डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी , इंजीनियर पियूष सामरिया के लिए बहुत कुछ चुनौतियां कोटा के प्रशासनिक क्षेत्र में छोड़ गए है , देखते हैं नवनियुक्त कोटा कलेक्टर अपने पूर्व प्रशासनिक अनुभवों से कोटा को कैसे स्वच्छ प्रशासनिक , त्वरित व्यवस्था की तरफ ले जाते हैं
कोटा 24 जून , कोटा ज़िले में कलेक्टर पद की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ जो डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी आई आई टीयन नवनियुक्त कलेक्टर पियूष सामरिया के लिए छोड़ गए है ,, वोह सभी ज़िम्मेदारियाँ उनके लिए एक बढ़ी चुनौती तो हैं , लेकिन उनके पूर्व प्रशासनिक कामयाब अनुभव के आगे नामुमकिन हरगिज़ नहीं , नवनियुक्त कलेक्टर पीयूष सामरिया आज कार्यभार ग्रहण करते ही, अकेलगढ़ पानी की समस्या, खंडहर जर्जर स्कूलों की छत, दीवार गिरने की शिकायतें, ट्रैफिक अव्यवस्था, चिकित्सा में गम्भीर लापरवाही से सामना होगा,
, कोटा में पिछले कई सालों से डॉक्टर , या फिर आई आई टी कोटा कलेक्टर पद पर नियुक्त हो रहे हैं , कोटा में जिला कलेक्टर की हैसियत से , कोचिंग गुरुओं के यहां आना , जाना , कोचिंग बच्चों का उत्साहवर्धन करना और स्कूली शिक्षा को नगण्य समझना एक आम बात रही है , जबकि दूसरी समस्याओं के समाधान के प्रति रस्म अदायगी ,बैठकों का आयोजन नाममात्र रहने से थोड़ी सी बारिश में ही कोटा की सड़कों पर तालाब जैसी स्थिति , नालों में उफान , सड़कों के गड्डों में वाहनों की टूटफूट , बिजली पानी की आपूर्ति में बाधाएं रोज़मर्रा का प्रश्न बन गया , ,खेर अब गुरूजी पूर्व कोचिंग स्टूडेंट का युग समाप्त हुआ , अब तो बेस्ट टॉपर आई आई टीयन , कई ज़िलों में बहतर प्रशासनिक प्रदर्शन करने वाले नवनियुक्त कलेक्टर पियूष सामरिया का समय आ गया है ,यूँ तो पियूष सामरिया पूर्व में कई ज़िलों के सफल कलेक्टर रह चुके हैं , लेकिन कोटा में कृषि बीज , खाद , सिंचाई , बाढ़ , नालों की सफाई , शहर की साफ़ सफाई , टूटे फूटे खड्डे , कर्मचारियों की लेटलतीफी , कोचिंग गुरुओं द्वारा स्कूली शिक्षा का डमी स्टूडेंट के नाम पर अज़गर बनकर निंगलने की प्रथा , चिकित्सा क्षेत्र में सभी उपकरण व्यवस्थाएं होने पर भी , शिकवे शिकायत , पुलिस की मनमानी , क़ानून व्यवस्था ,, साम्प्रदायिक सद्भाव , प्रतिपक्ष के आंदोलन , फैक्ट्री , उद्योगों के प्रदूषण , ट्रेफिक अव्यवस्थाएं , वी वी आई पी यात्राएं , लोकसभा अध्यक्ष , दो मंत्रियों , सहित पूर्व मंत्रियों ,का सामंजस्य ,, , कांग्रेस , भाजपा के परस्पर आंदोलन , शैक्षणिक व्यवस्था , स्कूली शिक्षा के नाम पर ड्रेस, किताबों में लूट, निजी चिकित्सा के नाम पर लूट की शिकायतें इनसे निपटना उनके लिए एक बढ़ी चुनौती होगी , ,खेर पियूष सामरिया के पूर्व अनुभवों से लगता है के कोटा में बहुत कुछ नहीं तो कुछ ना कुछ तो सुधार होगा ही , जन सुनवाई व्यवस्था सजग और सतर्क हो सकती है , कर्मचारियों पर आम जनता से संबंधित कार्यों को , तुरंत निस्तारण के लिए सख्ती से पाबंद और इसमें लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों की शिकायत पर उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही सम्भव है , जबकि , कोटा उत्तर , कोटा दक्षिण नगर निगम में जो नालों की सफाई , अतिक्रमित लोगों में पिक ऐंड चूज़ की व्यवस्था है , उसमे भी बदलाव सम्भव लग रहा है , अवैध रिसोर्ट , अवैध शादीघर , अवैध मेरीज हॉल ,, अवैध स्वीमिंग पूल , अवैध फ़ार्म हाउस , अवैध वाटरपार्क, होटलों में लिव इन रिलेशन शिप के नाम पर घण्टे भर की किरायेदारी की अय्याशी, वगेरा जो आम जनता के लिए खतरा है और विधि विरुद्ध हैं , उन पर भी गाज गिरने की संभावना हो सकती है , ,पियूष सामरिया के पिता श्री हीरालाल सामरिया खुद भारतीय सेवा के प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं , वोह केंद्रीय सुचना आयुक्त पद पर कार्यरत रहे हैं , जो अपने आप में एक बढ़ी मिसाल है , , पियूष सामरिया का जन्म राजस्थान के भरतपुर डीग , पहाड़ी में हुआ , प्रारम्भिक शिक्षा भरतपुर में पढ़ने के बाद , यह हैदराबाद चले गए , वहां इनकी शिक्षा हुई , उसके बाद , इनका चयन आई आई टी बॉम्बे में मेकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन कोर्स में हुआ जहाँ यह प्रतिभावान छात्र रहे , पियूष सामरिया ने ,, आई आई टी के बाद ला ऐंड टेक्सेशन में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की ,, वर्ष 2010 में पीयूष सामरिया ने सिविल सेवा परीक्षा में भाग्य आज़माया और पहली बार में ही , सेलेक्ट ,होकर आई आर एस सेवा में आयकर विभाग में डिप्टी कमिश्नर नियुक्त हुए , पियूष सामरिया यहां रुके नहीं , उन्होंने फिर सेवारत रहते , सिविल सेवा की परीक्षा में भाग्य आज़माया और 2014 बेच में उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन कर , राजस्थान केडर दिया गया , ,पियूष सामरिया मुख्य कार्यकारी अधिकारी , ,चिकित्सा हेल्थ और परिवार कल्याण विभाग में रहे , राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में एम डी रहे , वोह चित्तोड़ , दोसा , नागौर में जिला कलेक्टर रहे , जहाँ चिकित्सा , ऊर्जा , छात्रों की ऑन लाइन क्लासेज़ में सुधार करने का श्रेय इन्हे ही जाता है , ,दोसा में सामरिया ने कैच दी रेन , कार्यक्रम शुरू किया जबकि इनके वाट्सअप पर जब एक बालविवाह का संदेश एक बालक ने दिया तो तुरतं संवेदना दिखाकर उस बालविवाह को रुकवाया , इनकी महनत और लगन के चलते , पियूष सामरिया को , इनके प्रशासनिक कार्यों में , दक्ष मानते हुए , ब्यूरोक्रेट्स इण्डिया वेबसाइट में इन्हे देश के 22 ज़िम्मेदार ,, कर्तव्यनिष्ट ब्यूरोक्रेट लिस्ट में शामिल किया गया ,, ,पियूष सामरिया के लिए कोटा नया हो तो भी नया नहीं है , यहां उनके पूर्व परिचित लोग है , वोह चिकित्सा विभाग ,, ऊर्जा विभाग में रहते , कोटा की व्यवस्थाओं पर मंथन करते रहे हैं , कोचिंग व्यवस्था से भी वोह भली भाँती परिचित है , नागौर में उनका नवाचार इस मामले में अव्वल रहा है , अब देखना यह है ,के , पियूष सामरिया कोटा कलेक्टर के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन , आम जनता से उनका सीधा संवाद , और नेताओं की हाज़री से अलग हटकर , स्वतंत्र व्यवस्था के तहत किस तरह से तटस्थ रह कर कोटा की समस्याओं के समाधान के प्रयासों में जुटते है , लेकिन इसके लिए पियूष सामरिया को ,कर्मचारियों , सी आई डी , सी बी , मुखबिरी रिपोर्ट से अलग हटकर ,खुद पत्रकारों , आम जनप्रतिनिधियों , सोशल एक्टिविस्टों ,, बुद्धिजीवियों ,,धर्मगुरुओं , प्रबुद्ध लोगों से चर्चा करना होगी , ,ओ पी ,बुनकर ,, टी रवि कान्त ,,तन्मय कुमार सहित कई कलेक्टर इस तरह के संवाद करते रहे हैं , और कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर , शहर की तस्वीर में उन्होंने बदलाव भी किया है , देखते हैं एक ब्रेक के बाद , मेरे कोटा में , भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केंद्रीय सुचना आयुक्त की गोद में पले बढे ,, इंजीनियर ,, क़ानून विद ,, टेक्स विशेषज्ञ ,, कुशल प्रशासनिक इस कोटा को कैसे सजाते हैं , कैसे संवारते है , या फिर ???? अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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