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15 अगस्त 2013

मोदी को खुर्शीद ने कहा खलनायक, आडवाणी ने दी नसीहत


मोदी को खुर्शीद ने कहा खलनायक, आडवाणी ने दी नसीहत
भुज (गुजरात). नरेंद्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खुली चुनौती दे डाली। मोदी ने मनमोहन सिंह से कहा कि हम छोटे राज्य हैं, आप तो देश चला रहे हैं। लेकिन गुजरात और दिल्ली की रेस हो जाए, पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं?  मोदी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को सभी अहम मुद्दों पर बहस की चुनौती देता हूं।' मोदी के इस भाषण के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी के पीएम मनमोहन सिंह की आलोचना पर उन्हें नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसी राजनेता को दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए। आडवाणी ने कहा कि उन्होंने पीएम मनमोहन सिंह का भाषण सुना और हमें किसी की बुराई किए बिना मानना चाहिए कि भारत के पास तरक्की की असीम संभावनाएं हैं उन्होंने अपने घर पर तिरंगा फहराने और मोदी का भाषण समाप्त होने के तुरंत बाद पत्रकारों से यह बात कही। 
उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान से ही नरेंद्र मोदी को गुजरात के औद्योगिक विकास के मॉडल पर घेरा। उन्होंने अपने इनक्लूजिव ग्रोथ मॉडल को मोदी के विकास के मॉडल से बेहतर बताया और कहा कि उनका मॉडल सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस भी बौखला गई है। कांग्रेस के नेता और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने मोदी को 'खलनायक' बता डाला। यही नहीं, मोदी पर सिर्फ विरोधी ही नहीं उनकी पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी बिना नाम लिए हमला बोला। आडवाणी ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा है कि आज का मौका आलोचना का नहीं था। आडवाणी ने दिल्ली में अपने घर पर झंडा फहराने के बाद कहा, 'भाईचारे का दिन था। मैं हर साल 15 अगस्त को लाल किला जाता हूं।' सीनियर कांग्रेस नेता और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हर आदमी अपने घर में शेर होता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालन कॉलेज में तिरंगा फहराने के बाद सबसे पहले देश को आज़ाद कराने वाले शहीदों को नमन किया। उसके बाद कहा कि आज भी हम लोग मानसिक तौर पर गुलाम हैं।  
 
 
मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण का सहारा लेते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कल पाकिस्तान के संबंध में कहा कि सहनशक्ति की सीमा होती है। आज मुझे आशा थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की बात को आगे बढ़ाएंगे। मैं मानता हूं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए प्रधानमंत्री के स्तर पर क्या बोला जाना चाहिए, यह मुझे मालूम है। लेकिन देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला बयान दिया जाना चाहिए। मैं मानता हूं कि लाल किला पाकिस्तान को ललकारने की जगह नहीं है। लेकिन यह जगह देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला जरूर है। भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है। राष्ट्रपति जी चिंतित है। आज देश में देश में सास बहू और दामाद का सीरियल चल रहा है। मैं लाल किले से दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण को इसलिए सुन रहा था कि मेरे जैसे कार्यकर्ता को नई प्रेरणा मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं बहुत निराश हुआ।'
 
मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने सिर्फ एक परिवार को याद किया। उन्होंने सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री को याद नहीं किया। आप अटल बिहारी वाजपेयी को याद न करें यह तो समझ में आता है, लेकिन आप पटेल और शास्त्री को याद न करें तो दिल को चोट पहुंचती है।'
 
मोदी ने प्रधानमंत्री को ललकारते हुए, 'पंडित नेहरू ने अपने पहले भाषण में जो समस्याएं गिनाई थीं, वही समस्याएं आपने भी गिनाईं। आपने 60 साल में क्या किया? आप एक परिवार की भक्ति में इतने डूब गए हैं कि उत्तराखंड की मदद करने वाले राज्यों का जिक्र भी नहीं किया। मैं मरू भूमि कच्छ के भुज से बोल रहा हूं। मेरी बात पहले पाकिस्तान सुन लेगा, दिल्ली बाद में सुनेगी।हमने जैसे अंग्रेजों से देश को मुक्त किया वैसे ही भ्रष्टाचार, महंगाई, परिवारवाद, आतंकवाद से मुक्त कराना है।'

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