जयपुर. शहर के अमानीशाह नाले में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट का
रवैया सख्त है। हाईकोर्ट की टिप्पणियां अतिक्रमणों पर जिम्मेदारों की
कार्रवाई की कलई खोलती हैं। अब दो दिन बाद नगर निगम को इसी मामले में
हाईकोर्ट में जवाब देना है। इसी की तैयारी के रूप में मंगलवार को नगर निगम
का अतिक्रमण हटाओ दस्ता अचानक अमानीशाह नाले के सुशीलपुरा क्षेत्र में गया।
जब घर टूटे तो महिला बेहोश हो गई और उसे देखने युवक छत से नीचे कूद पड़ा।
जहां कर चुके, वहां फिर तोड़फोड़
अफसरों की टीम और बुल्डोजर-ट्रैक्टरों के लवाजमे में नाले के आसपास बने मकानों में से कुछ पर कार्रवाई की। इनमें कुछ ऐसे मकान भी थे, जिन पर निगम पहले तोड़फोड़ कर चुका और अतिक्रमण के निशान लगा चुका। इस बार लगाए गए निशानों से भी 5-10 फीट अंदर तक तोड़फोड़ की गई। हालांकि ये सिर्फ दिखावटी थी।
अफसरों की टीम और बुल्डोजर-ट्रैक्टरों के लवाजमे में नाले के आसपास बने मकानों में से कुछ पर कार्रवाई की। इनमें कुछ ऐसे मकान भी थे, जिन पर निगम पहले तोड़फोड़ कर चुका और अतिक्रमण के निशान लगा चुका। इस बार लगाए गए निशानों से भी 5-10 फीट अंदर तक तोड़फोड़ की गई। हालांकि ये सिर्फ दिखावटी थी।
लोगों बोले- पहले की चौड़ाई बढ़ा गए
गलत डिमार्केशन करने से लोगों ने दस्ते को घेरा। उनका कहना था कि पिछली बार जो डिमार्केशन किए गए थे अब निगम अफसर उसे बढ़ाकर पेश कर रहे हैं। जिनके निर्माण पहले तोड़े गए थे, उन्होंने नए निर्माण नहीं किए थे। टूटे मकान में ही रह रहे थे।
गलत डिमार्केशन करने से लोगों ने दस्ते को घेरा। उनका कहना था कि पिछली बार जो डिमार्केशन किए गए थे अब निगम अफसर उसे बढ़ाकर पेश कर रहे हैं। जिनके निर्माण पहले तोड़े गए थे, उन्होंने नए निर्माण नहीं किए थे। टूटे मकान में ही रह रहे थे।
अफसर ने कहा- कोई गलती नहीं की
सिविल लाइन जोन आयुक्त अमिताभ कौशिक का कहना है कि गलत डिमार्केशन जैसी कोई बात नहीं है। हमनें 106 फीट में ही अतिक्रमण हटाए हैं। मकान टूटे तो लोगों ने विरोध किया।
सिविल लाइन जोन आयुक्त अमिताभ कौशिक का कहना है कि गलत डिमार्केशन जैसी कोई बात नहीं है। हमनें 106 फीट में ही अतिक्रमण हटाए हैं। मकान टूटे तो लोगों ने विरोध किया।
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