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18 सितंबर 2025

कोटा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर ,,18 वर्षों तक, पहले हर शनिवार और अब तृतीय शनिवार को , लगातार कोटा के वकीलों का आंदोलन हो रहा है

 

कोटा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर ,,18 वर्षों तक, पहले हर शनिवार और अब तृतीय शनिवार को , लगातार कोटा के वकीलों का आंदोलन हो रहा है ,लेकिन हाल ही में केंद्रीय विधि मंत्री ने बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच की सुगबुगाहट का जो माहौल बनाया है उससे उदयपुर ,, जयपुर , जोधपुर हाईकोर्ट के वकील भी नाराज़ होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे है , लेकिन इस मामले में कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला के होने और , वर्तमान में अध्यक्ष पद पर जंगजू सिपाही रहे मनोज पूरी के होने के कारण आर पार का संघर्ष अगर होगा तो वोह कोटा से ही शुरू होगा और आगामी 20 सितम्बर के तृतीय शनिवार को सम्भवत इस आंदोलन की प्रारम्भिक ट्रेलर झांकी की शुरुआत हो सकती है ,, सभी जानते है , के कोटा , बूंदी , बारां , झालावाड़ क्षेत्र में आदिवासी , सहरिया इलाक़ा होने के साथ साथ , सभी तरह के मुक़दमों की पर्याप्त संख्या होने पर भी कोटा को हायकोर्ट बेंच मामले में उपेक्षित कर रखा है , कोटा के वकील , आम जनता इस मामले में , चौबीस साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं , और इसमामले में आंदोलन के वक़्त, धरने पर आकर खुद वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला सहित सभी भाजपा के नेता रजिस्टर में लिखित रूप से वायदा करके गए , के भाजपा की सरकार आते ही हम कोटा में हायकोर्ट बेंच की मांग पूरी करवाएंगे और एक रूपये टोकन पर वकीलों को रिहाइशी प्लाट दिलवाएंगे , रिहाइशी प्लाट की मांग तो शांति धारीवाल के कार्यकाल में जैसे तैसे होना थी पूरी हो गये लेकिन इसके समर्थन में भाजपा सरकार कई बार आने के बाद भी भाजपा के किसी भी नेता ने कोई पहल नहीं की , उलटे पेनेल्टी वगेरा माफ़ करवाने के मामले में पूर्व में मनोज पूरी के पूर्व अध्यक्ष कार्यकाल में भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के खिलाफ ज़बरदस्त आंदोलन करना पढ़ा तब कहीं जाकर प्लाट की पेनेल्टी वगेरा माफ़ करने की स्वीकृति मिली , जबकि हायकोर्ट बेंच के भविष्य में कभी भी होने वाले फैसले में कोटा की वरीयता पर विचार करने का निर्णय था और इसके लिए हाईकोर्ट विचार कमेटी में , कोटा के मनोज पूरी और दिनेश सिंह को , स्थाई सदस्य बनाया गया था , लेकिन अभी तक इस मामले में कोई बैठक हुई ही नहीं , , हाल ही में जो अचानक बीकानेर में हाईकोर्ट का शगूफा आया ,,उस को लेकर जयपुर , जोधपुर हायकोर्ट और उदयपुर के वकील आक्रोशित हुए ज़ाहिर है कोटा में भी इस बात को लेकर वकीलों में आम जनता में गुस्सा हुआ , क्योंकि , हाईकोर्ट कोटा का पहला अधिकार है , और वोह भी जब तब , हायकोर्ट बेंच कोटा में ही खुलेगी इसका वायदा करने वाले भाजपा सांसद ओम जी बिरला लोकसभा अध्यक्ष है , इस मामले में पूर्व में भी मनोजपुरी की अध्यक्षता कार्यकाल में ओम जी बिरला के शक्तिनगर निवास के बाहर वकीलों का धरना प्रदर्शन हो चुका है , वर्तमान में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मनोज पूरी के नेतृत्व में जिला जज के माध्यम से कोटा हायकोर्ट की मांग को लेकर राष्ट्रपति और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को कड़ा ज्ञापन दिया जा चुका है , हायकोर्ट बेंच आन्दोलन के तात्कालिक विचार विमर्श के लिए बैठक भी आयोजित हुई , जिसमे सभी ने हाईकोर्ट जहाँ भी खुले मतलब नहीं लेकिन कोटा में तो हर हाल में हायकोर्ट खुलना ही चाहिए ,, इस पर सर्वसम्मति से सहमति जताई , लेकिन पहले , लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला से इस मामले में शिष्ट मंडल के ज़रिये मिलकर अपनी मांग दोहराने और फिर आंदोलन की रणनीति बनाने के सुझाव आये , अब लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला कोटा में ही हैं , तृतीय शनिवार हायकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर वकीलों के प्रदर्शन , आंदोलन का दिन फिक्स भी है , तो हो सकता है , इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला से भी शिष्ट मंडल मिलकर अपनी मांग रखे , लेकिन हायकोर्ट बेंच संघर्ष को लेकर आपात बैठक में अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष मनोज पूरी ने सभी आरोपों को नकारते हुए , ज़िम्मेदारी से कहा के उनके पूर्व अध्यक्ष कार्यकाल में भाजपा की ही सरकार थी फिर भी आंदोलन उनके नेतृत्व में हुआ , मनोजपुरी ने कहा के वकील किसी पार्टी से बंधा नहीं होता है , वोह पहले वकील होता है , और कोटा में अगर हायकोर्ट बेंच या किसी भी मामले को लेकर वकीलों के साथ भेदभाव हुआ , उनकी अस्मिता को प्रश्नगत किया गया तो वोह चुप नहीं बैठेंगे , क्रन्तिकारी आन्दोलन करेंगे , उन्होंने यह भी याद दिलाया के , लोकअभियोजक या कोई भी सरकारी पद उनके पास है तो वोह उनकी योग्यता के बल पर है , किसी के रहम पर नहीं ,, लेकिन अगर कोटा के वकीलों के साथ पक्षपात हुआ , तो वोह ऐसे पदों को ठोकरों पर रखते हैं , वोह परवाह नहीं करते क्योंकि वकीलों का हक़ संघर्ष उनकी पहली प्राथमिकता है , देखते हैं , तृतीय शनिवार राजस्थान हायकोर्ट बेंच की कोटा में खुलने की वर्षों पुरानी डिमांड कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला की कोटा मौजूदगी पर ,, कोटा हायकोर्ट बेंच के प्रयासों के लिए क्या फैसला होता है ,, ,कोटा में हाईकोर्ट बेंच की मांग का आंदोलन ऐतिहासिक रहा है , हाडौती बन्द,कोटा बन्द, चक्का जाम, दफ्तरों में ताले बन्दी , कोटा कोर्ट का दो महीने से भी ज़्यादा समय तक ऐतिहासिक बन्द, नो एंट्री, बहिष्कार , मनोज पूरी के पहले अध्यक्षीय कार्यकाल में उनके क विरुद्ध दबाव बनाने के लिए धारा तीन के फर्जी मुक़दमेबाज़ी, वकीलों के ख़िलाफ़ विधायकों के खिलाफ मुक़दमे, अर्धनग्न प्रदर्शन, अंतिम यात्राएं जैसे प्रदर्शन आंदोलन ऐतिहासिक रहे हैं, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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