लखनऊ. मध्य प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव की बुधवार को संदिग्ध हालत
में मौत हो गई। शैलेष मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में आरोपी थे। उनका
शव मॉल एवेन्यू स्थित रामनरेश यादव के सरकारी आवास पर मिला। पारिवारिक
सूत्रों के मुताबिक, शैलेष की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। हालांकि, इस
बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सुबह सात बजे के करीब सफाई
कर्मचारी कमरे में गया, तो उसने शैलेष को बेड के नीचे पड़ा देखा। उनके सिर
से खून निकल रहा था। उसने तुरंत परिवार के अन्य सदस्यों को यह जानकारी दी।
परिजनों ने डॉक्टर बुलाया। डॉक्टर ने जांच के बाद शैलेष को मृत घोषित कर
दिया। बताया जाता है कि घरवालों ने मौत की सूचना कई घंटों तक किसी को नहीं
दी। घर के अंदर भी किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी।
कमरे में अकेले थे शैलेष
परिवार के लोगों के अनुसार, रात में शैलेष अपने कमरे में अकेले थे। घर
में रामनरेश की तीनों बहुओं के अलावा शैलेष यादव के दो बच्चे भी थे। इसके
अलावा घर की सुरक्षा में तैनात पुलिस एस्कॉर्ट के अलावा तीन घरेलू नौकर
मौजूद थे। परिवारिक सूत्रों की मानें, तो शैलेष हाइपर टेंशन, डिप्रेशन और
शुगर के मरीज थे। कुछ दिनों पहले उनका डाइबिटीज का लेवल 400 के ऊपर क्रॉस
कर गया था। रामनरेश यादव के तीन लड़के है। पहले कमलेश यादव, दूसरे शैलेष
यादव तीसरे अजय नरेश यादव। रामनरेश समेत उनके दोनों लड़के बाहर हैं। उन्हें
शैलेष के मौत की सूचना दे दी गई है।
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, स्वाभाविक है मौत
कांग्रेस नेता बिजेंद्र सिंह का कहना है कि यह एक स्वभाविक मौत है।
इसे कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सिर्फ
आरोप लगाए जाने से कोई आरोपी साबित नहीं हो जाता। शैलेष की मौत की सूचना
मिलते ही कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी मॉल एवेन्यू पहुंचीं। उन्होंने
कहा कि वह सदन में थीं जब उन्हें मौत की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि शैलेष
की मौत स्वभाविक मौत है और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाए। वहीं,
मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के सहयोगी सत्यदेव पूरब ने बताया कि
जब तक परिवार के लोग नहीं आ जाते, तब तक शैलेष की मौत के बारे में कुछ भी
नहीं कहा जा सकता है।
क्या था आरोप
शैलेष यादव पर संविदा शिक्षक वर्ग-2 के पद के 10 आवेदकों से पैसे लेकर
पास कराने का आरोप था। इस घोटाले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स
(एसटीएफ) की चार्जशीट में शैलेष का नाम है।
संपत्ति कुर्क करने की थी तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ जल्द ही शैलेष की संपत्ति कुर्क करने के लिए कोर्ट में आवेदन देने वाली थी। इससे पहले एसटीएफ ने शैलेष को बयान दर्ज कराने के लिए एमपी के राजभवन, लखनऊ आैर आजमगढ़ नोटिस भेजे थे। हालांकि, ये नोटिस शैलेष को तामील नहीं हुए। शैलेष की तलाश में एसटीएफ की टीम आजमगढ़ आैर लखनऊ भी गई थी। जब वह नहीं मिले तो संपत्ति की जानकारी जुटाई गई थी। पता चला है कि लखनऊ में शैलेष के नाम एक पेट्रोल पंप आैर जमीन है।
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ जल्द ही शैलेष की संपत्ति कुर्क करने के लिए कोर्ट में आवेदन देने वाली थी। इससे पहले एसटीएफ ने शैलेष को बयान दर्ज कराने के लिए एमपी के राजभवन, लखनऊ आैर आजमगढ़ नोटिस भेजे थे। हालांकि, ये नोटिस शैलेष को तामील नहीं हुए। शैलेष की तलाश में एसटीएफ की टीम आजमगढ़ आैर लखनऊ भी गई थी। जब वह नहीं मिले तो संपत्ति की जानकारी जुटाई गई थी। पता चला है कि लखनऊ में शैलेष के नाम एक पेट्रोल पंप आैर जमीन है।
क्या है व्यापमं
व्यापमं यानी व्यवसायिक परीक्षा मंडल, मध्य प्रदेश का काम मेडिकल टेस्ट जैसे पीएमटी प्रवेश परीक्षा, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा व शैक्षिक स्तर पर भर्ती आदि के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कराना है।
व्यापमं यानी व्यवसायिक परीक्षा मंडल, मध्य प्रदेश का काम मेडिकल टेस्ट जैसे पीएमटी प्रवेश परीक्षा, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा व शैक्षिक स्तर पर भर्ती आदि के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कराना है।
राजनीति में सफल नहीं हो सके बेटे
बता दें कि रामनरेश यादव ने भले ही राजनीति में नाम कमाया हो, लेकिन
उनके तीनों बेटे अभी तक राजनीति में कुछ खास काम नहीं कर पाए हैं। बड़े बेटे
कमलेश यादव ने राजनीति में कदम रखा था। हालांकि, वह कुछ खास नहीं कर सके।
ऐसे में उन्होंने ग्राम विकास मंच बनाया और उसी का काम देख रहे हैं, जबकि
यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से राजनीति की शुरुआत करने वाले छोटे बेटे
अजय नरेश यादव को भी शिकस्त मिल चुकी है। मृतक शैलेष यादव का वास्तव में
कोई राजनीतिक वजूद नहीं था।
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