कोटा की पुलिस ,,इन दिनों , व्यवहार , अनुसंधान ,, अवैध चौथवसूली में , बेकाबू होने लगी है ,, कोटा के पुलिस अधिकारीयों , पुलिस कर्मियों को सेमीनार , विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से ,, उनके कर्तव्यों ,, ईमानदारी के अहसास के साथ विशेष बीट प्रणाली , उनके कार्यव्यवहार के संबंध में , प्रशिक्षण की आवश्यकता है ,, इधर , वर्षों से एक ही पद पर जमे पुलिस कर्मियों , अधिकारीयों को ,, उनकी कार्यशैली का पोस्टमार्टम कर , इधर से उधर करना ज़रूरी है ,, कोटा में अपराधियों से पुलिस की सांठ गाँठ का अपना इतिहास रहा है ,, कुछ पुलिस कर्मियों अधिकारीयों को इन आरोपों में नौकरी से बेदखल भी कर दिया है , लेकिन इसके बावजूद भी , बाढ़ ही खेत को खा रही है , तो कुछ पुलिस कर्मी आज भी बेखौफ होकर अपनी मनमानी कर रहे है ,, कोटा पुलिस लाइन में तैनात पुलिसकर्मी पणाच्याराम ,, अवैध रूप से बाइक ज़ब्त कर , उसकी चाबी और बाइक देने के नाम पर , 20 हज़ार रूपये मांग रहा है ,, स्मैक में पकड़वाने की बात कह रहा है ,, बढे अधिकारीयों तक रूपये पहुंचाने की बात कर रहा है ,, कोई नई बात नहीं , रोज़ ऐसे लोग पकड़े जा रहे है ,, लेकिन अगर कोटा पुलिस उसे विडिओ वाइरल होते ही , गिरफ्तार कर लेती ,, रिमांड पर ले लेती ,, तो शायद त्वरित कार्यवाही कहलाती , सस्पेंड करना अलग बात है , लेकिन एक अपराध के लिए आम आदमी की तरह ऐसे लोगों के साथ कॉमन सुलूक करना ईमनदारी , निष्पक्षता की बात है ,,, अभी हाल ही में ,, महनाज पटेल नाम की एक महिला ने परिवाद पेश किया ,, कथित फरियादी से मारपीट के मुक़दमे में , कैसे तलवारनुमा पत्ती , ,बेसबॉल पर ,, खून के धब्बे लगाकर , एफ एस एल से रिपोर्ट लेकर उसे सज़ा दिलवाई जाए ,, कैसे बयान दिए जाएं , इसका पूरा ऑडियो , विडिओ , स्क्रिप्ट उसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को देकर गुहार लगाई है ,, विडिओ में अगर किसी मुल्ज़िम की गिरफ्तारी के पहले , जांच अधिकारी के सुझाव पर , उसकी मौजूदगी में ,, जाँच अधिकारी के सामने , बाद की तारीखों में ज़ब्त शुदा हथियारों पर ,खून लगाया है , बयानों की स्क्रिप्ट बताई है ,,, तो गड़बड़ तो है ,, फिर निष्पक्ष अनुसंधान कहाँ है ,, मुक़दमा दर्ज हो , फरियादी से सांठगांठ हो , कार्यवाही हो जाए , यह गलत है , इस मामले की भी निष्पक्ष जांच अगर हो जाए तो , शिकायतकर्ताओं को लगे के उनकी शिकायतों पर पुलिस जांच करती है , कार्यवाही करती है , त्वरित कार्यवाही करती है ,, इंसाफ करती है ,तो फिर वोह अदालतों में ,परिवाद लेकर क्यों जाए , पुलिस कर्मचारियों , अधिकारीयों के पास , आम आदमी की शिकायत की सुनवाई का तरीक़ा डाइरेक्ट हो जाए , तो फिर यह बिचोलिये , शिकायतों को दबाने ,छुपाने की कार्यवाही भी नहीं कर पाएंगे , प्रभावशाली लोग तो ,पुलिस अधीक्षक तक किसी भी माध्यम से पहुंच जाते है ,, लेकिन ज़रा कोटा के वरिष्ठ अधिकारी किसी गरीब को , मोहरा ,बनाकर शिकायत का स्टिंग ऑपरेशन करके देखें , एक शिकायत कर्ता , अगर किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पास जाता है , तो उसे कितनी दिक़्क़तों का सामना करना पढ़ता है ,, कुछ मामलों में तो बाहर बैठे , बेरियर ही ,, भगा देते है , जिन अधिकारीयों , पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत होती है ,, वोह उन तक भी इस शिकायत के बारे में जानकारी पहुंचा देते है ,, इसकी वजह ,, पुलिस अधिकारीयों के ऊपर काम का बोझ ज़्यादा होना है ,, रोज़ घटनाये , अनुसंधान , गिरफ्तारियों का दबाव , दूसरी तरफ वी आई पी यात्राओं में , पुलिस कर्मियों की ड्यूटियां ,, धरने , प्रदर्शनों में पुलिसकर्मयों की ज़िम्मेदारियाँ ,, ऐसे में सूक्ष्म अनुसंधान मुश्किल हो जाता है , लेकिन नामुमकिन तो हरगिज़ नहीं , पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी हों ,चाहे आई जी रेंज हों ,उन्हें चैंबर्स से बाहर निकल कर , परिवादियों से संवाद करना चाहिए ,,, अनुसंधान पत्रावलियों की , रेंडम चेकिंग करना चाहिए ,,, वरिष्ठ ईमानदार अधिकारीयों का एक पेनल बनाकर ,सरकारी लोकअभियोजकों के साथ ऐसी अनुसंधान पत्रावलियों में की गयी कार्यवाही की गुणवत्ता , निष्पक्षता , लापरवाही की जांच करवाकर ,, सभी को विशेष प्रक्षिक्षण , की पहल करना चाहिए ,, परिवादियों से सीधा सम्पर्क , उनकी शिकायतों के अंतिम निस्तारण होने तक , एलार्मिंग व्यवस्था के तहतं निगरानी व्यवस्था होना चाहिए ,, सरकार को भी ऐसे मामलों की निगरानी , व्यवस्था सुधार के लिए , पुलिस जवाबदेही समिति ,, पुलिस आयोग ,, का गठन शीघ्र करना चाहिए , जबकि मानवाधिकार आयोग को भी ऐसी शिकायतों में जवाब तलब कर रस्म अदायगी की जगह , सीधे स्पॉट वेरिफिकेशन ,, बयांन ,, जांच कार्यवाही कर , फैसले देना चाहिए ,,,, ज़िले में लीगल ऑथोरिटी स्तर पर भी ,, न्यायिक अधिकारीयों ,, पेनल अधिवक्ताओं की टीम इस तरह की शिकायतों पर , जाँच कर अपनी राय देने ,, कार्यवाही की सिफारिश करने की व्यवस्था करे तो बेहतर होगा ,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 फ़रवरी 2021
कोटा की पुलिस ,,इन दिनों , व्यवहार , अनुसंधान ,, अवैध चौथवसूली में , बेकाबू होने लगी है
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