देखा मेरा प्यार
तुम्हे लबरेज़ किया है मेने ,,
तुम हो के
दिल भर जाने पर
मुझे दुःख से मक्खी की तरह
निकाल फेंककर
खुशियां मना रहे हो ,,,,
शिद्दत से हुई
मेरी मोहब्बत ने
तुम्हारा दिल भर दिया
तुम्हे अब
मेरी ज़रूरत नहीं ,,
तुम्हे अब
मेरी ज़रुरत नहीं ,,,अख्तर
तुम्हे लबरेज़ किया है मेने ,,
तुम हो के
दिल भर जाने पर
मुझे दुःख से मक्खी की तरह
निकाल फेंककर
खुशियां मना रहे हो ,,,,
शिद्दत से हुई
मेरी मोहब्बत ने
तुम्हारा दिल भर दिया
तुम्हे अब
मेरी ज़रूरत नहीं ,,
तुम्हे अब
मेरी ज़रुरत नहीं ,,,अख्तर
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