शाइन इंडिया के सहयोग से संभाग में दो महिलाओं के नेत्रदान संपन्न
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र व लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व संभागीय अध्यक्ष आदर लुंकड़ ने, शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी कि, कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन की माताजी श्रीमती शांता बाई जैन का बुधवार दोपहर आकस्मिक निधन हुआ है, उनके पति एडवोकेट नरोत्तम लाल जैन बेटे,नरेश,अरविंद और क्रांति जैन ने शांता जी के नेत्रदान के लिए सहमति दी है ।
शांता जी धार्मिक विचारों, विनम्र स्वभाव व साधु संतों की सेवा करने वाली महिला थी । परिवार में नियम,संयम और मेलजोल बनाए रखने पर पूरे परिवार की चहेती थी । परिवार की ओर से सहमति प्राप्त होते ही, संस्था के सहयोग से शांता जी का नेत्रदान उनके वल्लभबाड़ी स्थित निवास स्थान पर संपन्न हुआ ।
गुरुवार को ही भवानी मंडी निवासी, सोहन बेन लोढ़ा के निधन की सूचना संस्था के ज्योति मित्र व जैन सोशल ग्रुप के नेत्रदान प्रभारी नरेंद्र जैन, के माध्यम से कोटा में डॉ कुलवंत गौड़ को प्राप्त हुई, बेटे प्रसन्न और देवेंद्र लोढ़ा की सहमति प्राप्त होते ही कोटा से डॉ गौड़ भवानी मंडी के लिए रवाना हो गए ।
2 घंटे में कोटा से 120 किलोमीटर भवानी मंडी पहुंचकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को डॉ गौड़ ने संपन्न किया । नेत्रदान की इस प्रक्रिया में डॉ गौरव जैन,अशोक लोढ़ा,विवेक लोढ़ा का भी सहयोग रहा ।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र व लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व संभागीय अध्यक्ष आदर लुंकड़ ने, शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी कि, कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन की माताजी श्रीमती शांता बाई जैन का बुधवार दोपहर आकस्मिक निधन हुआ है, उनके पति एडवोकेट नरोत्तम लाल जैन बेटे,नरेश,अरविंद और क्रांति जैन ने शांता जी के नेत्रदान के लिए सहमति दी है ।
शांता जी धार्मिक विचारों, विनम्र स्वभाव व साधु संतों की सेवा करने वाली महिला थी । परिवार में नियम,संयम और मेलजोल बनाए रखने पर पूरे परिवार की चहेती थी । परिवार की ओर से सहमति प्राप्त होते ही, संस्था के सहयोग से शांता जी का नेत्रदान उनके वल्लभबाड़ी स्थित निवास स्थान पर संपन्न हुआ ।
गुरुवार को ही भवानी मंडी निवासी, सोहन बेन लोढ़ा के निधन की सूचना संस्था के ज्योति मित्र व जैन सोशल ग्रुप के नेत्रदान प्रभारी नरेंद्र जैन, के माध्यम से कोटा में डॉ कुलवंत गौड़ को प्राप्त हुई, बेटे प्रसन्न और देवेंद्र लोढ़ा की सहमति प्राप्त होते ही कोटा से डॉ गौड़ भवानी मंडी के लिए रवाना हो गए ।
2 घंटे में कोटा से 120 किलोमीटर भवानी मंडी पहुंचकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को डॉ गौड़ ने संपन्न किया । नेत्रदान की इस प्रक्रिया में डॉ गौरव जैन,अशोक लोढ़ा,विवेक लोढ़ा का भी सहयोग रहा ।
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