उपराष्ट्रपति
जगदीप जी धनकड़ का कोचिंग के नाम पर पोचिंग , कोचिंग के नाम पर स्कूली
छात्रों का अवैध शिकार , कड़वा सच है , सोचनीय प्रश्न है , विचारणीय मुद्दा
है , कोटा की धरती पर खड़े होकर, इस व्यस्था के लिए खुले रूप से
ज़िम्मेदारों के बीच में यह कड़वा सच कहने के लिए जगदीप जी धनकड़ को , दिल से
सेल्यूट , सलाम , ,,
कोटा कोचिंग में पोचिंग ,, यानी , कोचिंग छात्र ,,छात्राओं का अवैध शिकार और अव्यवस्थाओं , ,कुकुरमुत्तों से कोचिंगों की बढ़ रही संख्या और ,, स्कूली शिक्षा पर कोचिंग शिक्षा के हावी होने पर , हाल ही में पिछले दिनों , राजस्थान मूल के ,, वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व समाजवादी ,, राजस्थान सरकार में मंत्री रहे , वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने जो खुलेआम अपने शब्द बाणों से तमाचा जड़ा है , विरोध करने वाले , कोटा के हक़ में सोचने वाले कोटा के बच्चों और देश के बच्चों के हक़ में सोचने वाले , स्कूली शिक्षा को खत्म होता देख , तकलीफ में रह रहे लोगों ,आप सभी, ज़रा अपने दिल पर हाथ रखकर कहना , उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने क्या गलत ,कहा ,, उनका विरोध , आलोचना , राजनैतिक हो सकता है , विरोध करने के लिए विरोध हो सकता है , लेकिन यह कड़वा सच है , जो जगदीप धनकड़ ने कोटा की धरती पर , कोटा की कोचिंग नगरी में आकर , कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष की नगरी में आकर , राजस्थान सरकार की स्कूली शिक्षा के लिए ज़िम्मेदार मंत्री मदन जी दिलावर , कोचिंग रेगुलेशन कमेटी के सदस्य कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा , ऊर्जा मंत्री हीरालाल जी नागर, राजस्थान के राज्यपाल महोदय की मौजूदगी में , इस कड़वे सच को तथ्यों के साथ गिनाते हुए ,, आम जनता के सामने रखा है , मेरी तरफ से उप राष्ट्रपति महोदय जगदीप जी धनकड़ को बधाई मुबारकबाद ,, अभी तक जो आता है , चमचा गिरी , तारीफों के सिवा कुछ करता ही नहीं , लेकिन जगदीप धनकड़ चाहे किसी भी पार्टी के समर्थन से उपराष्ट्रपति बने हों , उनके सीने में समाजवादी दिल धड़कता है , एक वकील की जानकारी उनके दिमाग में हैं , उनका अपना अनुभव है , वोह जानते है ,के कोचिंग से जुड़े लोग ,बढे बढे होल्डिंग लगा कर , फुल पेज के विज्ञापन देकर, एक शिकारी जिस तरह से जाल फैलाता है , उसी तरह से जाल फैला कर ,,स्कूली छात्र छात्राओं की स्कूली शिक्षा ग्रहण करने की उम्र में , स्कूली शिक्षा से बंक करवाकर , दोहरी एडमिशन प्रणाली के तहत , डमी एडमिशन प्रणाली करप्ट व्यवस्था के चलते , पोचिंग यानी , स्कूली छात्रों का शिकार कर रहे हैं , देश देख रहा है , राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2016 से 73 से ज़्यादा आदेश सो मोटो संज्ञान रिट याचिका में आदेश किये जाने के बाद भी कुछ नहीं कर पाई है , सुप्रिम कोर्ट खुद इस मामले में चिंतित है , केंद्र सरकार का कोचिंग रेगुलेशन 2023 में नतमस्तक हुआ , टांय टांय फिस्स हुआ ,, फिर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ,, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत , और अब राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री इनके कोचिंग रेगुलेशन एक्ट ,, सभी कोचिंग गुरुओं के क़दमों में है ,विधानसभा में पेश होते है , फिर प्रवर समिति को भेज दिए जाते है , विधानसभा में पेश कोचिंग रेगुलेशन बिल ,, बेबस ;लाचार हो गया , कांग्रेस , ,भाजपा विधायकों की सांठ गांठ से यह बिल , प्रवर समिति के हाथों में है , लेकिन प्रवर समिति की कितनी बैठकें हुईं , अभी तक प्रवर समिति ने स्कूली कम उम्र के बच्चों का ,, अवैध रूप से शिकार करने वाली इन कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ बने क़ानून को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया , कोई भी जवाब किसी के पास नहीं है , कोटा ने देखा है , एक कमरे दो कुर्सियों से कोटा के यह कोचिंग आबाद हुए है , लेकिन फिर अलग अलग इलाक़ों में , ज़मीन की कीमतें बढ़वाने , प्रापर्टी डीलिंग सेट अप अन्य कार्यवाही सभी ने देखी है , कोटा कोरल पार्क में इन्वेस्ट करने वाले रो रहे हैं , एक अफवाह पर अनंतपुरा में तात्कालिक इन्वेस्टर अभी भी सर पकड़े बैठे है ,, कोचंग केपेसिटी , हॉस्टल केपेसिटी ,, छात्रों की संख्या ,, उनकी जरूरत से ज़्यादा कोटा में हॉस्टल की एकोमोडेशन हो गई , कोचिंग के हॉस्टल अलग , स्कूल अलग , मेस अलग , फिर प्राइवेट हॉस्टल अलग ,, मेसें अलग , ऐसे में कोचिंग के छात्रों की आवक से ज़्यादा एकोमोडेशन होगी तो , कई हॉस्टल खाली रहेंगे ही सही , फिर कोचिंग की अलग अलग ब्रांचेज , अलग अलग शहरों में , खुलेगी , पार्टनर शिप में कोचिंग अलग अलग राज्यों में संचालित होंगे , तो ब्रांड नेम को देखते हुए ,, अलग अलग राज्यों के बच्चे जो कोटा कोचिंग में पढ़ने आने का जज़्बा रखते हैं , वोह अब अपने ही राज्य के शहरों में रुक रहे हैं , तो कोटा कोचिंग में संख्या तो कम होगी ही , कोटा कोचिंग ने , ,कोटा के एक उड़ान दी है , एक रेस्पेक्ट दिया है , एक विश्वस्तरीय सम्मान दिया है , देश को प्रतिभाएं दी है , लेकिन फिर अचानक पार्टनरशिप ,, विज्ञापन में पार्टनर शिप , प्रॉपर्टी डीलिंग , भूमि के दामों में भविष्य की आवक के नाम पर मूलयवृद्धि ,, भवन निर्माण करवाने की ललक , होस्टल्स में पार्टनर शिप , ,वगेरा वगेरा ,,, ऐसी व्यवस्थाएं हुईं , के कोचिंग गुरुओं के जो कल्याणकारी कार्य , जो छात्र ,छात्राओं के लिए उनके बौद्धिक स्तर की वृद्धि करने ,, कामयाबी की जो कोशिशें है , वोह गौण सी हो गई हैं , क्योंकि स्कूली शिक्षा बिलकुल निकम्मी साबित है , तभी तो कोचिंग की ज़रूरत पढ़ी है ,इसमें केंद्र और राज्य सरकार का शैक्षणिक सड़ा गला राजनीतिक सिस्टम भी ज़िम्मेदार है , जब स्कूली शिक्षा में बच्चा पढ़ रहा है , तो फिर आई आई टी , जे ई ई ,, नीट एक्ज़ाम का जो सिलेबस है , उसी आधार पर , उसी सिलेबस से स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाया जाता , माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हो , या फिर केंद्रीय शिक्षा बोर्ड हो , उन की किताबों , सिलेबस में यह सब शामिल क्यों नहीं क्या जाता , बात साफ़ है , राजस्थान की और केंद्र की सरकार भी चाहती है , के कोचिंग के नाम पर , छात्रों की पोचिंग यानी अवैध शिकार हो , स्कूली बच्चों को , स्कूली शिक्षा में बंक करवाकर , डमी एडमिशन करवाकर , सपने दिखाकर , स्कूलों में नीट , जे ई ई पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई नहीं करवाने का फायदा उठाकर , बढे बढे विज्ञापन देकर , होल्डिंग लगवाकर , इंटरविव दिलवाकर , , सोशल मिडिया पर माहौल बनाकर , बच्चों और अभिभावकों के लिए जाल तय्यार होता है , फिर यह बच्चे इस अवैध व्यवस्था के शिकार होते है , इसके लिए , कोचिंग व्यवस्था अकेली ज़िम्मेदार नहीं है , वोह तो व्यवसाई है , व्यवसाय कर रहे हैं , सरकारी स्कूली शिक्षा की कमज़ोरियों का फायदा उठा रहे हैं , स्कूल में जो पढ़ाओ , वोह कम्पीटिशन के सिलेबस में होता ही नहीं , तो अगर स्कूलों में , जो कम्पीटिशन परीक्षाओं में पूंछना है , वही पढ़ाया जाने लगे तो फिर कोचिंग पर आत्मनिर्भरता स्वेछिक रह जायेगी , मजबूरी नहीं होगी , ,क्योंकि कोचिंग भी एक बच्चे को कढ़ी महनत से तराशते है , हौसला देते है , समझाइश करते है , परीक्षा में क्या सवाल आने वाले हैं , उसका एक्सपर्ट से अध्ययन करवाकर अपना अलग पाठ्यक्रम बनाते है , बच्चों को पढ़वाते है , तो क्या स्कूली शिक्षा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री , राजस्थान के शिक्षा मंत्री यह सब नहीं कर सकते तो जनाब ,, में सेल्यूट करता हूँ , राजस्थान के उस समाजवादी ह्रदय को जो आज भी संगत बदल जाने पर भी, जगदीप धनकड़ साहिब के दिल में धड़क रहा है , में सेल्यूट करता हूँ, उनकी उस वकालत के मिजाज़ को , जो वोह किसी भी मुद्दे पर बारीकी से अध्ययन कर उसकी सच्चाई सभी के सामने रखने का साहस रखते ,हैं उससे भी ज़्यादा में सेल्यूट करता हूँ , इस अज़ीम शख्सियत जो एक वकील के नाते , पूर्व जनता पार्टी में मंत्री होने के नाते, एक चिंतक , एक लेखक ,, पत्रकार मन होने के नाते , यह जो धनकड़ साहब पूर्व कोटा यात्राओं के दौरान, मेरे बढे भाई की तरह रहे हैं ,, वोह वर्तमान में सरकार के शीर्ष पद के लिए ज़िम्मेदार है , लेकिन उन्होंने कोचिंग नगरी में पहुंच कर , कोचिंग गुरुओं के बीच खड़े होकर ,, कोटा सांसद , देश की लोकसभा के अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र में , राजस्थान के शिक्षा मंत्री के शहर में उनकी मौजूदगी में , ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में , कोचिंग रेगुलेशन बिल प्रवर समिति के सदस्य कोटा दक्षिण विधायक संदीप जी शर्मा की मौजूदगी में , राजस्थान के राज्यपाल साहिब की मौजूदगी में, यह कड़वा सच बढ़ी ही निष्पक्षता ,, बहादुरी के साथ कहने का साहस क्या है , उनके इस कड़वे सच का कोचिंग के दलाल बनकर, कोचिंग के पक्षधर बनकर, विपक्ष के नेता बनकर विरोध तो करना आसान है , लेकिन जो कुछ भी जगदीप जी धनकड़ ने कहा वोह विचारणीय है , उस पर विचार कर, इस व्यवस्था में सुधार के लिए गंभीर चिंतन की आवश्यकता है , क्योंकि सच्चाई यही है , और केंद्रीय शिक्षा मंत्री , केंद्र , सरकार ,, राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री , कोटा के जन प्रतिनिधि , बिल रेगुलेशन प्रवर समिति सदस्य विधायक और खुद कोचिंग , शिक्षाविद , इसके लिए ज़िम्मेदार हैं , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
कोटा कोचिंग में पोचिंग ,, यानी , कोचिंग छात्र ,,छात्राओं का अवैध शिकार और अव्यवस्थाओं , ,कुकुरमुत्तों से कोचिंगों की बढ़ रही संख्या और ,, स्कूली शिक्षा पर कोचिंग शिक्षा के हावी होने पर , हाल ही में पिछले दिनों , राजस्थान मूल के ,, वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व समाजवादी ,, राजस्थान सरकार में मंत्री रहे , वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने जो खुलेआम अपने शब्द बाणों से तमाचा जड़ा है , विरोध करने वाले , कोटा के हक़ में सोचने वाले कोटा के बच्चों और देश के बच्चों के हक़ में सोचने वाले , स्कूली शिक्षा को खत्म होता देख , तकलीफ में रह रहे लोगों ,आप सभी, ज़रा अपने दिल पर हाथ रखकर कहना , उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने क्या गलत ,कहा ,, उनका विरोध , आलोचना , राजनैतिक हो सकता है , विरोध करने के लिए विरोध हो सकता है , लेकिन यह कड़वा सच है , जो जगदीप धनकड़ ने कोटा की धरती पर , कोटा की कोचिंग नगरी में आकर , कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष की नगरी में आकर , राजस्थान सरकार की स्कूली शिक्षा के लिए ज़िम्मेदार मंत्री मदन जी दिलावर , कोचिंग रेगुलेशन कमेटी के सदस्य कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा , ऊर्जा मंत्री हीरालाल जी नागर, राजस्थान के राज्यपाल महोदय की मौजूदगी में , इस कड़वे सच को तथ्यों के साथ गिनाते हुए ,, आम जनता के सामने रखा है , मेरी तरफ से उप राष्ट्रपति महोदय जगदीप जी धनकड़ को बधाई मुबारकबाद ,, अभी तक जो आता है , चमचा गिरी , तारीफों के सिवा कुछ करता ही नहीं , लेकिन जगदीप धनकड़ चाहे किसी भी पार्टी के समर्थन से उपराष्ट्रपति बने हों , उनके सीने में समाजवादी दिल धड़कता है , एक वकील की जानकारी उनके दिमाग में हैं , उनका अपना अनुभव है , वोह जानते है ,के कोचिंग से जुड़े लोग ,बढे बढे होल्डिंग लगा कर , फुल पेज के विज्ञापन देकर, एक शिकारी जिस तरह से जाल फैलाता है , उसी तरह से जाल फैला कर ,,स्कूली छात्र छात्राओं की स्कूली शिक्षा ग्रहण करने की उम्र में , स्कूली शिक्षा से बंक करवाकर , दोहरी एडमिशन प्रणाली के तहत , डमी एडमिशन प्रणाली करप्ट व्यवस्था के चलते , पोचिंग यानी , स्कूली छात्रों का शिकार कर रहे हैं , देश देख रहा है , राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2016 से 73 से ज़्यादा आदेश सो मोटो संज्ञान रिट याचिका में आदेश किये जाने के बाद भी कुछ नहीं कर पाई है , सुप्रिम कोर्ट खुद इस मामले में चिंतित है , केंद्र सरकार का कोचिंग रेगुलेशन 2023 में नतमस्तक हुआ , टांय टांय फिस्स हुआ ,, फिर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ,, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत , और अब राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री इनके कोचिंग रेगुलेशन एक्ट ,, सभी कोचिंग गुरुओं के क़दमों में है ,विधानसभा में पेश होते है , फिर प्रवर समिति को भेज दिए जाते है , विधानसभा में पेश कोचिंग रेगुलेशन बिल ,, बेबस ;लाचार हो गया , कांग्रेस , ,भाजपा विधायकों की सांठ गांठ से यह बिल , प्रवर समिति के हाथों में है , लेकिन प्रवर समिति की कितनी बैठकें हुईं , अभी तक प्रवर समिति ने स्कूली कम उम्र के बच्चों का ,, अवैध रूप से शिकार करने वाली इन कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ बने क़ानून को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया , कोई भी जवाब किसी के पास नहीं है , कोटा ने देखा है , एक कमरे दो कुर्सियों से कोटा के यह कोचिंग आबाद हुए है , लेकिन फिर अलग अलग इलाक़ों में , ज़मीन की कीमतें बढ़वाने , प्रापर्टी डीलिंग सेट अप अन्य कार्यवाही सभी ने देखी है , कोटा कोरल पार्क में इन्वेस्ट करने वाले रो रहे हैं , एक अफवाह पर अनंतपुरा में तात्कालिक इन्वेस्टर अभी भी सर पकड़े बैठे है ,, कोचंग केपेसिटी , हॉस्टल केपेसिटी ,, छात्रों की संख्या ,, उनकी जरूरत से ज़्यादा कोटा में हॉस्टल की एकोमोडेशन हो गई , कोचिंग के हॉस्टल अलग , स्कूल अलग , मेस अलग , फिर प्राइवेट हॉस्टल अलग ,, मेसें अलग , ऐसे में कोचिंग के छात्रों की आवक से ज़्यादा एकोमोडेशन होगी तो , कई हॉस्टल खाली रहेंगे ही सही , फिर कोचिंग की अलग अलग ब्रांचेज , अलग अलग शहरों में , खुलेगी , पार्टनर शिप में कोचिंग अलग अलग राज्यों में संचालित होंगे , तो ब्रांड नेम को देखते हुए ,, अलग अलग राज्यों के बच्चे जो कोटा कोचिंग में पढ़ने आने का जज़्बा रखते हैं , वोह अब अपने ही राज्य के शहरों में रुक रहे हैं , तो कोटा कोचिंग में संख्या तो कम होगी ही , कोटा कोचिंग ने , ,कोटा के एक उड़ान दी है , एक रेस्पेक्ट दिया है , एक विश्वस्तरीय सम्मान दिया है , देश को प्रतिभाएं दी है , लेकिन फिर अचानक पार्टनरशिप ,, विज्ञापन में पार्टनर शिप , प्रॉपर्टी डीलिंग , भूमि के दामों में भविष्य की आवक के नाम पर मूलयवृद्धि ,, भवन निर्माण करवाने की ललक , होस्टल्स में पार्टनर शिप , ,वगेरा वगेरा ,,, ऐसी व्यवस्थाएं हुईं , के कोचिंग गुरुओं के जो कल्याणकारी कार्य , जो छात्र ,छात्राओं के लिए उनके बौद्धिक स्तर की वृद्धि करने ,, कामयाबी की जो कोशिशें है , वोह गौण सी हो गई हैं , क्योंकि स्कूली शिक्षा बिलकुल निकम्मी साबित है , तभी तो कोचिंग की ज़रूरत पढ़ी है ,इसमें केंद्र और राज्य सरकार का शैक्षणिक सड़ा गला राजनीतिक सिस्टम भी ज़िम्मेदार है , जब स्कूली शिक्षा में बच्चा पढ़ रहा है , तो फिर आई आई टी , जे ई ई ,, नीट एक्ज़ाम का जो सिलेबस है , उसी आधार पर , उसी सिलेबस से स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाया जाता , माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हो , या फिर केंद्रीय शिक्षा बोर्ड हो , उन की किताबों , सिलेबस में यह सब शामिल क्यों नहीं क्या जाता , बात साफ़ है , राजस्थान की और केंद्र की सरकार भी चाहती है , के कोचिंग के नाम पर , छात्रों की पोचिंग यानी अवैध शिकार हो , स्कूली बच्चों को , स्कूली शिक्षा में बंक करवाकर , डमी एडमिशन करवाकर , सपने दिखाकर , स्कूलों में नीट , जे ई ई पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई नहीं करवाने का फायदा उठाकर , बढे बढे विज्ञापन देकर , होल्डिंग लगवाकर , इंटरविव दिलवाकर , , सोशल मिडिया पर माहौल बनाकर , बच्चों और अभिभावकों के लिए जाल तय्यार होता है , फिर यह बच्चे इस अवैध व्यवस्था के शिकार होते है , इसके लिए , कोचिंग व्यवस्था अकेली ज़िम्मेदार नहीं है , वोह तो व्यवसाई है , व्यवसाय कर रहे हैं , सरकारी स्कूली शिक्षा की कमज़ोरियों का फायदा उठा रहे हैं , स्कूल में जो पढ़ाओ , वोह कम्पीटिशन के सिलेबस में होता ही नहीं , तो अगर स्कूलों में , जो कम्पीटिशन परीक्षाओं में पूंछना है , वही पढ़ाया जाने लगे तो फिर कोचिंग पर आत्मनिर्भरता स्वेछिक रह जायेगी , मजबूरी नहीं होगी , ,क्योंकि कोचिंग भी एक बच्चे को कढ़ी महनत से तराशते है , हौसला देते है , समझाइश करते है , परीक्षा में क्या सवाल आने वाले हैं , उसका एक्सपर्ट से अध्ययन करवाकर अपना अलग पाठ्यक्रम बनाते है , बच्चों को पढ़वाते है , तो क्या स्कूली शिक्षा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री , राजस्थान के शिक्षा मंत्री यह सब नहीं कर सकते तो जनाब ,, में सेल्यूट करता हूँ , राजस्थान के उस समाजवादी ह्रदय को जो आज भी संगत बदल जाने पर भी, जगदीप धनकड़ साहिब के दिल में धड़क रहा है , में सेल्यूट करता हूँ, उनकी उस वकालत के मिजाज़ को , जो वोह किसी भी मुद्दे पर बारीकी से अध्ययन कर उसकी सच्चाई सभी के सामने रखने का साहस रखते ,हैं उससे भी ज़्यादा में सेल्यूट करता हूँ , इस अज़ीम शख्सियत जो एक वकील के नाते , पूर्व जनता पार्टी में मंत्री होने के नाते, एक चिंतक , एक लेखक ,, पत्रकार मन होने के नाते , यह जो धनकड़ साहब पूर्व कोटा यात्राओं के दौरान, मेरे बढे भाई की तरह रहे हैं ,, वोह वर्तमान में सरकार के शीर्ष पद के लिए ज़िम्मेदार है , लेकिन उन्होंने कोचिंग नगरी में पहुंच कर , कोचिंग गुरुओं के बीच खड़े होकर ,, कोटा सांसद , देश की लोकसभा के अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र में , राजस्थान के शिक्षा मंत्री के शहर में उनकी मौजूदगी में , ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में , कोचिंग रेगुलेशन बिल प्रवर समिति के सदस्य कोटा दक्षिण विधायक संदीप जी शर्मा की मौजूदगी में , राजस्थान के राज्यपाल साहिब की मौजूदगी में, यह कड़वा सच बढ़ी ही निष्पक्षता ,, बहादुरी के साथ कहने का साहस क्या है , उनके इस कड़वे सच का कोचिंग के दलाल बनकर, कोचिंग के पक्षधर बनकर, विपक्ष के नेता बनकर विरोध तो करना आसान है , लेकिन जो कुछ भी जगदीप जी धनकड़ ने कहा वोह विचारणीय है , उस पर विचार कर, इस व्यवस्था में सुधार के लिए गंभीर चिंतन की आवश्यकता है , क्योंकि सच्चाई यही है , और केंद्रीय शिक्षा मंत्री , केंद्र , सरकार ,, राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री , कोटा के जन प्रतिनिधि , बिल रेगुलेशन प्रवर समिति सदस्य विधायक और खुद कोचिंग , शिक्षाविद , इसके लिए ज़िम्मेदार हैं , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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