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28 अक्टूबर 2012

'जिन्हें विधि का ज्ञान नहीं, वे बना रहे हैं कानून'




उदयपुर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगदीप धनकड़ ने कहा कि जिन्हें विधि का ज्ञान नहीं है वे कानून बना रहे हैं और बिना मंथन के एक्ट पास हो रहे हैं। बिना चर्चा व आनन-फानन में पास होने वाले एक्ट विसंगतियां पैदा कर रहे हैं। 
 
धनकड़ काया में आयोजित अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
 
‘विधि निर्माण : वर्तमान परिदृश्य एवं अधिवक्ताओं की भूमिका’ विषय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्रों का पूर्ण दुरुपयोग हो रहा है। जिस किसी एक्ट में विचार और मंथन की जरूरत होती है उसे संसदीय समिति को भेजा जाना चाहिए, ताकि उसके हर पहलू पर विचार किया जा सके और बाद में विसंगतियां नहीं हों। आज देश को विधि के निर्माण हेतु अधिवक्ताओं की आवश्यकता है।
 
धनकड़ ने कहा कि देश में वर्षो से समान आचार संहिता की अत्यन्त आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि पूर्व से ही कानून के निर्माण हेतु संसद, विधानसभाएं हैं, अध्यादेश भी इसका एक माध्यम है तो नेशनल एडवाइजरी कमेटी जैसी संस्थाओं के निर्माण की क्यों आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संस्थाओं में विधिवेत्ताओं को नहीं लिया गया है। 
 
गैरजमानती अपराध हो नदी-नाले में कब्जा : माथुर 
 
राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर ने कहा कि नदी, नालों में अवरोध पैदा करना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आना चाहिए। 
 
‘भू संरक्षण : चुनौतियां और समाधान’ विषय पर माथुर ने कहा कि भूमि का दोहन आज तीव्र गति से हो रहा है। रामचरित मानस में भी कहा गया है कि राजा का प्रथम कर्तव्य पृथ्वी की रक्षा करना है। भूमि के संरक्षण के लिए सर्वप्रथम कानून में बदलाव लाना आवश्यक है और कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने के लिए ठोस कानून बनाने की आवश्यकता है। 
 
बहिर्गमन चिंताजनक 
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने संसद, विधानसभाओं में बढ़ते बहिर्गमन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से बिना चर्चा के ही बिल पास हो जाता है, जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है। कार्यक्रम में अधिवक्ता परिषद का परिचय प्रदेश महामंत्री बसंत छाबा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन बृजेन्द्र सेठ ने तथा आभार राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने व्यक्त किया। 
 
राणा प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित 
 
उद्घाटन सत्र से पूर्व अधिवक्ता परिषद, राजस्थान के चुनाव संपन्न हुए। जिसमें सर्वसम्मति से जगदीश सिंह राणा को प्रदेश अध्यक्ष और बसंत सिंह छाबा को महामंत्री चुना गया। परिषद के इकाई अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ व महामंत्री कमलेश दाणी ने बताया कि चुनाव अधिकारी बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य डॉ. पुष्पेंन्द्र सिंह भाटी थे।

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