आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

20 अक्टूबर 2025

पेंशनर्स के लिए 24 x 7 हर दुःख दर्द , हर समस्या के समाधान के लिए तय्यार खड़े राजस्थान पेंशनर समाज के कार्यकारी अध्यक्ष भाई अब्दुल मन्नान ,, पेंशनर्स के लिए मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय श्रीकृष्ण जी बिरला के विकल्प के रूप में देखे जाने लगे हैं ,

 

पेंशनर्स के लिए 24 x 7 हर दुःख दर्द , हर समस्या के समाधान के लिए तय्यार खड़े राजस्थान पेंशनर समाज के कार्यकारी अध्यक्ष भाई अब्दुल मन्नान ,, पेंशनर्स के लिए मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय श्रीकृष्ण जी बिरला के विकल्प के रूप में देखे जाने लगे हैं ,
कोटा 20 अक्टूबर ,, राजस्थान पेंशनर्स कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष भाई अब्दुल मन्नान कोटा संभाग सहित प्रदेश के पेंशनर्स समाज के लिए सुख दुःख के साथी हैं , पेंशनर्स के साथ हो रहे अन्याय पक्षपात के मामले में उन्हें न्याय दिलवाने वाले संघर्षशील सिपाही है , उनके नेतृत्व में पेंशनर समाज खुद को सुरक्षित महसूस करने लगा है , और बाबूजी के नाम से पेंशनर्स के लिए एक मसीहा बनकर काम करने वाले स्वर्गीय श्री कृष्ण जी बिरला के विकल्प के रूप में अब्दुल मन्नान को देखा जाने लगा है ,,,,मन्नान पेंशनर्स समाज के लिए हर जिले में पेंशनर्स भवन, पेंशनर्स सामुदायिक भवन , बनवाने, ज़िला स्तर पर पेंशनर्स हेल्प डेस्क खोलने के प्रयासों में जुटे हैं, मन्नान कहते हैं, हज़ारों हज़ार पेंशनर्स अपने अपने परिवारों के मुखिया भी है, ओर हर परिवार में कम से कम आधा दर्जन 6 परिजन तो हैं तो हज़ारों हज़ार पेंशनर्स की वोटर के रूप में भी लाखों लाख वोटर्स की पकड़ ऐसे में सियासी तोर पर भी पेंशनर्स मज़बूत हैं फिर भी राजस्थान सरकार पेंशनर्स को आवश्यक सुविधाएं, विधिक रूप से पूर्व घोषित देय चिकित्सा व अन्य लाभ पर्याप्त, त्वरित नहीं दे पा रही है, पेंशनर्स के कल्याण के प्रति भी सरकारों का उपेक्षित रवय्या है, जबकि हर पेंशनर्स अनुभवी है, थिंक टैंक है, वोह इसके लिये संघर्ष करते रहेंगे,
कोटा का ही नहीं , पूरे राजस्थान का पेंशनर समाज , बाबूजी के नाम से चिरपरिचित श्री कृष्ण जी बिरला के स्वर्गवास हो जाने के बाद ,, अपने मुद्दों को लेकर संघर्षरत ,है चिंतित हैं , इसमें कोई शक नहीं के बाबूजी श्रीकृष्ण बिरला पेंशनर समाज के लिए एक ऐसा अम्ब्रेला थे , जो किसी भी समस्या , आवश्यकता के वक़्त उनके साथ खड़े मिलते थे , उनके लिए संघर्ष करते थे , कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित करते थे , पेंशनर समाज को जोड़े रखने में , उन्हें उत्साहवर्धित करने में , उनका बहुत बढ़ा योगदान रहा है ,जिसे हरगिज़ हरगिज़ भुलाया नहीं जा सकता , लेकिन उनके चले जाने के बाद , कोटा का ही नहीं राजस्थान का पेंशनर समाज अनाथ सा हो गया , अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्षरत होने के बावजूद भी उन्हें कोई फायदा नहीं मिल पाया , ऐसे में , कोटा के ही पेंशनर , अब्दुल मन्नान पेंशनर समाज की समस्याओं के समाधान , उनमे उत्साहवर्धन , उनके कल्याणकारी कार्यक्रम , व्यवस्थाओं के लिए बाबूजी स्वर्गीय श्री कृष्ण जी बिरला का एक विकल्प बनकर उभरे हैं , वोह बात अलग है उनकी कोई राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है लेकिन संघर्ष , हौसला और पेंशनर्स से सीधा जुड़ाव , उनके दुःख दर्द का साथी होने के कारण वोह पेंशनर्स के लिए एक वैकल्पिक उम्मीद के रूप में उभरे हैं , कोटा के सांगोद कस्बे में जन्मे भाई अब्दुल मन्नान , कोटा राजकीय महाविद्यालय में छात्र जीवन में हरफनमौला हीरो रहे हैं , छात्र राजनीति में मुखर , एक दूसरे के दुःख दर्द के साथी , और खेल कूद में अव्वल रहकर कॉलेज को मेडल दिलाना इनकी खासियत रही हैं , अब्दुल मन्नान अपने कॉलेज में इनके मृदुल व्यवहार के लिए लोकप्रिय रहे , इन्होने कॉलेज शिक्षा के बाद शिक्षा विभाग में राजकीय सेवा के दौरान शैक्षणिक कर्मचारियों , , कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर , कर्मचारियों की समस्याओं , उनके समाधान के लिए आंदोलन किये , ,शिक्षा कर्मी , शिक्षा प्रसार अधिकारी के रूप में इन्होने अपने कार्य क्षेत्र में पूर्ण महनत लगन के साथ शैक्षणिक प्रचार का काम किया , अलग अलग निरक्षर बस्तियों में प्रचार प्रसार कर इन्होने शिक्षा के प्रति अलख जगाई ,, प्रौढ़ शिक्षा कार्य्रकम के तहत भी इन्होने , वृद्ध , अधेड़ , वयोवृद्ध लोगों में शिक्षा का का प्रचार प्रसार किया , अब्दुल मन्नान ने खासकर बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ कार्यक्रम की ज़िम्मेदारी आंदोलन के रूप में ली और बेटियों को सुरक्षित , संरक्षित रखते हुए शैक्षणिक व्यवस्था मामले में अव्वलीन रहे , कई बेटियों के पास अगर अर्थाभाव था तो उन्हें भी खुद अपनी जेब से मददकर साक्षर करने में मदद की ,, अब्दुल मन्नान का राजकीय सेवा का कार्यकाल बेदाग छवि वाला रहा , जबकि इनके कार्यकाल में इन्होने कर्मचारी महासंघ , कर्मचारी संगठनों में पदाधिकारी की हैसियत से रहते हुए , पीड़ित , शोषित , पक्षपात के शिकार कर्मचारियों के लिए संघर्ष किया , कर्मचारी आंदोलन में यह अव्वलीन रहे , और कई कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय के मामलों में इन्होने विधिक संघर्ष कर उन्हें इन्साफ दिलाया ,,राज्य , राष्ट्रिय स्तर के खिलाडी रहे , भाई अब्दुल मन्नान को , खिदमत ए ख़ल्क़ , यानी समाज सेवा का जज़्बा विरासत में मिला है , यह मशहूर सूफी सन्त पीर बाबा मरहूम जीलानी बाबा के सुपुत्र हैं , जिनका अस्थाना कोटा अनंतपुरा में है जहां क़ौमी एकता के प्रतीक वार्षिक उर्स में हज़ारों की तादाद में सभी धर्मों के श्रद्धालू पहुंचकर खिराजे अक़ीदत पेश करते हैं , ,,अब्दुल मन्नान का हाल ही में रिटायरमेंट हुआ हैं , और इनके कर्मचारियों की समस्याओं के संघर्ष , आन्दोलन स्वभाव को देखते हुए , ,राजस्थान पेंशनर्स मंच में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी गई है , अब्दुल मन्नान ने पद संभालते ही , राजस्थान के हर ज़िले में दौरा कर पेंशनर्स की समस्याओं का जायज़ा लिया है , अलग अलग ज़िलों में पेंशनर्स समाज को उनकी समस्या , समाधान के मामले में आंदोलन के लिए एकजुट कर जागरूक किया है , कोटा सहित हाड़ोती में भी इनका यह जिलेवार पेंशनर्स समाज के सम्मेलन के नाम पर क्रमबद्ध आंदोलन चल रहा है , पेंशर्स को , मेडिकल सुविधाओं में दिक़्क़ते हैं , दवाइयां नहीं मिल रहीं , उनके आर जी एच एस कार्ड पर पूरी तरह से निजी अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहा है , समस्याएं पैदा की जा रही हैं , अन्य व्यवस्थाएं भी पेंशनर्स के लिए नहीं की गई हैं , जबकि पेंशन पाने वाले कर्मचारी की पेंशन भी काफी लम्बे समय बाद स्वीकृत होने की शिकायतें मिल रही हैं , उनका बकाया भुगतान भी देरी से किया जा रहा हैं ,, इन सब मामलों में अब्दुल मन्नान ने संज्ञान लिया है और राज्य सरकार को ज्ञापन के माध्यम से , और अलग अलग पेंशनर्स जन सभाओं के माध्यम से चेताते हुए समय पर पेंशनर्स की हर समस्या का समाधान करते हुए उन्हें , पेंशन सुविधाओं के साथ साथ पेंशनर्स को हर तरह का सम्मान मिले इसकी भी मांग की है ,, राजस्थान पेंशनर्स समाज के कार्यकारी अध्यक्ष अब्दुल मन्नान की इस सक्रियता , पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान को लेकर चिंता को देखते हुए अब पेंशनर्स कहने लगे है , के बाबूजी स्वर्गीय श्रीकृष्ण जी बिरला के विकल्प के रूप में पेंशनर्स की समस्या समाधान के लिए एक नया नेतृत्व सामने आया है , अब्दुल मन्नान सामजिक सरोकार से भी जुड़े हुए हैं , यह क़ौमी एकता के प्रतीक तो हैं ही साथ ही , किसी भी पेंशर्स परिवार के सुख दुःख के साथी है , आपातकाल में चाहे चिकित्सा समस्या हो , खून की कमी हो , दवाओं की ज़रूरत हो , पारिवारिक कोई भी मदद की ज़रूरत हो , समस्या हो , किसी बाहरी की प्रताड़ना हो सो मर्ज़ की एक ही दवा ,, भाई अब्दुल मन्नान , भाई अब्दुल मन्नान , उनकी इस लोकप्रियता और समर्पण के लिए उन्हें बधाई , सेल्यूट , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
akhtar khan akela

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...