तीये की बैठकों में जागरूकता कार्यशाला से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा नेत्रदान
2. नेत्रदानों पर,हो रही जागरूकता कार्यशाला से,बढ़ा हाडोती में नेत्रदान
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अगस्त से 8 सितंबर तक पूरे भारतवर्ष में,40वें नेत्रदान जागरूकता का कार्य
प्रगति पर है । प्रदेश में शाइन इंडिया फाउंडेशन अकेला ऐसा संस्थान है, जो
अपने कार्य क्षेत्र से 200 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर जाकर न सिर्फ
नेत्रदान का कार्य संपन्न करता है,बल्कि उस क्षेत्र में जागरूकता हेतु सभी
तरह के प्रयास भी संस्था के द्वारा किए जाते हैं ।
वर्तमान में
संस्था के पास में हाड़ौती संभाग में 500 से अधिक सक्रिय ज्योति मित्र हैं ।
जो अपने कार्य क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक मृत्यु की जानकारी रखते
हैं, जैसे ही कोई दुखद घटना की सूचना उनके संपर्क में आती है, वह शोकाकुल
परिवार के सदस्यों को जागरुक कर प्रयास करते हैं कि, दिवंगत के नेत्रदान हो
सके ।
संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ बताते हैं कि, ग्रामीण परिवेश में
नेत्रदान को बढ़ाना इतना आसान नहीं था,परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में
नेत्रदान के बाद श्रद्धांजलि सभा में, जागरूकता कार्यशाला करने से ग्रामीण
क्षेत्रों में नेत्रदान का प्रतिशत,पिछले वर्षों से 30% बढ़ा है ।
40वें
नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत, संस्था सदस्यों ने यह निश्चित किया है
कि, नेत्रदान के उपरांत होने वाली श्रद्धांजलि सभा में जाकर लोगों को
नेत्रदान-अंगदान के लिये जागरूक करना ज्यादा आसान रहता है। सभा में आने
वाले लोग गंभीर होकर सारी जानकारी लेते हैं, समझते हैं और मौके पर ही अपना
नेत्रदान का संकल्प पत्र भी भरने के लिए तैयार हो जाते हैं ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 सितंबर 2025
तीये की बैठकों में जागरूकता कार्यशाला से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा नेत्रदान
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