रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान
2. पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश के बोलिया गाँव से,कोटा की टीम ने रात तीन बजे लिया नेत्रदान
पूरे
प्रदेश में शाइन इंडिया फाउंडेशन,कोटा की एक अकेली ऐसी संस्था है, जो
नेत्रदान के लिए संपर्क करने पर, किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों
में,अधिक दूरी होने पर या प्रतिकूल मौसम होने पर भी, नेत्रदान का कार्य
करने के लिए 24 घंटे तैयार रहती है ।
बुधवार देर रात 11:00 बजे
संस्था के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने सूचना दी की, कोटा से 150 किलोमीटर
पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा पर लगे,मंदसौर जिले के बोलिया गांव में
मोहनलाल चौधरी का आकस्मिक निधन हुआ है, और उनके भतीजे मनोज कुमार की
प्रेरणा पर बेटे राकेश जैन ने अपने पिता दिवंगत मोहनलाल चौधरी (अनाज
व्यापारी) के नेत्रदान करवाने का अनुग्रह किया है ।
सूचना मिलने पर
डॉ कुलवंत गौड़ ने तुरंत,कोटा से निकलने के लिए,कई सारे ड्राइवर को संपर्क
किया, परंतु कोई देर रात 150 किलोमीटर दूर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ, अंत
में एक ड्राइवर ने जाने के लिये सहमति दी,जबकि उसके पिताजी का हार्ट का
ऑपरेशन कोटा के निजी अस्पताल में चल रहा था ।
ड्राइवर को लेकर डॉ
गौड़, 12:00 कोटा से रवाना हुए और 2:30 बजे, बोलिया निवासी स्वर्गीय
मोहनलाल के निवास पर पहुंचे, और उनके नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया
। बोलिया ग्राम का यह पहला नेत्रदान था, उपस्थित जन समूह ने पहली बार
नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।
मंदसौर जिले में,नेत्रदान
प्रक्रिया में अभी पूरी आंख को ही लिया जाता है । संस्था के माध्यम से अभी
तक मंदसौर जिले में 6 नेत्रदान हुए हैं,सभी में पूरी आँख को ना लेकर सिर्फ
कॉर्निया प्राप्त किया गया है ।
डॉ कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान
प्रक्रिया के बाद,शोककुल परिवार के सदस्यों को संस्था की ओर से प्रशस्ति
पत्र और नेत्रदानी गौरव पट्टीका भेंट की ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 दिसंबर 2025
रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान
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