कोटा दशहरा महोत्सव 2025 में पहली बार परंपरा से खिलवाड़, जनता का पैसा हुआ बर्बाद
के डी अब्बासी
कोटा।
दशहरा महोत्सव 2025 इस बार इतिहास में पहली बार अपनी परंपराओं से भटक गया। भाजपा नेताओं की चाटुकारिता और मंच पर दिखावे की राजनीति ने इस पावन पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाई।
यही नहीं, चार दिन पहले रावण खड़ा किया गया, बड़े-बड़े दावे किए गए, गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की बातें की गईं। लेकिन अंत में सारे दावे फेल हो गए। भाजपा एक बार फिर अपने ही दावों में फेल साबित हुई।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि दशकों से जिस पारंपरिक स्थान और दिशा में रावण दहन किया जाता रहा है, उसे अचानक क्यों बदल दिया गया? जवाब साफ है – भाजपा नेताओं के मनोरंजन और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए।
मंच पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई भाजपा नेता झांकी बनकर अतिथि की भूमिका में तो अवश्य बैठे, लेकिन रावण ने उनकी असलियत पूरे कोटा और प्रदेश की जनता के सामने उजागर कर दी।
रावण का पुतला तो नहीं जला, क्योंकि असली रावण इन नेताओं के मन में बैठा है। जब अंदर का रावण जिन्दाल है, तो पुतले को जलाने से क्या होगा? यही वजह रही कि जनता को सिर्फ दिखावा मिला और असली रावण आज भी सत्ता के मंच पर विराजमान है।
मैं इस घटना का निंदा करता हूँ और मांग करता हूँ कि जनता के पैसे की हुई इस बर्बादी का पूरा हिसाब भाजपा नेताओं को देना होगा।
भाजपा नेताओं की इस हरकत ने दशहरा जैसे पावन पर्व को भी राजनीति की भेंट चढ़ा दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)