अयोध्या/फैजाबाद. अयोध्या में विवादित जमीन पर अस्थाई राम
मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा है विश्व हिंदू परिषद की
चौरासी कोसी यात्रा राजनीतिक मकसद से शुरू की गई थी। उन्होंने कहा है कि यह
यात्रा किसी धार्मिक मकसद के लिए नहीं थी और इसमें संतों को अपने हित के
लिए इस्तेमाल किया गया। दास का यह भी कहना था कि इस यात्रा को असमय शुरू कर
विहिप नेताओं ने हिंदुओं की परंपरा को भी तोड़ा है। अयोध्या के कई स्थानीय
पुजारियों का भी यही मत है। उनका मानना है कि अगर इस समय यात्रा को शुरू
करने की इजाजत दी गई तो इससे समाज में धार्मिक सद्भाव बिगड़ेगा।
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित 84 कोसी परिक्रमा में भाग
लेने जा रहे सिंघल, तोगडिया सहित वीएचपी के कुछ बड़े नेताओं सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया
है। विहिप नेता और पूर्व सांसद राम विलास वेदांती को बेहद नाटकीय घटनाक्रम
के तहत रविवार तड़के अयोध्या के सरयू घाट पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार
लोग दो हफ्ते की पुलिस हिरासत में रहेंगे।
उधर, समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा
है कि उत्तर प्रदेश को अशांति और सांप्रदायिकता की ज्वाला में झुलसाने की
साजिशों को आम जनता ने असफल कर विकास और कानून के राज के प्रति अपनी आस्था
जता दी है। इसके लिए अयोध्या और प्रदेश की जनता को भी बधाई दी जानी चाहिए
कि उसने विहिप-भाजपा की असमय शुरू की गई परिक्रमा से अपने को अलग रखा और न
तो उसका समर्थन किया और नहीं उसमें शामिल हुई। साधु संतों की एक बड़ी संख्या
ने भी सांप्रदायिक ताकतों का मोहरा बनने से इंकार कर दिया।
विहिप की परिक्रमा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने भी धार्मिक और
परंपरागत मानने से इंकार कर दिया है और इस पर रोक हटाने संबंधी याचिका
निरस्त कर दी है। इसके बाद भी परिक्रमा जारी रखने की जिद पूरी तरह से कानून
की अवहेलना है। भाजपा ने विहिप के साथ अपने को जोड़कर संविधान का भी अपमान
किया है। सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर सामाजिक तानाबाने को भी नष्ट करने का
अपराध किया है।
अयोध्या में चौरासी कोसी यात्रा पर रोक लगाने को लेकर सियासत तेज हो
गई है प्रदेश भर में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद ने अपना गर्म रुख
प्रदेश सरकार को दिखाना शुरू कर दिया है। मुज़फ्फरनगर में भी आज चौरासी कोसी
यात्रा शुरू करने पर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की
पुलिस से तीखी झड़प हुई। पुलिस के यात्रा रोके जाने पर कार्यकर्ताओं और
पुलिस में जमकर हाथापाई हुई। पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओ को हिरासत में
लिया है।
जबकि वीएचपी ने दावा किया है कि 84 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई है। यह
भी दावा किया गया है कि सुबह 10 बजे सरयू पूजन के साथ ही यात्रा की
सांकेतिक शुरुआत हो गई है। राज्य सरकार की सख्ती के बाद वीएचपी ने
परिक्रमा की रणनीति बदल दी है। अब यह परिक्रमा मखौड़ा से शुरू होगी। वीएचपी
ने अपने इस परिक्रमा यात्रा को बड़ा रूप दे दिया गया है। वीएचपी कार्यकर्ता
सोमवार से देशभर में अंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी शुरुआत
दिल्ली के मशहूर जंतर मंतर से होगी। इस बीच, दिल्ली में समाजवादी पार्टी
के दफ्तर पर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया है।
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