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19 नवंबर 2025

कि अब तो पकड़े गए मूसा ने कहा हरगिज़ नहीं क्योंकि मेरे साथ मेरा परवरदिगार है

 और उन लोगों ने सूरज निकलते उनका पीछा किया तो जब दोनों जमाअतें (इतनी करीब हुयीं कि) एक दूसरे को देखने लगी तो मूसा के साथी (हैरान होकर) कहने लगे (61)
कि अब तो पकड़े गए मूसा ने कहा हरगिज़ नहीं क्योंकि मेरे साथ मेरा परवरदिगार है (62)
वह फौरन मुझे कोई (मुखलिसी का) रास्ता बता देगा तो हमने मूसा के पास वही भेजी कि अपनी छड़ी दरिया पर मारो (मारना था कि) फौरन दरिया फूट के टुकड़े टुकड़े हो गया तो गोया हर टुकड़ा एक बड़ा ऊँचा पहाड़ था (63)
और हमने उसी जगह दूसरे फरीक (फ़िरऔन के साथी) को क़रीब कर दिया (64)
और मूसा और उसके साथियों को हमने (डूबने से) बचा लिया (65)
फिर दूसरे फरीक़ (फ़िरऔन और उसके साथियों) को डुबोकर हलाक़ कर दिया (66)
बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और उनमें अक्सर इमान लाने वाले ही न थे (67)
और इसमें तो शक ही न था कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है (68)
और (ऐ रसूल) उन लोगों के सामने इबराहीम का क़िस्सा बयान करों (69)
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा (70)

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