पूरे विश्व को जन्माष्टमी पर बधाई। वरिष्ठ पत्रकार एडवोकेट अख्तर खान अकेला की कलम से कोटा अगस्त जन्माष्टमी ,, श्री कृष्ण जन्माष्टमी , भारतीय संस्कृति के संस्कार , भारतीय संस्कृति , भारतीय नैतिकता , भारतीयता की पहचान , शिक्षा , सभी कुछ तो इस अवसर पर , है , बस दोहराई नहीं जाती , ,अपनाई नहीं जाती ,, जी हाँ दोस्तों ,श्री कृष्ण जन्मोत्सव है , निश्चित तोर पर पूजनीय है , लेकिन अंगीकार करने , स्वीकार करने , अपने जीवन में , प्रतिपादित , सिद्धांतों के तहत आत्मसात करने का भी है , ,देश जानता है भक्त जानते है , गीता का ज्ञान जानते है , कौरवों और पांडवों का सच जानते है , श्री कृष्ण की ज़िंदगी की हर शिक्षा , हर प्रतीकात्मक शिक्षा को पहचानते है , फिर भी अंगीकार नहीं करते ,, श्रीकृष्ण जेल में पैदा हुए , माँ और पालने वाली माँ का सम्मान उनके लिए बराबर रहा , माँ का सम्मान कहाँ है , अपने मामा कंस , जो आतताई थे ,, जनता पर ज़ुल्म करते थे , अत्याचारी , अनाचारी थे , रिश्तों में नज़ाकत होने के बाद भी , श्रीकृष्ण ने , जनहित में , शोषण , उत्पीड़न , ज़ुल्म , ज़्यादती , अहंकार से , लोगों को आज़ाद करने के लिए , कंस का वध किया ,, श्रीकृष्ण ने अमीरी गरीबी की दोस्ती से अलग हठ कर ,, खुद ग्रामीणों के साथ खेले , बढ़े हुए , और फिर सुदामा के साथ दोस्ती का उदाहरण पेश किया , श्री कृष्ण ने , गांय को सम्मान दिया , माता का दर्जा दिया , गांय के उत्पादन को , बढ़ावा दिया , गांय के उत्पादन , दूध , दही ,, ,मक्खन के व्यापार , उससे रूपये कमाने का विरोध किया , दूसरे गांव में जाने के पहले ही , उन्होंने , मटके फोड़ने का प्रतीकात्मक विरोध कर , जता दिया के , अपने गांव का दूध ,, घी मक्खन , अपने गाँव के लोगों के लिए , उनके स्वास्थ्य के लिए , और जमाखोरों के खिलाफ संदेश दिया के , ऐसे जमाखोरों की ,खाने , पीने की समाग्री को अगर चोरी कर लो , लूट लो , तो अपराध नहीं ,, श्री कृष्ण ने , महिलाओं को सम्मान दिया , उन्होंने महिलाओं से पवित्र मित्रता का संदेश दिया , सुभद्रा , मीरा , जो भी हो , उन्होंने , पवित्र रिश्तों के बंधन का संदेश दिया , महिलाओं के लिए , अपने जिस्म को ढकने , खुले में निर्वस्त्र होकर , नहाने धोने पर रोक लगाने के लिए उन्होंने , उनके वस्त्र , नहाते वक़्त खोल कर नहाने पर , वस्त्र चोरी करके , यह संदेश दिया , के निर्वस्त्रता , निर्लज्जता है ,,वस्त्र लज्जा है , और उनका यह संदेश , महिलाओं के लिए कारगर रहा , वोह वस्त्र पहन कर ही नहाने लगी , उनके रिश्ते में पवित्रता ,, सिद्धांत , निति , प्रशिक्षण , शिक्षा सीख थी ,, महाबली से भी महाबली होने के बावजूद भी , विनम्रता , इंसाफ पसदं , ना कोई जात , ना कोई धर्म , ना कोई समाज , बस ,, अत्याचारी , और अत्याचार से पीड़ित , दो ही उनके समाज थे , बेईमान और ईमानदार दो ही उनके समाज थे , उन्होंने हमेशा हँसते हँसते इंसाफ किया , खुद ताक़तवर होने पर भी , खुद के पास बढ़ी से बढ़ी शक्तियां होने के कारण महाशक्तियां होने पर भी , उन्होंने कभी भी , शक्तियों का दुरूपयोग नहीं किया , महिलाओं के प्रति सम्मान , उनकी इज़्ज़त , अस्मत की रक्षा , का संदेश , द्रोपदी के चीर हरण में , उन्होंने खुलकर दिया ,, द्रोपदी के चीर हरण को रोक कर उसकी इज़्ज़त , अस्मत बचाई , और चीर हरण करने वाले , महिला का अपमान करने वाले हर शख्स को , हर शासन को उन्होंने मटियामेट कर दिया ,, व्यापारी बेईमानी ना करे , कम नहीं तोलें , कम नहीं नापने , जमाखोरी नहीं करें , मूल्य नियंत्रित रहे ,, अत्याचार , अनाचार के खिलाफ आवाज़ उठायें , संख्या बल चाहे कम हो ,, लेकिन सच के साथ खड़े रहो , शक्तिशाली हो , तब भी शक्तियों का दुरूपयोग मत करो , किसी भी जंग को जीतने के लिए , संख्याबल की नहीं , ताक़त की नहीं , हथियारों की नहीं , सिर्फ साहस , युद्ध निति , समय पर वार करने की ज़रूरत होती है,, जिसकी शिक्षा उन्होंने दी , धर्म और अधर्म के बीच युद्ध में , अगर अपना हो , पराया हो , रिश्तेदार हों , नातेदार हो , बढ़ा हो , जो कोई भी हो , अगर वोह अधर्म के साथ है , तो उस पर कोई रहम नहीं , उसका कोई बचाव नहीं ऐसे हर शख्स से जो अधर्मियों के साथ है , युद्ध ही उसके खिलाफ एक रास्ता है , उन्होंने , सात्विक , जीवन का संदेश दिया , ईमानदारी का संदेश , ओरिजनल राष्ट्रीयता का संदेश , धर्म के साथ खड़े रहने का संदेश , जमाखोरों के खिलाफ संदेश , महिलाओं पर अत्याचार करने , उनकी अस्मत से खेलने वालों को , तबाह ,बर्बाद करने का संदेश , महिलाओं का सम्मान करने , महिलाओं को सम्पूर्ण वस्त्र धारण कर ,नग्नता से बचने का संदेश , नियमित व्यायाम , खेल कूद , दोस्तों के साथ मनोरंजन , छोटे बढे दोस्तों में भेद नहीं , सभी से अपनापन , और दूध , दही , घी , मक्खन , रोज़ खाकर ,शरीर को मज़बूत बनाने का संदेश , दुश्मन के खिलाफ युद्ध करने का संदेश , जीवन में क्या लाये थे , क्या ले जाओग , सब यहीं धरा रह ,जाएगा इसलिए , ईमानदारी , प्यार , मोहब्बत , धर्म , समन्वय , सुकून , एक दूसरे के मददगार बनकर , जीवन का संदेश उन्होंने दिया , लेकिन आज , श्रीकृष्ण के इस देश में ,मिलावट खोरों की पो बाराह है ,, गांय के मांस का खुला व्यापार है , घी , , मक्क्खन , दूध , दही में खुली मिलावट है,, महिलाओं का रोज़ अपमान हो रहा है , उनकी इज़्ज़त , अस्मत लुट रही हैं , खुद प्रभावशाली लोगों पर ऐसे अपराधियों को बचाने के आरोप है , ,जमाखोरी , मुनाफाखोरी को बढ़ावा है , , यारी दोस्ती , अमीरी ग़रीबी की खाई में बंट गयी है,, माँ का सम्म्मान नहीं , महिला मित्रों के साथ दुर्व्यवहार है,, ज़ालिमों के खिलाफ , अधर्मियों के खिलाफ , हम उनके खिलाफ होने की जगह उनके साथ खड़े मिलते है ,भीड़ देखकर ,, या फिर किसी भी एक ज़ालिम को देखकर , उससे संघर्ष करने की जगह हम डर जाते है ,भाग जाते है , भाइयों का सम्मान नहीं ,,पत्नी का आदर नहीं , अपने चाहने वालों के प्रति आदर सम्मान नहीं , लहजे में गुस्सा है ,विनम्रता नहीं , चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह , क्रूरता है , थोड़ी भी पावर अगर मिली तो दुरूपयोग शुरू , शक्तियों का सही उपयोग नहीं , सिर्फ दुरूपयोग ही दुरूपयोग है , जबकि श्री कृष्ण , प्यार के ,, मोहब्बत के , ज़ालिमों के खिलाफ उनको मटियामेट करने के योद्धा के रूप में , महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को मटियामेट करने के रूप में , अमीरी , गरीबी की खाई को दूर कर ,दोस्ती , की एक मिसाल है , महिलाओं के प्रति आदर , सम्मान का एक संदेश है , अधर्म के विरुद्ध , धर्म के एकता , अटूटता , सिद्धांतों की एक मिसाल है , तो फिर , हम भारतीय संस्कृति , में भारत में ,उनके दिए हुए संदेश , का सम्मान करते हुए , उनके बताये हुए पथ पर चलते हुए , महिलाओं की सुरक्षा ,अधर्म के खिलाफ , धर्म का यद्ध , जमाखोरी , मिलावटखोरी , मूल्य वृद्धि , अनीति , पक्षपात ,, के खिलाफ तो ईमानदारी का यद्ध लढ़ सकते है , हम बहनों , बेटियों , को , सम्पूर्ण शरीर ढक कर , रहने का संदेश दे सकते है , गांय के मांस के निर्यात , गांय के वध पर रोक लगवाने का क़ानून ला सकते है , ,गांय को राष्ट्रिय पशु का दर्जा दिलवा सकते है ,,, पीज़ा , बर्गर ,, चाइनीज़ फ़ूड की जगह हम , हमारे बच्चे रोज़ , दूध , दही , घी , मक्खन , खा सकते है , इनके उत्पादन में बढ़ावा दिलवाकर ,इसके व्यापार पर रोक लगवा कर , कम क़ीमत में ऐसे खाद्य पदार्थ बाज़ार में उपलब्ध करवा सकते है , वगेरा वगेरा वगेरा ,, तो जनाब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उनके बताये हुए रास्तों पर चलने वाले हर भारतीय , हर विश्व के नागरिक को बधाई , मुबारकबाद ।
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