आपका-अख्तर खान

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21 जनवरी 2021

तुम झूँठ हो , तुम फ़रेब हो ,

तुम झूँठ हो , तुम फ़रेब हो ,
तुम वफ़ा नहीं ,भरोसा नहीं ,
तुम दोस्त नहीं, हमदर्द नहीं
तुम्हीं बताओ , मिल भी गए तो
मुझ से नज़र मिलाओगे कैसे , अख़्तर

 

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