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अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाए..
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए..
जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चिराग़ों को हवाओं से बचाया जाये..
बाग में जाने के अन्दाज़ हुआ करते हैं,
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाए..*
घर से मन्दिर है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें..
कि किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए.
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