उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक कसाब को मुंबई हमले के लिए चुने जाने
से पहले कठोर ट्रैनिंग दी गई थी। एक सूत्र के मुताबिक, पानी के अंदर या
धुआं भरने की स्थिति में कसाब 10 से 15 मिनट तक सांस रोक सकता था। इससे
साबित होता है कि वो फांसी पर लटकाए जाने से कुछ मिनट पहले भी पूरी तरह
सतर्क था। सिपाही बालु मोहिते ने लीवर खींचकर कसाब को फांसी पर लटकाया।
यरवडा जेल से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को फांसी पर लटकाए
जाने के दौरान सामान्य तौर पर दो मिनट के भीतर दम निकल जाता है। लेकिन
कसाब का दम निकलने में 6 से 7 मिनट लगे क्योंकि उसने अपने फेफड़ों में भारी
मात्रा में ऑक्सीजन इकट्ठा कर ली थी और वो कम से कम 6 मिनट तक सांस रोकने
में सक्षम था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 नवंबर 2012
फांसी के वक्त भी मौत को चकमा देने की फिराक में था कसाब
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)