कोटा शहर , कोटा देहात के भावी जिला अध्यक्ष सर्च ऑपरेशन में , कांग्रेस की रीती ,, निति , संविधान , संगठन निर्वाचन , विधि नियम और खासकर राहुल गांधी के टेलेंटेड जिला अध्यक्ष सर्च फार्मूले की खुले रूप से अनदेखी की जा रही हैं , यही वजह है के कोटा जिला कांग्रेस कार्यालय में नारेबाजी और गुटबाज़ी उभर कर सामने आई है , ,कोटा कांग्रेस का इतिहास है , यहां अगर मनमानी , अकड़बाज़ी या सिर्फ संगठन के जेबी पदाधिकारी ही सब कुछ हैं , उनसे ही बात करना है , या फिर जो महारथी हैं , उन्हीं से बात करना है , वाले फार्मूले हुए , तो फिर कोटा में ऐसे पर्यवेक्षकों के साथ मारपिटाई के क़िस्से पुराने हैं , कुलदीप जी इंदोरा और इसके बाद , कोटा में दक्षिणी भारत के ही सर उनकी टीम को सुर्पिन होटल में कुछ कांग्रेस कार्यर्कताओं ने महारथियों के इशारो पर जाकर ठुकाई भी की , तोड़फोड़ भी की , और कोटा अदालत में ऐसे मामलों में एफ आई आर भी हुई , मुक़दमे दर्ज हुए , गिरफ्तारियां हुईं , फिर उनके यहां बयांन देने नहीं आने के कारण मुक़दमे में नामज़द लोग बरी भी हुए , कोटा में क्या , कहीं भी जिला अध्यक्ष सर्च ऑपरेशन , विधि नियम , राहुल गांधी जिला अध्यक्ष टेलेंट सर्च फार्मूला ऐसा है ही नहीं जैसा कोटा पहुंचे यह पर्यवेक्षक कर रहे हैं , यह कोई संगठन की बैठक नहीं है ,जो जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी को ऐलान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है के सिर्फ कांग्रेस के पदाधिकारी , पार्षद वगेरा ही इस बैठक में भाग लेंगे , यह कोई ब्लॉक कांग्रेस की बैठक नहीं है के बंदिशें हों के सिर्फ जो जेबी संगठन के रूप में , जिला , प्रदेश , या ब्लॉक , नगर में बनकर आये हैं , वही इस मीटिंग में जाएंगे, अरे उस जेबी संगठन के मिथक को तोड़ने के लिये ही इन पर्वेक्षकों को भेजा है , फिर पर्वेक्षकों में जब प्रदेश के लोग सहयोगी शामिल हो गए तो ज़ाहिर है , किसे किसने बनाया कोन किस गुट का है उसे तो सभी जानते है , पर्यवेक्षक एक बार सभी से आवेदन ले लें , और जो आवेदन नहीं दें , उनके नाम भी अपने स्तर पर तलाश करें , खुद उपयुक्त उम्मीदवार सर्च करें , राहुल के फार्मूले के तहत , विधानसभा , , लोकसभा ,, निकाय , पंचायत चुनाव में इनकी भूमिका क्या रही , इन्होने टिकिट माँगा मिला , या नहीं मिला तो फिर यह अपने क्षेत्र , अपनी भाग संख्या और जिस प्रत्याक्षी को टिकिट मिला उसके साथ चुनाव प्रचार , उसे जिताने के लिए या फिर गुटबाज़ी के कारण उसे हराने , खामोश रहने , दूसरे अपने अपने आकाओं के इलाक़े में जा कर कोटा को नुकसान पहुंचाया , खुद ने भी कोटा में ऐसे चुनाव में वोटिंग की या नहीं , भाजपा के प्रत्याक्षी के साथ , अंदरूनी तोर पर हाथ मिलाया या नहीं , गुपचुप तरीके से अपनी ही पार्टी के चयनित प्रत्याक्षी के खिलाफ माहौल बिगाड़ने की साज़िश रची या नहीं , राहुल फार्मूले के तहत , संगठन के प्रति समर्पित हैं , या व्यक्ति के प्रति जवाबदार हैं , संगठन पहले या फिर व्यक्ति पहले , व्यक्ति के इशारों पर पार्टी छोड़ कर जाना , फिर वापस आ जाना , खुद टिकिट लेकर जानबूझ कर चुनाव हार जाना ,, कांग्रेस कार्यालय में नियमित उपस्थित हैं या नहीं , कांग्रेस कार्यक्रमों के प्रति , सजग सतर्क हैं या नहीं , इनकी अपनी रिहाइशी भाग संख्या में कांग्रेस की वोटिंग स्थिति क्या रही ,, कांग्रेस विधान के तहत , दलित , महिला , अल्पसंख्यक , शोषित , उत्पीड़ित , और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुख दुःख में शामिल हुए या नहीं , उनके पारिवारिक दुःख की घडी में उनके साथ रहे या नहीं , यही सब तो देखना था , अभी जो कांग्रेस कार्यालय में गुटबाज़ी की घटना हुई , सिर्फ पदाधिकारी ही रहेंगे जैसे ऐलान हुए इस मामले में , पर्वेक्षकों पर भी एक पर्वेक्षक बनाकर एक रिपोर्ट संगठन अध्यक्ष , संगठन ज़िम्मेदार और खुद राहुल गांधी को मेने तो भेज दी है , लेकिन खुद पर्वेक्षकों की ज़िम्मेदारी होती है , के वोह कांग्रेस हाईकमान को , इस अव्यवस्था , गुटबाज़ी से अवगत कराये , इसके लिए ज़िम्मेदारों को चिन्हित कर उनके नाम हाईकमान तक पहुंचाए , वोह बात अलग है संगठन में गर्माहट है , संगठन के प्रति उत्साह है , लेकिन यह कह देने से काम नहीं चलेगा , अगर ऐसा ही चला तो संगठन में गुटबाज़ी खत्म होने की जगह उलटे , गुटबाज़ी बढ़ेगी ,नफरत बढ़ेगी , खून खराबा जैसे हालात होंगे , तो फिर पर्यवेक्षक जी , कोटा में आपका स्वागत है , कोटा चंबल का पानी है , कोटा भाजपा का गढ़ है , जनसंघ का गढ़ है , यहां कांग्रेस की रीढ़ भी है तो वोह जनसंघ के इशारों पर ही कई बार चलती देखी गई है , कोटा संगठन मामले में , सुनो सबकी , करो मन की , ,और जो खुद आकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं , वोह तो अलग बात है , जो खुद आकर अपने आवेदन दे रहे हैं , वोह भी अलग बात है , लेकिन खुद भी तो सर्च करो ज़िम्मेदार लोग क्यों इस ज़िम्मेदारी को संभालने नहीं आ रहे यह भी तो सोचो, इनके नामांकनों पर भी विचार करो , खुद भी बिना नामांकन वालों में से सक्रिय लोगों के पेनल में से भी सर्च करो , ओर जो बेहूदगियां आपके सामने हुई हैं , या भविष्य में होंगी , उन्हें हाईकमान तक नाम ज़द , किसके इशारे पर क्या हुआ , पहुंचाओ ,, और कोटा को राहुल फार्मूले के तहत हर दिल अज़ीज़ ,, निष्पक्ष , मज़बूत , भाई साहबों के पॉकेट से अलग थलग व्यक्ति को , निष्पक्ष अध्यक्ष बनाकर सभी को चौंका दो ,, ,,,,जब कुर्सी मिलेगी तो वोह खुद अपना काम कर लेगा , क्योंकि संगठन के खिलाफ अगर यह गुटबाज कुछ अनुशासनहीनता करें तो इन्हे पहले प्यार से समझाने वाला ,और नहीं माने तो फिर इन्हे घर बिठाने वाला ही अध्यक्ष कोटा को ज़िंदाबाद कर सकता है , नहीं तो कोटा लोकसभा में मज़बूत से मज़बूत प्रत्याक्षी भी, जीती हुई बाज़ी , चालीस हज़ार वोटों से साज़िशों की तहत हारता रहेगा , ,कोटा दक्षिण विधानसभा प्रत्याक्षी जीती हुई बाज़ी हारते रहेंगे ,,,कोंग्रेस के निर्वाचित मेयर, कई वर्षों तक कोंग्रेस में रहे ज़िला कोंग्रेस अध्यक्ष, प्रसाद पर्यंत पदों की चाशनी पीने वाले लोग अवसरवादी बनकर चुनाव के एन वक़्त पर भाजपा में शामिल होते रहेंगे और जो इनकार कर कोंग्रेस का ही रह जाएगा वोह रविन्द्र त्यागी की तरह विरोध का शिकार होते रहेंगे, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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