दोतों कोंग्रेस के चिन्तन शिविर के तुरंत बाद दुसरे दिन राजस्थान के
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के मंत्री अमीन खान ने राजस्थान के सभी
अल्पसंख्यक इदारों और अल्पसंख्यक अधिकारीयों के बैठक बुलाई ...यकीन मानिये
इस बैठक में राजस्थान में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा और उनके साथ हो रहे
सोतेले व्यवहार की जो बातें उठाई गयीं अगर उसका लाइव टेलीकास्ट होता तो
निश्चित तोर पर सरकार को शर्मसार होना पढ़ता सरकार के सामने अल्पसंख्यक और
खासकर मुसलमानों की तस्वीर आल इस वेळ के रूप में पहुँचाने वाले सरकारी
प्रतिनिधि इस बैठक में नंगे होकर रह गए ...राजस्थान के सभी तेतीस जिलों के
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारीयों और प्रतिनिधियों ने मंत्री के सामने खुद इस
विभाग की बदहाली ब्यान की ...जिलों स्वीक्रत बजट के हिसाब से सात
कर्मचारियों की नियुक्ति चाहिए लेकिन कई जगह तो एक कर्मचारी से काम चल रहा
है कई जगह ठेके के कर्मचारी लगे है ..कई जगह कार्यालय ही स्थापित नहीं हिया
अगर हैं तो बदहाली की हालत में है उपनिदेशक कार्यालय बजट में स्वीक्रत
होने के बाद भी स्टाफ नहीं होने से शुरू नहीं किये गए है ..छात्रवृत्ति और
अल्पसंख्यक ऋण मामले में उचित मार्गदर्शन नहीं है जो बच्चे लगातार पढ़ रहे
है और किसी कारण वश उसके बेक आजाने पर भी उसे अगली क्लास में प्रमोट कर
उसकी फीस ली गयी है तो अल्पसंख्यक वित्त विकास नियम के नियमों के आधार पर
जिला अल्पसंख्यक कल्याणकारी उन्हें शिक्षा ऋण की अगली किस्त फीस जमा कराने
के लियें नहीं दे रहे है इस अव्यवहारिकता की वजह से सेकड़ों अल्पसंख्यकों की
पढाई खटाई में पढ़ गयी है .....ओरिजनल फीस रसीद के नाम पर छात्रों को
प्रताड़ित किया जा रहा है ...बैठक में उस वक्त हालात हास्यास्पद हो गये जब
एक जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने एक विकलांग मदरसा पेरा टीचर का वेतन नहीं
मिलने की बात उठाई उसने मंत्री जी से कहा के जिस विकलांग पेराटीचर को खुद
आदरणीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नियुक्ति पत्र एक समारोह में देकर वाह
वाही लुटी थी उसी पैरा टीचर को आज तक वेतन नहीं मिला है जबकि उसकी उपस्थिति
लगातार भेजी जा रही है इस सवाल के बाद बैठक में आये सभी अधिकारी सन्न रह
गये ..बैठक में वोह लोग जो फर्जी पेरा टीचर की नियुक्ति घोटाले के साबित
आरोपी थे वोह भी शामिल थे उन्हें अब तक ना तो हटाया गया है न ही जेल भेजा
गया है ....राजस्थान मदरसा बोर्ड के हजारों पेरा टीचर्स को वेतन नहीं मिल
रहा है ..नई नियुक्तिया बजट स्वीक्रत होने पर भी अब तक नहीं की गयी है
..कोई रिकोर्ड संधारित नहीं है मदरसों की निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है
..यही हाल वक्फ मामलों में कुप्रबंध का निकला है ...अल्पसंख्यक विभागों में
सामंजस्य नहीं है जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रधानमन्त्री पन्द्राह
सूत्रीय अल्पसंख्यक कल्याणकारी समीक्षा बैठक का सचीव भी होता है लेकिन
बैठकें वक्त पर नहीं होती और अगर होती है तो इन बैठकों में अधिकारी
प्रोटोकोल के हिसाब से स्वम उपस्थित नहीं होते जानकारियाँ नहीं देते इतना
ही नहीं सांसद ..विधायक तो आते ही नहीं और इससे भी मजेदार बात यह है के
प्रधानमन्त्री भारत सरकार ने जिन सांसदों को राजस्थान में इस कार्यक्रम की
समीक्षा के लियें जिला स्तर पर प्रभारी बनाया है उन्होंने तो अपने जिलों
में इस मामले में एक भी बार झाँक कर नहीं देखा है ....खुद अश्क अली टाक जो
वक्फ के सदस्य भी है और कोटा जिले के अल्पसंख्यक पन्द्रह सूत्रीय बैठक के
प्रभारी भी है लेकिन कोटा जिले के प्रभारी होने के बाद भी वोह आजतक कोटा
में एक भी बैठक में उपस्थित नहीं हुए है ऐसी फ़िक्र है मुस्लिम नेतओं को
मुस्लिम कल्याण की और सरकार कहती है आल इस वेळ सरकारी घोषणाओं को भाजपा सच
और क्रियान्वित समझ कर उँगलियाँ उठती है लेकिन घोषणाओं की क्रियान्विति की
समीक्षा हो और मुस्लिम इदारों के कामकाज की समीक्षा हो तो खुद जनच करने
वाले इन इदारों की काहिली ..मक्कारी और घोतालेबाज़ी से शर्मसार हो जायेंगे
यह सभी इदारे और अल्पसंख्यक मंत्री मिलकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत और कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले में अँधेरे में रखे हुए
है जिससे हालत बद से बदतर होने की सम्भावना है और अल्पसंख्यक का एक बढ़ा
तबका कोंग्रेस से बगावत कर दुसरे किसी पार्टी के खेमे में जा सकता है जिसे
वक्त रहते व्यवस्था सुधर कर अगर नहीं रोका गया तो कोंग्रेस को भारी नुकसान
हो सकता है यही राजस्थान के मुस्लिम वोटों की सच्ची तस्वीर है जिसे समझना
होगा देखना होगा और समीक्षा करना होगा नहीं तो गयी भेंस पानी में ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)