आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 दिसंबर 2025

हाँ,, मुझे पसन्द है,

 

हाँ,, मुझे पसन्द है,
उसकी आँखें, उसकी बातें,,
उसे देखना जाते जाते..
हाँ..मुझे पसन्द है।
उसे रुठाना, उसे मनाना,,
सारी बातें, उसे बताना,,
रोज सपनों में उसे गले लगाना..
हाँ..मुझे पसन्द है।
उसकी सादगी, उसकी शरारत,,
उसके पास, आने की वो आहट,,
उसकी पूरी हर एक ईबादत..
हाँ,,मुझे पसन्द है।
उसका यूँ किस्से सुनाना,,
बात बात पर खुशी से झूम जाना,,
अपना छोर, सबका ख़्याल कर जाना,,
हर ग़म को अपनी मुस्कान के पीछे छिपा जाना,,
औऱ, पूछने पर एक नया बहाना..
हाँ,,मुझे पसन्द है।
उसका यूँ सजना सँवरना,,
आंखों में काजल का रखना,,
रोज़ नए कपड़े बदलना,,
बारी बारी सबसे लड़ना..
हाँ,,मुझे पसन्द है।
उसका मुझसे यूँ दूर जाना,,
पास आने पर सहज सिमट जाना,,
सारा गुस्सा मुझे दिखाना,,
औऱ हर बार मेरा हार जाना..
हाँ,,मुझे पसन्द है।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...