आपका-अख्तर खान

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20 मार्च 2011

आपके वास्ते .....

आपके वास्ते .....
जी हाँ 
आपके वास्ते 
में कुछ भी करूं 
तो सवाब बनती हे 
आप जानते हें 
खून के 
सेकड़ों कतरे 
निचोड़ने पर 
एक बोतल 
शराब बनती हे 
नीव में जो पत्थर हे 
उन्हें दफन करने के बाद ही 
कोई कंगुरा तो कोई 
महराब बनती हे . 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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