नागपुर. आज राम नवमी पूरे भारत में धूम-धाम से मनाई जा रही है।
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी के
साथ नौ दिवसीय चैत नवरात्रि का भी आज समापन हो जाएगा। राम नवमी के अवसर पर
आज आपको नागपुर के समीप स्थित रामटेक के बारे में बता
रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान पत्नी
सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी जगह पर विश्राम किया था। वहीं कवि कालिदास
ने अपना महाकाव्य मेघदूत भी यहीं लिखा था।
नागपुर के समीप है स्थित
रामटेक महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर से 20 मील की दूरी पर ऊंची
पहाड़ियों पर स्थित है। वनवास के समय राम के 'टिकने का स्थान' या 'पड़ाव'
को 'रामटेक' कहा जाता है।
रामनवमी पर लगता है मेला
रामटेक को 'सिंदूरगिरि' भी कहते हैं। इसके पूर्व की ओर 'सुरनदी' या
'सूर्यनदी' बहती है। रामनवमी के दौरान यहां नदी के किनारे मेला भी लगता है।
कवि कालिदास ने लिखा था महाकाव्य
ऐसा कहा जाता है कि कवि कालिदास ने यहां महाकाव्य 'मेघदूत' लिखा था।
जिसमें कालिदास ने रामटेक का भी वर्णन किया था। साथ ही यहां मौजूद
छोटे-छोटे सरोवरों का भी वर्णन महाकाव्य में मिला है।
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