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16 दिसंबर 2025

कांग्रेस हो या फिर भाजपा ,, इन दो सालों में तो कोटा वालों के लिए, इस पार्टी के दोनों लोग, बेमिसाली तोर पर बेशर्म और नाकारा साबित हुए है , वोह बात अलग है के सत्ता में कांग्रेस के रहते

 

कांग्रेस हो या फिर भाजपा ,, इन दो सालों में तो कोटा वालों के लिए, इस पार्टी के दोनों लोग, बेमिसाली तोर पर बेशर्म और नाकारा साबित हुए है , वोह बात अलग है के सत्ता में कांग्रेस के रहते , कांग्रेस खासकर , कांग्रेस के मंत्री रहे शान्तिकुमार धारीवाल कोटा वासियों के लिए एक विकास पुरोधा , विकास पुरुष और कोटा को खूबसूरत तोहफे देने वाले ऐतिहासिक मंत्री रहे हैं , अफ़सोस तो यह है के भाजपा के सत्ता में आने के दो साल के इस कार्यकाल में उनके द्वारा किये गए विकास कार्यों को मटियामेट कर दिया है , भाजपाइयों ने पहले आलोचनाएं की , फिर उन्ही विकास कार्यों , सोंदर्यकरण कार्यों , पर्यटन आकर्षक कार्यों में खुद ने , खुद के परिजनों ने , अपने खुद के निजी समारोह तक में मनोरंजन किया , जिन कार्यों की भाजपा के नेता बेशर्मी से आलोचना करते थे , उन्ही कार्यों की सत्ता में आने के बाद इन्ही के मंत्रियों , इन्ही के नेताओं , यहां तक के राज्यपाल महोदय द्वारा भी खुलकर प्रशंसा की गई , लेकिन मुझे शर्म आती है के में विपक्ष में बैठी कॉग्रेस का प्रतिनिधि हूँ , मुझे शर्म आती है के में , कोटा सांसद देश भर के लोकसभा की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के नेता जी के शहर का हूँ , मुझे इससे भी ज़्यादा शर्म जब आती है ,जब में देखता हूँ के मेरे ही शहर के ऊर्जा मंत्री , शिक्षा मंत्री और भाजपा , कांग्रेस के विधायक है , प्रहलाद गुंजल जैसे दिग्गज , मुखर वक्ता , जांबाज़ लड़ाके कांग्रेस में मौजूद हैं ,और कोटा के विकास के मामले में शून्य से ज़रा भी बढ़ोतरी नहीं हुई है ,, फिर भी झूंठ गुमराही दो साल बेमिसाल की नंगी कहानी चल रही हैं ,, जहाँ कांग्रेस ने छोड़ा था , उसे बढ़ाना तो दूर बस बर्बाद ही किया जा रहा है , टूटफूट की मरम्मत भी नहीं हो रही है , रिवर फ्रंट सहित सभी पर्यटक स्थल घाटे में है, पूर्व घोषित चंबल क्रूज लापता है, ,उससे भी ज़्यादा शर्मिंदगी तब होती है जब , भाजपा के बेशर्म लोग , बढ़ी बेशर्मी से ,कोटा में भाजपा सरकार के दो साल बेमिसाल के नारे के साथ क़िस्से सुनाते है , अख़बारों में प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ खबरें छपवाते है , झूंठ और बकवास का विवरण देते है , और इससे भी ज़्यादा शर्मसार होकर खून जब खोलता है ,तब , कांग्रेस के लीडर , कांग्रेस के ज़िम्मेदार इन दो सालों के ठप्प विकास , एक इंच भी बढ़ोतरी नहीं होने की दुखद , शर्मनाक स्थिति के बाद भी , अंडर दी टेबल समझौतों में मुब्तिला हो जाते है , तू मेरी मत कह , में तेरी नहीं कहूँ , के समझौते में लग जाते हैं , ना कोई विरोध , ना कोई बयानबाज़ी , ना कोई ज्ञापन बाज़ी , ना ही कोई आम जनता को भाजपा का विकास को रोकने का चेहरा , वायदों के साथ बेवफाई करने का चेहरा , संस्थाओं पर क़ब्ज़ा करने का मतलबी लोगों का चेहरा दिखाने की कोई काम कांग्रेस करती है , बस चुप खामोशी , गुटबाज़ी , यहां तक के कांग्रेस संगठन तक को सही तरह से संचालित नहीं कर पाती , अपनी पोते की शादी की व्यस्तता के बावजूद भी पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने तो भाजपा के दो साल के नाकारापन पर एक प्रेसनोट कहो , सोशल मिडिया नॉट कहो , उसे देकर अपनी ज़िम्मेदारी तो कम से कम निभा ली है , लेकिन कोटा के प्रति , प्रदेश कांग्रेस , प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी , उनकी कार्ययोजना , यहां के विधायक , हारे हुए प्रत्याक्षी , कांग्रेस के वर्तमान और निवर्तमान अध्यक्ष , पदाधिकारी आखिर कर क्या रहे हैं , बस यही खोजखबर में हर कांग्रेस का कार्यर्कता तलाशी में जुटा है , भाजपा के सांसद लोकसभा के अध्यक्ष ने कोटा के एयरपोर्ट का वायदा पंद्रह वर्षों पहले किया , कांग्रेस ने कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में ही एयरपोर्ट की राजस्थान सरकार से संबंधित सभी बाधाएं दूर कर दीं , ज़मीन आवंटित कर दी , लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार होते हुए भी , केंद्र में कोटा सांसद के पावरफुल होते भी ,, केंद्र की कोई ऍन ओ सी समय पर नहीं मिली , मदद नहीं मिली , ,फिर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए , अशोक जी गहलोत ने लताड़ पिलाते हुए , चेलेंज दिया के आप से अगर एयरपोर्ट कोटा में नहीं बन रहा है ,तो राजस्थान सरकार के हवाले कर दीजिये हम , इस एयरपोर्ट को बनवा लेंगे , कोटा में ही इस घोषणा के बाद , भाजपा के नेता अगलबगल हो गए , लेकिन कांग्रेस सरकार राजस्थान कांग्रेस गुटबाज़ी की वजह से जीती हुई बाज़ी हार गई , भाजपा में मेडम जी को दरकिनार कर उन्ही को पर्ची थमा कर , पर्ची सरकार बना दी गई , अब कोटा में लोकसभा अध्यक्ष , विधायक , शिक्षा मंत्री , ऊर्जा मंत्री जो चाहते वोह करवाने की स्थिति में थे , लेकिन कोटा को इन दो सालों में भाजपा को और कांग्रेस के आस्तीन के सांप जो भाजपा में गए उन्हें बाबा जी का ठुल्लु ही मिला , खेर यह उनका आंतरिक मामला है , लेकिन कोटा नगरनिगम के महापौर भाजपा में गए , प्रतिपक्ष नेता और भाजपा के महापौर एक ही पार्टी के गैर क़ानूनी तरीके से दो साल तक बने रहे ,भाजपा तो बेशर्म थी , लेकिन कांग्रेस ने भी बेशर्मी में कोई कमी नहीं छोड़ी कोई खुलकर विरोध नहीं किया , एक विरोध अगर कांग्रेस पार्षदों के क्षेत्र में विकास कार्यों की कटौती करने के पक्षपात के खिलाफ हुआ भी , तो दादागिरी से जयपुर से कोटा पहुंचे नेताओं ने जबरिया ना जाने क्यों उन पार्षदों का साथ देने के जगह उलटे , अनशन तुड़वा दिया आंदोलन खत्म करवा दिया , कोटा में एयरपोर्ट की चर्चा है , महाराज की ऐतिहासिक छतरी तोड़ कर राजपूतों का अपमान किया लेकिन , एयरपोर्ट का शिलान्यास आज दो वर्ष गुज़रने पर भी नहीं हो सका , कांग्रेस के विपक्ष की भूमिका की बेशर्मी देखिये ,, कोटा एरोड्रम की पुरानी ज़मीन बेचकर नए एयरपोर्ट बनाने का भाजपा सरकार का प्रस्ताव हुआ , यह वही जगह है जहाँ कांग्रेस कार्यकाल में , मिनी सचिवालय जहाँ अदालत वगेरा सभी आवश्यक कार्यालय एक ही छत के नीचे बनाने का मास्टर प्लान बन चुका था , विधि मंत्री ने यहां मिनी सचिवालय की घोषणा कर दी थी , लेकिन कांग्रेस शासन जाने के बाद यहां तो लूट मच गई , लेकिन इस पर भी कांग्रेस ने कोई आंदोलन नहीं किया चिढ़ी चुप रही , फिर स्कूलों की ,अव्यवस्थाएं मनमानी , के ई डी एल की लूट ,, पूर्व मंत्री भरत सिंह की पत्नी पर भ्रष्टाचार का मुकदमा, नगरपालिका चेरयमैन , सरपंच , प्रधानों को बेवजह हटाने की बेहूदगी हुई , लेकिन कांग्रेस चुप चिढ़ी चुप ,, कोटा में के डी ऐ कांग्रेस शासन में बन चुका था , फिर भी अभी तक यहां विधि नियम नहीं बनाये गए , अधिकारीयों , कर्मचारियों की प्रॉपर नियुक्ति नहीं है , मुकदंरा के नाम पर कुछ नहीं हुआ , कोटा में विकास की एक ईंट , एक पत्थर तक नहीं रखा गया , बस घोषणाएं , घोषणाएं होती रहीं , कोटा अदालत के विस्तार के लिए दो वर्षों में किसान भवन के पास , भवन का शिलान्यास होना दूर प्रॉपर ऍन ओ सी भी नहीं आई , जिस कोटा के लिए हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का लिखित वायदा भाजपाइयों , भाजपा के वर्तमान सिरमौर नेताओं ने किया था , उन्होंने कोटा में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने , कोटा के वकीलों की कॉलोनी में सम्पूर्ण सुविधाएँ देकर उसे रहने लायक बनाने की दिशा में एक क़दम भी नहीं बढ़ाया , स्थिति यह रही के कोटा में एक ही अधिकारी को , दो दो , तीन तीन , चार चार , कई को दस दस पदों के कार्यभार दिए गए , अधिकारी रहे नहीं , वार्डों के पुनर्सीमांकन में मनमानी हुई , लेकिन कांग्रेस तो कांग्रेस है चिढ़ी चुप , कोटा में रेडक्रॉस सोसायटी , नागरिक सहकारी बैंक ,, भारतेन्दु समिति , सहित कई दर्जन को ऑपरेटिव सोसायटी के चुनाव के बारे में कोई विचार ही नहीं हुआ ,,हालत यह हुए के नागरिक सहकारी बैंक जैसी संस्था में तो कोंग्रेसियों को बिना चुनाव लड़े भाजपा के लोगों ने पद दे दिए , कोटा में सहकारिता के चुनाव हों , रेडक्रॉस सोसायटी कोटा के चुनाव हों , सभी पर बिना चुनाव के क़ब्ज़ा है , लेकिन कोंग्रेसी चुप , चिढ़ी चुप , प्रह्लाद गुंजल से उम्मीद थी के वोह सहकारिता के लड़ाके रहे हैं , वर्षों से बिना चुनाव के जमे बैठे सहकारिता के मठाधीशों के खिलाफ आंदोलन करेंगे आवाज़ उठाएँग , रेडक्रॉस संस्था के चुनाव के लिए लड़ेंगे , लेकिन सब टांय टांय फिस्स ,, कोटा में एक वक़्त ज़रूर आया था जब कुलदीप श्रीवास्तव के बाद , आबिद कागज़ी और कुंदन यादव सहित कुछ लोगों ने सहकारिता में मुक़ाबला करने की कोशिश की थी लेकिन कुंदन यादव और आबिद कागज़ी के बीच में ही विवाद पैदा कर दिया गया और यह मुहीम बीच में ही रुक गई ,, , कांग्रेस के दो साल तो देखिए , कांग्रेस के भवन की तो जो हालत है , सभी ने देखी है , लेकिन कांग्रेस न्यास कोटा के नरेश विजय वर्गीय , की मृत्यु हो जाने , पंकज मेहता और गोविन्द शर्मा के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद जो पद रिक्त पढ़े है , उन पदों तक पर कोई नई नियुक्ति नहीं हुई , एक कोंग्रेस ट्रस्ट बिना ट्रस्ट के ही अव्यवस्थित होकर चल रहा है , , तो जनाब कोटा में भाजपा सरकार ने तो दो वर्षों में शिक्षा , चिकित्सा , प्रशासनिक सुधार , सहकारिता आंदोलन सहित किसी भी क्षेत्र में एक इंच तो क्या , एक मिलीमीटर भी काम नहीं किया है , और विरोध में बैठी कांग्रेस ने , इस मामले में अपनी आँखें , अपना मुंह बन रखा है , तो ऐसे में कोटा में भाजपा सरकार का अराजक माहौल , कोई काम नहीं , का मामला बेमिसाल रहा है , तो कांग्रेस का भी इन सब के बावजूद चुप्पी को लेकर , खामोशी को लेकर मामला ऐतिहासिक बेमिसाल रहा है , लेकिन कोटा , कोटा की सहकारिता संस्थाएं , रेडक्रॉस सोसायटी , भारतेन्दु साहित्यिक संस्था सहित सभी संस्थाएं सिसक रही हैं , बैंक सिसक रहे हैं , कोई चुनाव नहीं , और वार्डों के सीमांकन में कांग्रेस की चुप्पी के बाद फिसड्डी जैसा माहौल है , एयरपोर्ट के शिलान्यास के मामले में कोंग्रेस की चुप्पी , मिनी सचिवालय की जगह की बिक्री योजना मामले में कांग्रेस की चुप्पी बेमिसाल है , चलो खेर फिर भी कांग्रेस ज़िंदाबाद है , भाजपा भी है तो भाजपाइयों के लिए ज़िंदाबाद है , बस नुकसान है तो कोटा के विकास का ही है , खेर ,, मुझे क्या में तो शर्मिंदा हूँ , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
akhtar khan akela

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