नई दिल्ली. मंगलवार को राज्यसभा में तब अजीब-ओ-गरीब हालात पैदा
हो गए जब उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने राज्यसभा को
'अराजक तत्वों का संघ' करार दे दिया। सदन में बार-बार हो रहे व्यवधान और
हंगामे से आजिज आकर सभापति हामिद अंसारी अपनी कुर्सी से खड़े हुए बोले,
'कानून के किताब के हर नियम, हर शिष्टाचार की धज्जियां इस सदन में उड़ाई जा
रही हैं। लेकिन यह सुनते ही सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया। हंगामे से
अंसारी उखड़ गए और बोले कि आप लोग मेरा विरोध न करें। क्या आप चाहते हैं कि
यह सदन अराजक तत्वों का संघ बन जाए तो फिर ठीक है।'
12 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो अरुण जेटली अपनी सीट से
खड़े हुए अंसारी से अपना बयान वापस लेने की मांग की। लेकिन उपसभापति पीजे
कुरियन ने अंसारी का बचाव किया और कहा कि अंसारी ने सांसदों से सवाल किया
था कि क्या वे अपने बर्ताव की वजह से अराजक कहलाना चाहते हैं। लेकिन इसी
बीच राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अंसारी को
अपना बयान बिना किसी शर्त के तुरंत वापस लेना चाहिए। इसके बाद सदन की
कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए टाल दी गई।
दोपहर दो बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में सामान्य
कामकाज जारी रहा। लेकिन अंसारी ने अपने शब्द वापस लिए या नहीं यह साफ नहीं
हो पाया।
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