कोटा राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ खेल सचिव ,, बाबा जंगलीशाह भवँर शाह तकिया वक़्फ़ सम्पत्ति के पूर्व सचिव , शिक्षाविद , समाजसेवक ,, एडवोकेट मोहम्मद अली सय्यद को उनकी सालगिराह पर पुरखुलूस खुशहाली , सह्तयाबी , उम्रदराज़ी , तरक़्क़ी की दुआओं के साथ मुबारकबाद बधाई , इत्तेफाक देखिये ग्याहरवीं शरीफ ओर 4 अक्टूबर एक साथ , इसी दिन इनके सुपुत्र उरूज का भी जन्म दिन रहा, इंशाल्लाह मोहम्मद अली के सुपुत्र उरूज इनके इंक़लाब को ओर उरूज तक पहुंचाएंगे, ,मेरे अभिन्न से भी अभिनतम मित्र मोहम्मद अली सय्यद एडवोकेट ,, पूर्व छात्र नेता है , यारों के यार है , हर ज़रूरतमंद के जी जान से काम आने वाले हमजोली साथी हैं , नेकनीयती और ईमानदारी इनकी पहचान है , आज इनकी सोहलवीं सालगिरह है , इन्हें इनकी सालगिरह पर पुरखुलूस दुआओं के साथ बधाई , मुबारकबाद , अल्लाह इनकी हर परेशानी दूर करे , हर बिमारी , अला , बला से इन्हे बचाये , इन्हे ज़िंदा , सलामत , तंदरुस्त ,रखे ,खुशहाल रखे , कामयाब रखे , दुनिया की हर ख़ुशी इनके क़दमों में डाल दे , यह ऐसे ही अपनी बीवी , बेटे के इशारे पर ज़िंदाबाद रहें , जी हाँ दोस्तों मेरे बचपन हाँ लगभग बचपन कहो या तरुण आयु कहो तब से अभिन्न से भी अभिन्नतम मित्र , दुःख सुख के साथी भाई सय्यद मोहम्मद अली एडवोकेट जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी है ,लेकिन इनकी सभी प्रतिभाओं को उन्होंने एक कोने रखकर ,, ताले में रख दिया है , ,इंशा अल्लाह इनकी सह्तयाबी , खुशअख्लाकी के साथ फिर से यह अपनी प्रतिभा के ज़रिये लोगों के हक़ के लिए संघर्ष करेंगे , उन्हें इंसाफ दिलाएंगे , क्योंकि वर्तमान हालातों में इन्हे बुरी नज़र लगी है , बहुत कुछ सही है , लेकिन बहुत कुछ सही नहीं भी है ,यह बीमार है , कमज़ोर हो रहे हैं , लेकिन जलवा वही बरक़रार है , ज़ेरे इलाज है ,इंशा अल्लाह इन्हे अल्लाह जल्दी ही तंदरुस्ती अता फरमाएगा , और फिर से वही चहक , वही महक , वही हंसी , ठिठोली , लोगों की मदद का दौर आम हो जाएगा , मोहम्मद अली सय्यद भवरगढ़ में गुरु जी की पहचान रखने वाले माट्साहब बुनियाद अली जी के इकलौते पुत्र हैं , लाड़प्यार से प्ले , कोटा में महात्मा गाँधी स्कूल रामपुरा में हम दोस्त बने , फिर ऐसी दोस्ती हुई के माशाअल्लाह फेबिकोल के जोड़ की तरह से , ज़िंदाबाद , दोस्ती हो गई हर दुःख दर्द के साथी हो गए , एक दूसरे के लिए जान छिड़कने वाले हो गए , ,महात्मागांधी स्कूल के बाद राजकीय महाविद्यालय में भी साथी रहे , मोहम्मद अली सय्यद कोटा के क्रांतिकारी मज़दूर नेता कॉमरेड अब्दुल हमीद मुन्ना कामरेड के भांजे होने से , वोह उनके भी लाडले रहे , इसलिए नेतृत्व , नेतागिरी ,, भाषण बाज़ी और निर्भीकता उनकी पूंजी थी ,, राजकीय महाविद्यालय में वोह क्रीड़ा सचिव थे , तब घरेलू गलियों में खेले जाने वाले खेलकूद प्रतियोगिताएं भी उन्होंने कॉलेज में रखवाई थीं , वोह कई कॉलेज आंदोलन , संघर्ष के सक्रिय गवाह रहे , स्नातक के बाद , सोशोलॉजी में मास्टर डिग्री , फिर जयपुर टेलीफोन ऑपरेटर की तकनीकी ट्रेनिंग , फिर बी ऐड , फिर एम ऐड , फिर एल एल एल बी , और फिर फिल्मों के शोक ने इन्हे फिल्म सिटी का रास्ता दिखाया , लेकिन सुरूर फिल्म एक्टिंग एन्टरप्राइजेज कम्पनी के बाद फिर से यह कोटा के ही हो गए , गलियों में जब साक्षरता कार्यक्रम चला तो इन्होने गरीब बस्तियों में शिक्षा अभियान के तहत साक्षरता की अलख जगाने के लिए नो लॉस नो प्रॉफिट के स्कूल खोले , कोटड़ी में भी इनका स्कूल काफी लम्बे समय तक , कई गरीब बच्चों को , बिना किसी शुल्क के शिक्षा देने वाला अनुकरणीय स्कूल रहा ,, इन्होने गरीब बस्तियों में समाज सेवा कार्यों के तहत नशा मुक्ति अभियान में भी हिस्सा लिया , कई लोगों को बुरी लत ,बुरी संगत से उनक पीछा छुड़वाया , और कई गरीब बस्तियों में यह उनके चहेते बन गए , ,हर साल एक विशिष्ठ पहचान रखने वाले की खोज इनकी रूचि रही , और कई हस्तियों की खोज कर इन्होने अपने दोस्तों में उन्हें शामिल किया , ,हंसी मज़ाक़ , यारी दोस्ती , मौज मस्ती , एक दूसरे के प्रति समर्पण , ईमानदाराना किरदार , ,मोहब्बत , खुलूस , क़ौमी एकता के लिए संघर्ष इनकी पहचान रही , इनके पीछे का बेक ग्राउंड , मज़बूत बेक ग्राउंड इनके समक्ष शार्ट कट से खुद को साबित करने के कई ऑफर थे , लेकिन हर ऑफर को इन्होने ईमानदाराना सोच के चलते ठेंगा बताया और ठुकरा दिया ,क़लम के धनी , मुखर वक्ता , ,बहतरीन साइक्लोजिस्ट , लेखक , शायराना अंदाज़ इनकी विशेषता थी , दैनिक कोटा ब्यूरो जब गुमानपुरा से प्रकाशित होता तब यह काफी लम्बे समय तक दैनिक कोटा ब्यूरो के प्रमुख सम्पादक पद पर कार्यरत रहकर बहतरीन रिपोर्टरों के साथ कोटा की स्थानीय खबरों के प्रकाशक रहे ,मोहम्मद अली सय्यद कई संस्थाओं से जुड़कर लोगों के खिदमतगार रहे , ,कोटा बाबा जंगलीशाह , भवँर शाह तकिया वक़्फ़ कमेटी के सचिव पद पर रहे , कोटा महफ़िल खाना इन्ही के कार्यकाल में फेज़ टू बनकर शुरू हुआ जिसमे ऊपर की मंज़िल के कमरे और दूसरे कमरे लोगों को साफ सफाई खर्च , मामूली से किराए पर ही दिए जाते रहे , लेकिन अब जो कुछ है सभी के सामने है ,,,,फिर वकालत के लिए इन्हे लगातार प्रेरित करने से इनका सफर वकालत में रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ एडवोकेट के रूप में हमारे सहयोगी साथी के रूप में शुरू हुआ , लेकिन किसी की बुरी नज़र लगी , यह बीमार होने लगे , बिमारी से हौसले से लड़ते रहे , मुक़ाबला करते रहे , बिमारी भी ऐसी के डॉक्टर्स साड़ी जांच पड़ताल के बाद कहें कोई बिमारी नहीं , सब ठीक है , लेकिन कुछ तो है , कुछ तो था के एक तंदरुस्त शख्सियत एक मुखर वक्ता एक संघर्ष शील जांबाज़ दोस्त अचानक कमज़ोर होता चला गया , बीमार हो गया , कभी दांत , कभी दाढ़ , कभी आँख , और फिर पेट , क़ब्ज़ , गैस और ना जाने क्या क्या , गठिया बाय , वगेरा वगेरा बिमारियों ने घेर लिया , इलाज मेडिकल , मेडिसिन , आयुर्वेद , हॉम्योपेथिक और दुआओं के साथ लगातार चल रहा है , लेकिन कुछ तो है के दिन बा दिन तकलीफ बढ़ रही है , खेर अल्लाह हर बिमारी का इलाज करने वाला है , इंशा अललाह अब बहुत जल्द मोहम्मद अली सय्यद फिर से वही पुराने वाले , हंसी ठिठोली वाले , यारों के यार वाले , ज़रा सी खबर मिलते ही दोस्तों के लिए अपने सभी ज़रूरी काम काज छोड़कर उनकी मदद करने वाले , वही मुखर वक्ता , लोगों के खिदमतगार , ज़ुल्म के बोझ तले दबे कुचले पीड़ितों के वकील बनकर उन्हें इंसाफ दिलाने वाले बनेंगे , अल्लाह के फ़ज़ल से फिर से तंदरुस्त होकर , अपने नए अंदाज़ में पुराने अनुभवों के साथ , दुनिया के मौज मस्ती के अखाड़े में इन्साफ की जंग के साथ मैदान में रहेंगे ,, , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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