सेवानिवृत व्याख्याता के नेत्रदान से, रोशन होगी अंधेरी दुनिया
2. समाजसेवी व सेवानिवृत व्याख्याता के निधन के उपरांत संपन्न हुआ नेत्रदान
एक शिक्षक अपने पूरे जीवन काल में हजारों लोगों की जिंदगियां अपने ज्ञान से बदलता है । आज कोई भी व्यक्ति यदि सफल है तो उसके पीछे शिक्षक का योगदान माता-पिता से अधिक है ।
देश भर में जब शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था, तभी सुभाष कॉलोनी रामगंज मंडी निवासी, मुकेश,नरेश और अश्वनी भारद्वाज के पिता रामकुमार भारद्वाज (सेवानिवृत व्याख्याता) का आकस्मिक निधन हुआ । रामकुमार रामगंज मंडी क्षेत्र में शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे नेत्रदान अभियान से काफी प्रभावित थे ।
सेवानिवृत्ति के बाद भी वह पेंशनर समाज, कर्मचारी संघ से जुड़कर शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को दूर करने में सहायता करते थे । राष्ट्रीय शिक्षक संघ के कोटा जिला संरक्षक के पद पर रहकर भी उन्होंने हमेशा अपने काम को जारी रखा ।
समाज सेवा के क्षेत्र में भी वह प्रतिमाह आँखो का नि:शुल्क कैंप लगाया करते थे । उन्होंने अपनी पत्नी नंद कंवर और तीनों बेटों से अपने नेत्रदान की इच्छा काफी समय पहले ही बता दी थी। यही कारण रहा कि जैसे ही शाइन इंडिया फाउंडेशन संस्था के सदस्य संजय विजावत, लव शर्मा,घनश्याम वैष्णव ने,रामकुमार के नेत्रदान के लिए चर्चा की, तो परिवार के सदस्यों ने तुरंत ही सहमति दे दी ।
नेत्रदान की इस प्रक्रिया में महेश जाखेटिया,महेश व्यास,मोनू माहेश्वरी,वैभव शर्मा,संजय पतिरा का सहयोग सराहनीय रहा । शाइन इंडिया के मोनू माहेश्वरी और लव शर्मा ने बताया कि यह शहर का 68 वा नेत्रदान है, जो शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से संपन्न हुआ ।
सहमति प्राप्त होने के उपरांत, रामगंजमंडी के शहर संयोजक संजय विजावत की सूचना पर कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम रवाना हुई , और अंतिम संस्कार से ठीक पूर्व परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई ।
2. समाजसेवी व सेवानिवृत व्याख्याता के निधन के उपरांत संपन्न हुआ नेत्रदान
एक शिक्षक अपने पूरे जीवन काल में हजारों लोगों की जिंदगियां अपने ज्ञान से बदलता है । आज कोई भी व्यक्ति यदि सफल है तो उसके पीछे शिक्षक का योगदान माता-पिता से अधिक है ।
देश भर में जब शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था, तभी सुभाष कॉलोनी रामगंज मंडी निवासी, मुकेश,नरेश और अश्वनी भारद्वाज के पिता रामकुमार भारद्वाज (सेवानिवृत व्याख्याता) का आकस्मिक निधन हुआ । रामकुमार रामगंज मंडी क्षेत्र में शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे नेत्रदान अभियान से काफी प्रभावित थे ।
सेवानिवृत्ति के बाद भी वह पेंशनर समाज, कर्मचारी संघ से जुड़कर शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को दूर करने में सहायता करते थे । राष्ट्रीय शिक्षक संघ के कोटा जिला संरक्षक के पद पर रहकर भी उन्होंने हमेशा अपने काम को जारी रखा ।
समाज सेवा के क्षेत्र में भी वह प्रतिमाह आँखो का नि:शुल्क कैंप लगाया करते थे । उन्होंने अपनी पत्नी नंद कंवर और तीनों बेटों से अपने नेत्रदान की इच्छा काफी समय पहले ही बता दी थी। यही कारण रहा कि जैसे ही शाइन इंडिया फाउंडेशन संस्था के सदस्य संजय विजावत, लव शर्मा,घनश्याम वैष्णव ने,रामकुमार के नेत्रदान के लिए चर्चा की, तो परिवार के सदस्यों ने तुरंत ही सहमति दे दी ।
नेत्रदान की इस प्रक्रिया में महेश जाखेटिया,महेश व्यास,मोनू माहेश्वरी,वैभव शर्मा,संजय पतिरा का सहयोग सराहनीय रहा । शाइन इंडिया के मोनू माहेश्वरी और लव शर्मा ने बताया कि यह शहर का 68 वा नेत्रदान है, जो शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से संपन्न हुआ ।
सहमति प्राप्त होने के उपरांत, रामगंजमंडी के शहर संयोजक संजय विजावत की सूचना पर कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम रवाना हुई , और अंतिम संस्कार से ठीक पूर्व परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई ।
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