शनिवार, 21 मार्च
2015 से हिंदी नव वर्ष विक्रम संवत् 2072 प्रारंभ हो रहा है। इसी दिन से
देवी मां की आराधना का विशेष पर्व चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ हो रहा है और
इस दिन गुड़ी पड़वा भी है। नए हिंदी वर्ष का नाम कीलक होगा एवं इसका राजा शनि
एवं मंत्री मंगल होगा। नए वर्ष का प्रवेश लग्न कर्क है, जिसमें गुरु वक्री
है, पूरे वर्ष राजा शनि, अपने शत्रु मंगल के स्वामित्व वाली राशि वृश्चिक
में रहेगा। मंगल इस वर्ष का मंत्री भी है, जो कि विभिन्न राशियों में विचरण
करता हुआ राजा शनि पर भी बुरा असर डालेगा। इस कारण सभी 12 राशियों पर शनि
एवं मंगल का सीधा असर रहेगा।
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शनिवार से शुरु होगा नया वर्ष और शनि होगा राजा
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार विक्रम संवत् 2072
का राजा शनि है और शनिवार से ही नया वर्ष आरंभ हो रहा है। इस कारण शनि की
स्थिति काफी महत्वपूर्ण रहेगी। चैत्र मास की प्रतिपदा पर उत्तराभाद्रपद
नक्षत्र होगा। इसका स्वामी भी शनि ही है। वर्ष में शनि एवं मंगल में टकराव
होता रहेगा।
21 से चैत्र नवरात्र होगा प्रारंभ
21 मार्च से चैत्र मास की नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। इस वर्ष ये
नवरात्र 8 दिन का रहेगा। इन दिनों में मां दुर्गा की विशेष आराधना की जाती
है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में किए गए पूजन और व्रत-उपवास से देवी मां
बहुत ही जल्दी प्रसन्न होती हैं। सभी राशि के लोगों को कुंडली के दोष शांत
करने के लिए नवरात्र में दुर्गा माता को लाल चुनरी, लाल फूल, नारियल,
प्रसाद आदि अर्पित करना चाहिए।
राशि और नाम अक्षर
मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ.
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
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