कोटा मेडिकल कॉलेज में ,, ऑक्सीजन सप्लाई कुपबंध पहली बार नहीं , पिछले साल भी कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज में यह अव्यवस्था हो चुकी है,, कुछ लोगों की अकाल मोत इसी ज़िम्मेदारी पर हुई है ,, खेर पहले हो गया सो हो गया , फिर ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था दुरुस्त करने के बढे बढे वायदे , और वही ढाक के तीन पात , मरीज़ों की कतारें , रोना , पीटना ,गिड़गिड़ाना ,फिर मरीज़ों को यूँ हमे छोड़ कर चले जाना ,, सही मायनों में , इस बार , देश कोरोना के खतरे की घंटी होने पर , भी , हर खतरे से बेखबर रहा , प्रधानमंत्री साहिब ,भाजपा के ब्रांड एम्बेसेडर बने रहे , और देश के प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारियों को उन्होंने तिलांजलि दे दी ,, भाजपा के ब्रांड एम्बेसेडर , देश के राज्यों में चुनी हुई सरकारें गिराने , देश की दूसरी पार्टी के लोगों को हाथ जोड़ी , खरीद फरोख्त करके , पानी पार्टी में शामिल करने की ज़िम्मेदारी निभाते रहे , वोह जैसे भी पढ़े लिखे है ,, लेकिन समझदार है , राजनीतिक अवसरवादी है , ज़ाहिर है , उन्हें देश के हर राज्य में ,भविष्य के इस कोहराम की उनके अधीनस्थों ने जानकारी दी होगी , उन्हें इस कोहराम ,, अकाल मौतों , बीमारी की खतरनाक त्रासदी के भविष्य की जानकारी होगी , लेकिन मन की बात , तो मन में रखी , और मन की बातों में वोह सब बातें रखी जो नहीं होना चाहियें थी , जो गैर ज़रूरी थी , खेर जो हो गया सो हो गया ,गलती , अशोक गहलोत की है , गलती योगी जी महाराज की है , गलती शिवराज सिंह जी की है , गलती उद्धव ठाकरे जी की या किसी भी मुख्यमंत्री की है , लेकिन आप तो देश के मुखिया हो , आपकी आई बी , आपके चिकित्सा सलाहकार , आपकी विदेशों की रिपोर्टें , आपके मीडिया के मुखबीर और आप तो सच में गैर ज़िम्मेदरी ही दिखाते रहे ना , हमारे टीके अगर सही थे , तो हमने लगवाए , टीके लगाने के बाद भी कोरोना पोजेटिव , गंभीर मरीज़ों की संख्या ज़बरदस्त है , हमारे टीके आपने , विदेशों में भेज दिए ,, हमारे देश में हां हाकार और दूसरे देशों में परोपकार , कुछ बात हज़म नहीं हुई , ,आप चुनाव की रैलियां बिना मास्क के कैसे कर सकते थे , आप अपनी पार्टी के मुख्यमंत्रियों , नेताओं को , ऐसी रैलियों से , ऐसे प्रदर्शनों से ,, रोक सकते थे , आप देश और देश के लोगों की ज़िंदगियों के बारे में ,, इस हाहाकार को रोकने के बारे में सोच सकते थे , प्लानिंग कर सकते थे , मुख्यमंत्रियों की बैठक कर सकते थे , सुझाव लेकर , उन्हें क्रियावन्त कर सकते थे , लेकिन आप तो , ,राजधर्म से लग हठ कर ,साम्राजयवाद की तरफ है , जहां आपको नकार दिया गया , उन राज्यों में भी आप जींद लेकर , ऍन केन प्रकारेण सरकारें अपनी बनाने की ज़िद में , देश के एक सो चालीस करोडो लोगों की ज़िंदगियों के साथ खेलने में लगे रहे , नतीजा गंभीर है , आपकी दवाइयां नहीं , जीवन रक्षक , इंजक्शन नहीं , अस्पतालों में व्यवस्था नहीं ,, सब कुछ चौपट है , हालात यह हैं , उत्तर प्रदेश की सरकार की ढिलाई के खिलाफ , जब लोकडाउन की घोषणा इलाहबाद हायकोर्ट ने की तो , आपकी उत्तरप्रदेश सरकार लोकड़ाउंन से असहमत होकर , सुप्रीमकोर्ट गयी , सुप्रीमकोर्ट ने भी , उत्तरप्रदेश लोकडाउन मामले में ,, उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को बदल दिया ,, तो जनाब इसके मायने लोकडाउन सुप्रीमकोर्ट में धारा शायी हो गया , तो फिर आपके दूसरे प्रदेश की सरकारों , गैर भाजपा सरकारों में आप चिंतन मंथन क्यों नहीं करते , क्यों पश्चिमी बंगाल के पुरे चुनाव के इन्तिज़ार में हो , क्यों ,, उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों के इन्तिज़ार में हो ,, लोकतंत्र में चुनाव से ज़्यादा ज़रूरी लोगों की ज़िंदगियाँ होती है , , लेकिन आपका राजधर्म , दल बदल करवाना , खरीद फरोख्त कर , अपनी सरकार नहीं होने पर भी , सरकार बनाना ,,सिर्फ यही बचा है , ,लेकिन अब हालात , प्रलय जैसे है , लोगों की स्थिति नारकीय है ,ऐसे में आप कुछ समय के लिए , भाजपा के चुनाव ब्रांड एम्बेसेडर , भाजपा की सरकारें बनाने वाले , पोर्टेक्टर से त्याग कर , देश के प्रधानमंत्री बन जाइये ,, देश के , देश के बिलखते ,, रोते ,तड़पते ,, गिड़गिड़ाते लोगों के बारे में सोचिये प्लीज़ ,, सोचिये , यूँ तो आपके भक्तों की फौज के पास बहुत सारे कुतर्क है , कुप्रचार के माध्यम है ,, अपशब्द , गालियां है , लेकिन कभी उनसे भी मन की बात कर ,उन्हें तहज़ीब के दायरे में रहना सिखा दीजिये प्लीज़ ,, आप एक टास्क फ़ोर्स भेजिए , केंद्र के सारे आर्थिक आपात लागु कर ,सिर्फ चिकित्सा मैनेजमेंट की आपात स्थिति लागु कीजिये , देश में जितने भी , सरकारी , गैर सरकारी चिकित्सालय है , उन्हें अधिग्रहित कर , सरकारी मापदंडों के अनुसार उनके चिकित्सकों , सिस्टम से , देश के मरीज़ों के इलाज का धर्म निभाइये , , जब किसी किसान की हरी भरी , ज़मीन ,उपजाऊ ज़मीन , जनहित के नाम पर , सरकारी सिस्टम में , सीमित मुआवज़े पर ,अधिग्रहित की जा सकती ,है , जब देश में आपात व्यवस्था के बंधनों , महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत , कार्यवाही का अधिकार आपके पास है , तो प्लीज़ , देश के सारे ,, निजी , रेलवे , मिलेट्री , सरकारी , अर्धसरकारी , अस्पतालों को सम्पूर्ण व्यवस्थाओं के साथ , अधिग्रहित कर , उन्ही के सिस्टम , उन्हें के प्रबंधन के ज़रिये , देश के मरीज़ों को बचा ले , आपके पास तो ग्रह मंत्री आपके दोस्त ,है , चिकित्सा मंत्री खुद डॉक्टर है , तो फिर कोताही क्यों , क्यों देश के लोगों को , संसाधन होने के बावजूद भी , मरने के पहले ,तड़पने , बिलखने , गिड़गिड़ाने , और निजी चिकित्सालयों में लाखों लाख रूपये से लूटने के लिए मजबूर करते हो ,,, लेकिन निजी चिकित्सालय , आपको , आपके स्थानीय नेताओं को , प्रभावित करते है , शायद देश में मरीज़ों की ज़िंदगियाँ से खेलने की छूट उन्हें इसीलिए मिली हो ,, वक़्त है अभी उदारता दिखाने ,का वक़्त है अभी ज़िम्मेदारी दिखाने का , वक़्त है ,अभी राजधर्म दिखाने का , लेकिन इसके लिए ओरिजनल , छप्पन इंच के सीने की ज़रूरत है ,, क्या आप अपने सीने को ओरिजन रूप से छप्पन इंच का बनाकर , यह सब कर सकोगे ,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)