सरकार ने होम मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर ये ड्राफ्ट बिल पोस्ट किया है और इस पर 30 दिन में सुझाव मांगे हैं। (सिम्बॉलिक इमेज)
नई दिल्ली.अब
अगर आप भारत का गलत नक्शा दिखा देंगे तो आपको सात साल तक की जेल हो सकती
है। यही नहीं, 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है। केंद्र सरकार एक
एेसा बिल तैयार कर रही है जो अगर पास हाेकर कानून बना तो कई कंपनियां और
एजेंसियां सरकार की तरफ से बिना लाइेंसस के कोई मैप ऑनलाइन नहीं दिखा
सकेंगी। क्या कहता है यह ड्राफ्ट बिल...
क्यों पड़ी जरूरत?
- हाल ही में ट्विटर ने कश्मीर की ज्याॅग्राफिकल लोकेशन चीन और जम्मू की पाकिस्तान में दिखाई थी। इसका जमकर विरोध हुआ था।
- इसी तरह ऐसे कुछ मामले भी हुए हैं जब सर्च इंजन्स या सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया है।
क्या कहता है बिल?
-
गूगल मैप्स जैसी सर्विसेस सैटेलाइट्स और क्राउड सोर्स्ड डटा के जरिए
इन्फॉर्मेशन इकट्ठा करती हैं। जल्द ही इन्हें अवैध करार दिया जा सकता है।
- द जियोस्पाशियल इन्फॉर्मेशन रेगुलेशन बिल 2016 का ड्राफ्ट कहता है, ''कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट्स, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या िकसी भी तरह के व्हीकल के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पाशियल इमेज हासिल नहीं कर सकेगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या एेप्स के जरिए दिखाने के लिए अथॉरिटी से लाइसेंस की जरूरत होगी।''
- द जियोस्पाशियल इन्फॉर्मेशन रेगुलेशन बिल 2016 का ड्राफ्ट कहता है, ''कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट्स, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या िकसी भी तरह के व्हीकल के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पाशियल इमेज हासिल नहीं कर सकेगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या एेप्स के जरिए दिखाने के लिए अथॉरिटी से लाइसेंस की जरूरत होगी।''
किन कंपनियों या लोगों पर होगा असर?
- ट्रैवलर्स और ड्राइवर्स:अगर
डेटा को रेगुलेट किया जाता है तो ट्रैवल करने वालों और मैप्स का इस्तेमाल
करने वाले लोगों और ड्राइवर्स के लिए अपडेट्स हासिल करना काफी धीमा हो
जाएगा।
- कंपनियां :उबेर
और ओला जैसी कंपनियां ऐप बेस्ड सर्विसेस देती हैं। इनकी कैब बुक कराने
वाले लोग और उन्हें चलाने वाले ड्राइवर्स ऐप बेस्ड मैप्स का ही इस्तेमाल
करते हैं। इसी तरह जोमाटो जैसी कंपनियां फूड डिलिवरी के लिए ऐप का इस्तेमाल
करती हैं।
- गूगल और बाकी एजेंसियां :अगर गूगल मैप्स, गूगल अर्थ या बाकी एजेंसियां खासकर कश्मीर को लेकर गलत मैप दिखाती हैं तो उन पर बड़ा जुर्माना लगेगा।
कितनी होगी सजा और जुर्माना?
- जो कंपनियां, एजेंसियां, संस्थाएं या लोग अभी मैप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें लाइेंसस लेना होगा।
- ऐसा नहीं किया तो जुर्माना 10 लाख से 100 करोड़ रुपए के बीच लगेगा।
- सात साल की सजा भी हो सकती है।
- सिर्फ सरकारी डिपार्टमेंट्स काे लाइसेंसिंग की जरूरत नहीं होगी।
सरकार कैसे नजर रखेगी?
- सरकार सिक्युरिटी अथॉरिटी बनाएगी ताकि इस तरह की इन्फॉर्मेशन का रेगुलेशन किया जा सके।
- इस अथॉरिटी में केंद्र सरकार का ज्वाइंट सेक्रेटरी चेयरमैन होगा। एक नेशनल सिक्युरिटी एक्सपर्ट और एक टेक्निकल एक्सपर्ट होगा।
- सरकार ने होम मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर ये ड्राफ्ट बिल पोस्ट किया है और इस पर सुझाव मांगे हैं।
- इस अथॉरिटी में केंद्र सरकार का ज्वाइंट सेक्रेटरी चेयरमैन होगा। एक नेशनल सिक्युरिटी एक्सपर्ट और एक टेक्निकल एक्सपर्ट होगा।
- सरकार ने होम मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर ये ड्राफ्ट बिल पोस्ट किया है और इस पर सुझाव मांगे हैं।
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