रांची/रामगढ़। हमारे
देश में कई शिवमंदिर हैं पर झारखंड के रामगढ़ स्थित टूटी झरना मंदिर की बात
ही निराली है। यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं बल्कि मां गंगा की
प्रतिमा खुद करती रहती हैं। वो भी 365 दिन 24 घंटे। माना जाता है कि इस
जलाभिषेक की जानकारी पुराणों में भी मिलती है। प्राचीन मंदिर टूटी झरना को
लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है।
रेलवे लाइन बिछाने के दौरान मिली जानकारी
माना जाता है कि बहुत साल पहले यहां रेलवे लाइन बिछाने के दौरान इस
मंदिर के बारे में लोगों को जानकारी मिली थी। मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर
अपने-आप 24 घंटे जलाभिषेक होता रहता है। खास बात तो यह है कि यह जलाभिषेक
कोई और नहीं बल्कि खुद मां गंगा अपनी हथेलियों से करती हैं। उनकी हथेलियों
से पानी की धारा निकलती है, जो शिवलिंग पर लगातार गिरती रहती है।
यहां हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती
यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस पानी का स्त्रोत कहां है? प्राचीन मंदिर टूटी झरना को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। खास बात तो यह है कि भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है।
यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस पानी का स्त्रोत कहां है? प्राचीन मंदिर टूटी झरना को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। खास बात तो यह है कि भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है।
खुदाई के दौरान मिला था शिवलिंग
यहां के बारे में यह कहा जाता है कि कभी पानी के लिए यहां खुदाई की जा
रही थी। इसी दौरान जमीन के अंदर कुछ चीज दिखाई पड़ी। खुदाई के वक्त यहां
अंग्रेज भी मौजूद थे। जब पूरी खुदाई की गई तो जमीन के अंदर शिवलिंग नजर
आया, साथ ही मां गंगा की एक प्रतिमा भी मिली।
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
अपने आप शिवलिंग पर गिर रहे जल को देख एक बार अंग्रेज भी आश्चर्यचकित
हो गए। मां गंगा की प्रतिमा की खास बात यह है कि उनकी नाभी से अपने आप जल
निकलता रहता है, जो उनके दोनों हाथों से होता हुआ शिवलिंग पर गिरता है। यह
पानी कहां से आ रहा है, यह आज भी रहस्य बना हुआ है। इस मंदिर में शिवलिंग
के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना
करते हैं।
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