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30 नवंबर 2025

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का देशव्यापी पड़ोसियों के अधिकार मुहिम

 

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का देशव्यापी पड़ोसियों के अधिकार मुहिम
कोटा, 30 नवंबर 2025।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, कोटा के अमीरे मक़ामी इं. अब्दुल क़ुद्दूस ने बताया की जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की "आदर्श पड़ोसी, आदर्श समाज" के नारे के साथ "पड़ोसियों के अधिकारों" को लेकर दस-दिवसीय देश व्यापी मुहिम कोटा शहर में भी 21 से 30 नवंबर 2025 तक चलाई गई।
इस मुहिम के तहत कोटा शहर के विभिन्न इलाकों में जमाअत के सदस्यों, SIO, GIO ने घर घर जाकर सम्पर्क किया, मसाजिद से जुमा के खिताब पड़ोसियों के अधिकार विषय पर दिये गये, उल्मा ए किराम, आईमा ए मसाजिद, मुस्लिम एवं देश बंधुओं से सम्पर्क किया गया एवं कार्यक्रम आयोजित किये गये, बच्चों के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर पड़ोसियों के अधिकार के प्रति जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया।
आज समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुत्तलिब मिर्ज़ा सेक्रेटरी जमाअत -ए- इस्लामी हिंद राजस्थान ने अपने उदबोधन में कहा की इस अभियान से जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया है इस अभियान की सफलता तब है जब हम पड़ोसियों के अधिकार अदा करने वाले बने, हम अपने व्यवहार से, आचरण से अच्छा पड़ोसी बन कर दिखाएं।अब हमारी परीक्षा है कि जो संदेश लोगों तक पहुंचाया है उसका हम पालन कर रहे हैं या नही। इस अभियान का उद्देश्य पड़ोसियों के प्रति अच्छे व्यवहार और सद्भावना की भावना को फिर से जगाना और सामुदायिक संबंधों को मज़बूत करना है।
"इस्लाम पड़ोसियों के अधिकारों को बड़ा महत्व देता है और इसे एक सामंजस्यपूर्ण समाज की आधारशिला मानता है। क़ुरआन में अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से न केवल निकटम पड़ोसियों केसाथ, बल्कि ‘अस्थाई पड़ोसी’ के रूप में निकट आए लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करने का आदेश दिया गया है जिसमें सहकर्मी, सहयात्री और यहाँ तक कि सड़क पर हमारे साथ चलने वाले लोग भी शामिल हैं। "अच्छे रिश्तों की नींव पर बना समाज अपने आप ही एक मिसाली समाज बन जाता है। जब पड़ोसी एक-दूसरे के साथ दया, क्षमा और इंसाफ़ के साथ पेश आते हैं, तो इससे उठने वाली लहर पूरे समाज को परिवर्तित कर देती है। हमें उम्मीद है कि यह मुहिम न सिर्फ़ पड़ोसियों के बीच के झगड़े सुलझाएगी, बल्कि दया और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे इस्लामी मूल्यों का एक मज़बूत सबूत भी बनेगी।"
"पड़ोसियों के अधिकार मुहिम" शहरी इलाकों में बढ़ते अकेलेपन की भावना को सम्बोधित करती है, जिसकी वजह से पड़ोसी रिश्तों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस मुहिम का मकसद आपसी हमदर्दी, सहयोग, साफ़-सफ़ाई और ट्रैफिक डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है जिसे इस्लाम अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी मानता है। आईये हम सब मिलकर आदर्श पड़ोसी आदर्श समाज बनाकर राष्ट्र की समृद्धि में अपना योगदान दें।
इस कार्यक्रम को
गुलशेर अहमद सह सचिव हाड़ोती क्षैत्र , मिस्बाह खान, सिद्दीका साहिबा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अंत में निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग, विडियो किल्पिस एवं अन्य गतिविधियों में भाग लेने वाले बच्चे और बच्चियों को इनाम वितरित कर उत्साह वर्धन किया गया ।

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