आम आदमी होते तो कोई और बात होती ,,लेकिन हम कोटा शहर के वकील है ,हमे
पिछली अशोक गहलोत सरकार ने 256 रूपये प्रतिवर्ग फिर ,,विकास शुल्क जोड़कर
389 रूपये प्रतिवर्ग फिट के हिसाब से भुखड़ आवंटित किये ,,नगरविकास कोटा में
आवेदन भरे ,,,राशि जमा हुई ,,लॉटरी निकली ,,भूखंड आवंटित हो गए ,,,अभिभाषक
परिषद कोटा की सत्ता बदली ,,सवाल उठाये गए जगह दूर है ,,भुखड़ बहुत महंगे
है ,,नगरविकास न्यास कर्मचारियों ,,अधिकारीयों को 128 रूपये वर्गफीट में
भुखड़ दिए है ,हमे भी इसी आरक्षित से आधी दर पर भूखंड मिले ,,आंदोलन हुआ
,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,,पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल ,,पूर्व
सांसद इज्येराज सिंह से काफी मुलाक़ातें हुई ,,कई महीनो तक आन्दोलन चला
,,पूर्व मंत्री ,,मुख्यमंत्री के पुतले जले ,,हवन हुए ,,,तीये की बैठक हुई
,,पुलिस से कई बार आमना सामना हुआ ,,रास्ता रोकने के कुछ मुक़दमे दर्ज हुए
,,,मंत्री के घर के बाहर सभाये हुए ,,उनके बाहर अर्धनग्न प्रदर्शन किया
,बेमियादी धरना अदालत के दरवाज़े पर लगा ,,खुद अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष के
खिलाफ धारा तीन के मुक़दमे दर्ज हुए ,,अदालत ने नगरविकास न्यास के खिलाफ
भूखंड निरस्त करने के मामले में स्थगन दिया ,,लेकिन इसी दौरान आंदोलन के
सही ठहरा कर ,,वकीलों से भूखंडो की दरें बहुत अधिक लेने की बात मानते हुए
,,वर्तमान सांसद ,,ओम बिरला ,,विधायक भवानी सिंह राजावत ,,श्रीमती
चंद्रकांता मेघवाल ,,प्रह्लाद गुंजल ,,सहित सभी भाजपा नेताओं ने ,,वकीलों
के आंदोलन रजिस्टर में तहरीर अंकित कर ,,वकीलों को दिए गए भूखंड की दरों को
अधिक बताया ,,और भाजपा की सरकार आते ही ,अत्यंत रियायती दर में भूखंड
दिलवाने का लिखित आश्वासन दिया ,,खुले में भाषण दिए ,,टी वी खबरों में अपनी
बाइट दी ,,अखबारों में खबरे छपवाई खुद वसुंधरा सिंधिया ने परिवर्तन यात्रा
के दौरान ,,मंच से कोटा के वकीलों को भूखंड सहित अन्य समस्याओं से नजात
दिलाने के लिए भाषण में वायदा किया ,लेकिन कहावत है जुमले तो जुमले होते है
,,,वही हुआ ,,सरकार आयी ,,वसुंधरा मुख्यमंत्री बनी ,,विधायक ,,सांसद बने
,,वकीलों के आंदोलन से बदले जनमानस के कारण ही ,,भाजपा को कोटा की सभी
विधानसभा सीट और लोकसभा सीट मिली ,,लेकिन चुनाव जीता ,,और फिर बदल गए
,,,अभिभाषक परिषद में अध्यक्ष भी बने ,,महासचिव भी बने ,,फिर अगले साल फिर
नए अध्यक्ष बने ,,लेकिन कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूँ हर कोई बेवफा नहीं
होता ,,वाली कहावत वकीलों के साथ रही कुछ वकील चाहते थे ,,जुमलेबाज
विधायकों ,,सांसदों के वायदों का रजिस्टर ,,अख़बार की कतरने ,,इनके फोटुओं
के साथ बढे बढे फ्लेक्स बनवाकर शहर के चौराहों पर लगवाए जाए ,,लेकिन ऐसा
नहीं हो सका ,,फिर वकीलों में से कुछ का ह्रदय परिवर्तन हुआ ,, भूखंड 128
रूपये वर्गफीट की जगह 256 रूपये वर्ग फिट की दर से लेने को तैयार हुए
,विकास शुल्क खत्म करने की कलेक्टर से वार्ता हुई ,,प्रस्ताव बना ,,जयपुर
गया ,,लेकिन टांय टांय फिस्स ,,,कोई नतीजा नहीं निकला ,,भूखंड की एक फ़ाइल
सैकड़ों वकील ,,,भाजपा विधायक ,, सांसद और नेताओं के भूखंड मुफ्त में ,एक
रूपये वर्ग फिट में दिलवाने सहित 128 रूपये वर्गफीट में दिलवाने के वायदे
के गवाह बने हुए है ,,लेकिन अजीब चुप्पी ,है ,,,खेर वर्तमान में लगातार
,,संबंधित अधिकारियों ,,मंत्रियों ,,सांसदों ,,विधायकों ,,खुद मुख्यमंत्री
वसुंधरा सिंधिया से वार्ता के लिए वकीलों के नेतृत्व में शिष्ठ मंडल वार्ता
से जुड़ा है ,,,देखते है कब क्या होता है ,,यह मुद्दा हल करना नहीं हो आसान
तो इसे खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ने पर सहमति होती है या फिर कोटा के वकीलों के
इतिहास को जीवंत रखते हुए ,,धोखा देने वाले जुमलेबाजों के खिलाफ ,,कुछ तो
मजबूरियां रही होंगी वरना यूँ हर कोई बेवफा नहीं होता ,,की कहावत को
तिरस्कृत कर इनसे भीख मांगने की जगह कांग्रेस के शासन में वकीलों के
आंदोलनकारी मर्दानगी युग की शुरुआत कर अपना हक़ इनसे छीन कर वकीलों के
इन्साफ की जंग के इतिहास को दोहराते है ,,वैसे बातचीत से इस मुद्दे का
समाधान का जो सकारात्मक प्रयास है उसमे सभी वकील एक जुट होकर भरोसा जता रहे
है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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