ऐ अल्लाह बहुत हुई , हमारे गुनाहों की सज़ा ,, तुझ से तोबा है , गुनाहों की तोबा है , तू अब हमे बख्श दे , हमे इस वबा , इस ज़ालिम बिमारी से नजात दिला दे , तू हमे तेरी हिफाज़त में ले , सभी को हर बिमारी , हर परेशानी से आज़ाद कर फिर से , खिलखिलाहट , मुस्कुराहट , मोहब्बत , प्यार के जज़्बे से , तेरी बनाई हुई इस सरज़मीं पे , तेरी इस गुनाहगार मख्लूक़ को ,, आबाद रख , तू हमे इस बिमारी , परेशानी से आज़ाद कर , अख्तर
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