अंतरराष्ट्रीय
हास्य व्यंग्य कवि डॉ सुरेंद्र यादवेंद्र का जन्मदिन बारां के वरिष्ठ
कवियों एवं साहित्य कारों ने उत्साह पूर्वक मनाया.
बारां जिले के
हास्य गौरव,राष्ट्रीय कवि संगम,बारां के सरंक्षक अंतरराष्ट्रीय
हास्य-व्यंग्य कवि डॉ. सुरेंद्र यादवेंद्र जी का 58 वां जन्मदिवस उनके
स्वनिवास पर साहित्यकारों द्वारा अक्षत तिलक चंदन लगा संग गुलाब की मालाएं
पहनाकर मनाया गया। इस अवसर पर सभी कवि मित्रों के साथ केक भी काटा गया।इन
सुखद पलों में बारां शहर के सभी साहित्यकार उपस्थित रहें। सभी ने
काव्य-पुष्प के माध्यम से उनको सुखद जीवन की शुभकामनाएं प्रेषित की और
स्वस्थ स्वास्थ्य और दीर्घायु हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।इस मौके पर
राष्ट्रीय कवि संगम बारां के जिलाध्यक्ष दयाचंद जैन ने प्रकाश डालते हुए
कहा कि बारां जिले का नाम आज विश्वस्तर तक गौरवान्वित करने वाले यादवेंद्र
जैसे हास्य रस के सहज कवि,कवि सम्मेलनो के मंच पर बेहद कम नजर आते
है,जिन्हें पूरा परिवार एक साथ बैठकर सहजता से सुन सके। इसी बीच राजस्थानी
प्रसिद्ध गीतकार और राष्ट्रीय कवि संगम जिला बारां के सरंक्षक कवि बाबू
बंजारा ने काव्यमयी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी
कविताओं के माध्यम से लोगों को प्रेरणा देने का काम किया है। कवि होने के
साथ ही वह एक अच्छे विचारक भी है। इस मौके पर उन्होंने कई कविता लिखी जो आज
भी लोगों को प्रेरित कर रही है जिसमें सीमा पर शहीद हुये हनुमनथप्पा जैसी
रचना काफी चर्चित है।
इस अवसर पर बारां रनर्स क्लब की और से अल्ट्रा रनर मोनू पंकज ने भी यादवेंद्र जी को माला पहनाकर उनका आत्मिक अभिनंदन
करते हुए सुखद शुभकामनाएं प्रेषित की। करसों खेत खलाण के जिलाध्यक्ष
सूरजमल मियाडा ने यादवेंद्र जी को इस मौके पर हाडौती पंचाग उपहार स्वरूप
भेंट किया।
राष्ट्रीय कवि संगम जिला बारां के मीडिया प्रभारी पियूष
परिंदा एवं जिला महामंत्री मयंक सोलंकी ने बताया की इस सुखद बेला पर
राष्ट्रीय कवि संगम के जिलाध्यक्ष दयाचंद जैन,सरंक्षक बाबू बंजारा,जिला
महामंत्री मयंक सौलंकी,जिला मंत्री सोनू सुरीला,नगर अध्यक्ष नाथूलाल
मेघवाल, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष भैरूलाल भास्कर, सचिव रमन
अजमेरा,करसों खेत खलाण के जिलाध्यक्ष सूरजमल मियाडॉ,मोनू पंकज सहित
परिवारजन पवन यादवेंद्र उपस्थित रहे।अंत में डॉ सुरेंद्र यादवेंद्र ने सभी
कवियों के स्नेहसंबल एवं हार्दिक शुभकामनाओं के लिये सादर आभार व्यक्त
किया.
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 मार्च 2021
अंतरराष्ट्रीय हास्य व्यंग्य कवि डॉ सुरेंद्र यादवेंद्र का जन्मदिन बारां के वरिष्ठ कवियों एवं साहित्य कारों ने उत्साह पूर्वक मनाया
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