भी मरीज़ की बीमारी का ,, परीक्षण , और उसके बाद , ईमानदारी से , मिलावट रहित ,,, उचित मूल्य की  दवा , उस दवा की मरीज़   की आयु ,  वज़न ,,  प्रतिरोधक  क्षमता के अनुसार ,,  ,निर्धारित समयावधि के अंतराल में देकर ,, अल्लाह ,  की तरफ से आयी बीमार की परेशानी के अलावा मरीज़  को , हर बिमारी , हर मर्ज़  से बचाया जा सकता है ,,, तंदरुस्त किया जा सकता ,है , ,,मरीज़  को अनावश्यक दवाओं  को रोककर  ,,  मरीज़  को दी जाने वाली , ,ग्राम , मिलीग्राम , डोज़ के विधि नियमों का पालन कर ,, उसे साइड एफेक्ट से बचाकर अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता ,,है ,, इसके लिए फार्मेसी के विधि नियमों का ईमानदारी से पालना ज़रूरी ,है  जबकि चिकित्सकीय इलाज ,में ,इसे व्यापार नहीं समझकर , सेवाभाव से किया जाने वाला  कर्तव्य समझना ज़रूरी ,है ,, डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी की फार्मेसी विधि नियम ,,एथिक्स ,, ज्ञानवर्धक जानकारियों पर लिखित पुस्तके ,, फार्मेसी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए तो उपयोगी है ही सही ,, लेकिन मेरे जैसे वकील के लिए भी बहुपयोगी होने से लाभप्रद है ,, क्यौंकि   किसी भी मरीज़ का ,  डॉक्टर के डाइग्नोसिस ,, उसका इलाज , उसको दी जाने वाली दवा , उसका तरीक़ा , मरीज़  के  स्वास्थ्य में आने वाले बदलाव , से , डॉक्टर की मेडिकल नेग्लिजेंसी साबित किया जाना आसान हो जाता है , और यक़ीनन ,,  मेडिकल नेग्लिजेंसी से जुड़े , , उपभोक्ता मरीज़ों के कई वाजिब मामलों में ,, मेने ,, मेरे साथी आबिद अब्बासी एडवोकेट  की पैरवी ,ने  उपभोक्ता फॉर्म पीठ को ,, डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी की पुस्तकों में लिखित स्वीकृत मापदंडों को दिखाकर , मुक़दमे जीत कर , मरीज़ , उनके परिजनों को मुआवज़ा  दिलवाया है ,, जबकि ईमानदारी  ,सावधानी से किये गए इलाज के बाद ,, मेडिकल नेग्लिजेंसी का मामला नहीं होने पर , भी , मेडिकल नेग्लिजेंसी का मामला पता कर प्रस्तुत परिवादों को ,डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी की  प्रकाशित पुस्तकों में से , , फार्मेसी एथिक्स ,, में वर्णित तथ्यों को विधिक तरीके  से साक्ष्य , तथ्यों में प्रस्तुत कर ,, अनावश्यक परिवाद ख़ारिज भी  करवाए है ,, तो दोस्तों , लोगों की ज़िंदगी बचाने के लिए ,, दवाओं के व्यापार , उपयोग ,, नियंत्रण , अध्ययन , अध्यापन को लेकर , ,चिंतित , चिंतक , समर्पित ,  प्रोफेसर , विभागाध्यक्ष ,अंतर्राष्टीर्य स्तर पर पुरस्कृत ,, डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी के , फार्मेसी के प्रति ,, ईमानदाराना समर्पण को सेल्यूट , सलाम ,,  अल्लाह से दुआ है ,, के डॉक्टर अनीस सिद्दीक़ी  दवाओं के सही उपयोग , दवाओं के सही , अविष्कार ,  दवाओं के साइड एफेक्ट से बचाव ,, किस आयु ,, किस वज़न वाले मरीज़ को , कितनी दवा दी जाए ,, उसका फार्मूला ,, दवाओं के मूल्य नियंत्रण ,दवा संबंधित , विधि नियम ,की पालना , चिकित्सको  का सामजस्य ,, दवा उत्पादन में बिना मिलावट के ईमानदाराना व्यवहार ,, कम क़ीमत में बेहतर दवा का उत्पादन , सीमित मुनाफे में दवा का मरीज़ों तक पहुंचाने का विक्रय कार्य , वगेरा वगेरा ,, मामले में सजग , सतर्क , साक्षर करने के लिए , उनके जैसे , मास्टर , लेखक , चिंतक ,, वैज्ञानिक ,दवा विक्रेता , व्यापारी ,, दवा उत्पादक फैक्ट्री उद्ययोपतियों को निखारते रहे ,, निखारते रहे , ताकि दवा के व्यापार के नाम ,पर  ,, नक़ली दवाओं के नाम पर , अनावश्यक दवाओं की खरीद के नाम पर ,, सस्ती दवाये उपलब्ध होने पर ,भी  उसी फार्मूले  की ,,  महंगी से महंगी कमीशन की दवाये लिखकर , कमीशन खोरी के  नाम  पर ,जो भ्रष्टाचार है , मनमाने है ,वोह रुके , दूसरी तरफ  मरीज़ को भूखे पेट , खाने के बाद , ,खाने के पहले ,, कितने समय बाद , कितनी ग्राम , कितनी मिलीग्राम ,, कोनसी दवा बिना किसी साइड एफेक्ट के देना है ,,  ऐसी साक्षरता से ,, मरीज़ जल्दी से जल्दी , असाध्य बिमारियों के होने ,पर भी कम खर्च पर , कम समय में , सुरक्षित तरीके से ,तंदरुस्त रहे ,, अख्तर खान अकेला कोटा रा

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