नेत्रदान से अमर ममता — समाज के लिए प्रेरणा बनी श्रीमती गीता बाई लाभी
बारां में नेत्रदान का संदेश, जिसने रात की निस्तब्धता में जगाई मानवता की लौ
बारां।
स्थानीय व्यापारी एवं भारत विकास परिषद के अध्यक्ष श्री नरेश खंडेलवाल की
माताजी श्रीमती गीता बाई लाभी का कल रात्रि में देवलोक गमन हो गया। इस गहन
शोक की घड़ी में भी परिवार ने समाज के लिए एक अमर उदाहरण प्रस्तुत करते हुए
नेत्रदान का संकल्प लेकर मानवता की नई मिसाल कायम की है।
परिषद के
सचिव एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के बारां संयोजक हितेश खंडेलवाल ने बताया कि
रात्रि लगभग 11:30 बजे नेत्रदान हेतु संपर्क किया गया। तत्पश्चात रात्रि
1:30 बजे कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम के डॉ. कुलवंत गौड़ बारां
पहुँचे और नेत्रदान की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कराई।
परिवारजनों से हुई भावनात्मक चर्चा में सभी ने माताजी की प्रेरक सोच को स्वीकार करते हुए नेत्रदान को पूर्ण सहमति दी।
इस अवसर पर दिवंगत के पति श्री नंदकिशोर खंडेलवाल, पुत्र नरेश खंडेलवाल, सुरेश खंडेलवाल, मुकेश खंडेलवाल एवं पुत्रियाँ उपस्थित रहीं।
खंडेलवाल
वैश्य पंचायत के सदस्य ललित मोहन खंडेलवाल, प्रेमचंद खंडेलवाल, रमाकांत
गुप्ता, सतीश ठाकुरिया, संजय रावत सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे।
साथ
ही भारत विकास परिषद के अंबिका प्रकाश शर्मा, हितेश बत्रा, ओमप्रकाश
खत्री, दिनेश गर्ग, गिरिराज माहेश्वरी, जयप्रकाश, विजय, नरेश गुप्ता, मनोज,
हेमंत, मंगल, भरत गर्ग सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने परिवार
द्वारा किए गए इस मानवीय एवं प्रेरणादायक कार्य की सराहना की और दिवंगत
आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
नेत्रदानी पुत्र नरेश खंडेलवाल ने कहा —
“हम
वर्षों से बारां में नेत्रदान अभियान को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
आज माताजी के निधन के उपरांत, परिवार के सहयोग से उनका नेत्रदान संपन्न
हुआ।
जब हम स्वयं पहल कर उदाहरण बनेंगे, तभी समाज में यह अभियान नई गति लेगा।”
उनकी इस संवेदनशील पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि मृत्यु अंत नहीं, बल्कि किसी अन्य की आँखों में नया जीवन बनने की शुरुआत है। “नेत्रदान – सबसे बड़ा मानवीय उपहार।”
प्रेषक :शाइन इंडिया फाउंडेशन,कोटा
8386900102
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अक्टूबर 2025
नेत्रदान से अमर ममता — समाज के लिए प्रेरणा बनी श्रीमती गीता बाई लाभी
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