तुमसे मिलना
तुमसे प्यार करना
मेरी मंज़िल
हरगिज़ न थी
तुमसे मिलना ,,
रोज़ मिलना
रोज़ मिलना
हर पल
हर क्षण मिलना
मिलते रहना
यही सफर था मेरा
एक तुम हो
जो मंज़िल समझ कर
सिर्फ ठहर गए
सिर्फ ठहर गए ,,
मेरा सफर आज भी
लगातार जारी है ,,
बस तुम साथ नहीं
इस सफर में
इस चाहत में
में सिर्फ अकेला
सिर्फ अकेला हूँ ,,,,अख्तर
तुमसे प्यार करना
मेरी मंज़िल
हरगिज़ न थी
तुमसे मिलना ,,
रोज़ मिलना
रोज़ मिलना
हर पल
हर क्षण मिलना
मिलते रहना
यही सफर था मेरा
एक तुम हो
जो मंज़िल समझ कर
सिर्फ ठहर गए
सिर्फ ठहर गए ,,
मेरा सफर आज भी
लगातार जारी है ,,
बस तुम साथ नहीं
इस सफर में
इस चाहत में
में सिर्फ अकेला
सिर्फ अकेला हूँ ,,,,अख्तर
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