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21 मार्च 2021

कोटा नार्थ लॉयंस क्लब ,, कोटा ट्रेफिक पुलिस , हेलमेट के नाम पर चालान वसूल कर , व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध , उसे 11 फिट हेलमेट के नीचे लेजाकर , शपथ दिलाने का जो ढकोसला कर रही है ,

कोटा नार्थ लॉयंस क्लब ,, कोटा ट्रेफिक पुलिस , हेलमेट के नाम पर चालान वसूल कर , व्यक्ति की  इच्छा के विरुद्ध , उसे  11 फिट हेलमेट के नीचे लेजाकर , शपथ दिलाने का जो ढकोसला कर रही है , कहीं वोह पुलिस और लायंस क्लब के कर्ता धर्ताओं को आपराधिक क़ानूनी उलझन में ना फंसा दे , क्योंकि चालान काटना अलग बात है , लेकिन चालान काटने के बाद , किसी भी व्यक्ति को , नियम क़ायदे क़ानून के विपरीत उसकी इच्छा के विरुद्ध जबरन , रोककर ,  अपह्रत कर , किसी भी दूसरे स्थान पर ले जाना और फिर उसकी इच्छा के विरुद्ध कार्यवाही करने पर मजबूर करना , क़ानून की संगीन धाराओं के तहत अपराध की श्रेणी में आता है , और किसी भी पुलिस अधिकारी को  , इस तरह की छूट क़ानून में नहीं दी गयी है , ना ही किसी समाज सेवी संस्था को इस तरह के अपराध की छूट है ,, आज कोटा के एक अख़बार में , ट्रेफिक पुलिस द्वारा , कोटा नार्थ लायंस क्लब की मदद से , हेलमेट नहीं  पहनने वालों को ,, चालान बना कर , यानी जो अपराध उसने किया है उसकी सज़ा देकर ,, छोड़ने की जगह ,, उसकी  इच्छा के विरुद्ध , परिजात कॉलोनी महावीर नगर स्थित , 11 फिट हेलमेट के नीचे ले जाकर शपथ दिलाने के ढकोसले की खबर प्रकाशित हुई है ,,,, हेलमेट किस वजह से व्यक्ति नहीं पहन सका , जांच उसकी होना चाहिए , खेर हेलमेट नहीं पहना , तो चालान काट दिया , अब उस शख्स के खिलाफ पुलिस या कोई भी संस्था किसी भी तरह की कार्यवाही करने के लिए अधिकृत नहीं है ,अगर ऐसा होता है तो वोह सिर्फ गैर क़ानूनी आपराधिक कृत्य से ज़्यादा नहीं है ,, ट्रेफिक पुलिस , सिर्फ हेलमेट नियम की  धारा ही क्यों याद रखती है ,, वाहन चलाते समय , मोबाइल पर बात चीत ,, कारों में सीट बेल्ट का नियम होने पर भी बिना सीट बेल्ट के धड़ल्ले से क़ानून तोड़ते हुए जाते लोग ,, ओवर लोड वाहन , ट्रेफिक नियमों को धता बताकर , दृष्टि भ्रम के विज्ञापन ,, शहर में कृषि सामग्री के अलावा ,चल रही ट्रेक्टर ट्रॉलियां ,, वाहन स्टेण्ड की जगह , ठहराव स्थल नहीं होने पर भी , मिनी बस , ऑटो ,, बस ,, वगेरा का अचानक रुक कर ट्रेफिक व्यवस्था भंग करना ,, लावारिस कहो ,, या पालतू जानवरों की सड़को पर जुगलबंदी के बाद उनको कांजी हाउस नहीं पहुंचाना , उनके मालिकों के खिलाफ चालान पेश नहीं करना ,, ऐसे जानवरों को बीच सड़क पर , या चारा पॉइंट के अलावा , मनमाने तरीके से चारा डालकर , यातायात अव्यवस्थित करना ,,, ऑटो , मिनी बस , मैजिक या टेम्पो के ड्राइवरों द्वारा वर्दी नहीं पहनना , रेटलिस्ट नहीं लगाना ,,  सड़कों के चारो सिम्त नो पार्किंग में वाहन खड़े करना ,, अतिक्रमण के नाम पर , आसपास दुकानदारों द्वारा फुटपाथ और सड़कों के किनारे अपने सामान जमा कर मार्ग छोटा और अवरुध्द कर देना , यह ऐसे अपराध है  के ट्रेफिक पुलिस की सीधी ज़िम्मेदारी में आते है ,, इन अपराधों की संयुक्त  रोकथाम के लिए कोटा नार्थ लायंस क्लब हो या फिर कोई भी समाजसेवी संस्था क्यों आगे नहीं आती , इन अपराधों में पुलिस , ट्रेफिक पुलिस , समाज सेवी संस्थाओं के दोहरे किरदार ,, कर्तव्य निर्वहन में , दोहरी मानसिकता को , कोई भी अखबार ,, मिडिया  उजागर क्यों नहीं करना चाहता , क्यों स्टिंग ऑपरेशन चलाकर , पुलिस के इस दोहरे किरदार को उजागर कर , यातायात अव्यवस्था की बुनियादी समस्या के समाधान की रिपोर्टिंग क्यों नहीं करता ,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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