उन्नीस पे बीस , बीस पे इक्कीस भारी ,,, लेकिन फिर भी , हमारे छोटे भाई शाहनवाज़ पे , हमारी बहु , भारी भी और प्यारी भी ,,, जी हाँ दोस्तों , हर दिल अज़ीज़ , युवा कर्मठ , भाई शाहनवाज़ के निकाह बंधन , क़ुबूल है ,क़ुबूल है ,क़ुबूल है ,, बीवी मुट्ठी खोल में तेरा गुलाम , के वायदे को , माशाअल्लाह , खुशमिजाज़ी , सह्तयाबी , कामयबी के साथ , पुरे इक्कीस साल हो गए ,, भाई शाहनवाज़ , हमारी बहु को ,इस , इक्कीस साल के बालिग़ रिश्ता होने पर , कामयाबी , सह्तयाबी , खुशहाली ,,उम्रदराज़ी की बेशुमार दुआए ,,, भाई शाहनवाज़ का निकाह बंधन , चाहे इक्कीस साल का बालिग़ हो गया हो , लेकिन माशा अल्लाह इस बीच बोनस में , उनके साथ दो 18 साला वोटर , एक अपकमिंग वोटर भी है , अल्लाह , सभी को सेहतयाब , खुशहाल रखे ,, राष्ट्रपति एवार्डेड शिक्षक ,, जनाब असगर अली साहब के इकलौते सुपुत्र है ,,, जिनकी परवरिश में खुश मिजाज़ी , ईमानदारी , वफ़ादारी , दयानतदारी है ,, और इसीलिए , शाहनवाज़ सभी के लिए हर दिल अज़ीज़ है ,,, कोटा के समाजसेवक , प्रारम्भिक शिक्षा क्षेत्र में ,,साक्षरता की अलख जगाने के कार्यक्रम से जुड़े ,हर दिल अज़ीज़ ,, मेरे छोटे भाई शाहनवाज़ अली को आज उनकी शादी की सालगिरह पर ,,सह्तयाबी ,उम्रदराज़ी ,कामयाबी ,खुशहाली की बेशुमार दुआओं के साथ बधाई ,, मुबारकबाद ,, शाहनवाज़ अली छात्र जीवन से ही ,कई समाज सेवी संगठनों से जुड़कर , लोगों की मदद कार्यों से जुड़े है ,वोह अस्पताल में मरीज़ों के सेवाभावी रहे है ,जबकि छात्र समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर , सक्रिय रहे है ,शाहनवाज़ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पेड़ लगाओ ,पेड़ बचाओ , की ज़िम्मेदारियों से जुड़े है ,, मुस्कुराता चेहरा , लोगों के लिए बिना किसी लोभ लालच के हमेशा साथ खड़े रहकर उनके दुःख दर्द में मददगार बनना इनकी खासियत है ,, शाहनवाज़ अली , छात्र कांग्रेस में पदाधिकारी रहे ,फिर यूथ कांग्रेस से जुड़कर कांग्रेस के कई आन्दोलन में शामिल हुए ,,इन्होने डॉक्टरों की लूट के खिलाफ आंदोलन किया और भाजपा शासन में द्वेषतापूर्ण झूंठे मुक़दमों का मुक़ाबला करते हुए ,उनमे साक्ष्य के अभाव में बा इज़्ज़त बरी भी हुए , शाहनवाज़ खान ,सेवाभावी होने से ,सेवादल कांग्रेस , के केडर प्रशिक्षित कार्यर्कता , पदाधिकारी रहे है ,,, ,शाहनवाज़ अली सभी धर्म ,वर्ग ,समाज से जुड़े लोगों में इनकी मिलनसारी ,, की छाप छोड़ते है ,, छोटा हो ,चाहे बढ़ा हो ,,सभी के यह चहेते , किसी के मित्र ,किसी के छोटे ,किसी के भाईजान ,,के रूप में इनकी पहचान है ,, रोज़ मर्रा शाहनवाज़ अली अपने कई साथियों के साथ ज़रूरतमन्दों की मदद भी करते हुए देखे जाते है ,,प्रारम्भिक शिक्षा क्षेत्र में स्कूली शिक्षा को लेकर इन्होने अलग अलग बस्तियों में साक्षरता से लोगों को जोड़ने के लिए निशुल्क शिक्षा कार्य्रक्रम भी शुरू किया था ,,शाहनवाज़ अली राष्ट्रिय शिक्षा पुरस्कार प्राप्त ,, हाजी असगर अली के इकलौते वारिस है , वोह नियमित ,कोटा शहर में सीधे समाजसेवा से जुड़े साथियों को तलाशते है ,उनके सेवाभावी जज़्बे को देखकर ,वोह नियमित अलग अलग हिस्सों में जाकर ऐसे समाजसेवाभावी लोगों का उत्साहर्वधन करने के लिए , उनका स्वागत करते है ,, उन्हें प्रतीक चिन्ह देकर ,उनकी सेवाओं को यादगार बनाने के प्रयास करते है ,, भाई शाहनवाज़ अली हर दिल अज़ीज़ ,, यारबाजी की अपनी अलग पहचान रखते है ,उन्हें एक बार फिर उनकी शादी की इक्कीसवीं सालगिरह पर बधाई ,मुबारकबाद ,, अल्लाह उन्हें सह्तयाबी ,उम्रदराज़ी , खुशहाली के साथ ,उनके हर मंसूबों में कामयाब करे , आमीन ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्था
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अप्रैल 2021
उन्नीस पे बीस , बीस पे इक्कीस भारी
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