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05 मई 2025

शाइन इंडिया की पहल पर,देश में पहली बार नेत्रदानी अंगदानी परिवारों को सम्मानित करने घर पहुंचा प्रशासन

 

शाइन इंडिया की पहल पर,देश में पहली बार नेत्रदानी अंगदानी परिवारों को सम्मानित करने घर पहुंचा प्रशासन 
2. नेत्रदानी अंगदानी परिवार के सम्मान के लिए,80 km दूर आया प्रशासन 

सामाजिक संस्थाओं और राज्य प्रशासन के साझा प्रयासों से राजस्थान में अंगदान के प्रति आमजन जागरूकता बढ़ती जा रही है । बीते दिनों हाडोती के झालावाड़ जिले के ग्राम बामनदेवरा से 24 फरवरी 24 को स्व० श्री भूरिया कंजर, व ग्राम मानपुरा से 15 दिसम्बर 24 को स्व० श्री विष्णु प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने,उनके अंगदान करके आज के समाज के सामने एक अच्छा उदाहरण पेश किया है ।

अंगदान के कार्य को और अधिक गति प्रदान करने के लिए संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन की ओर से संभागीय आयुक्त श्री राजेंद्र सिंह शेखावत व जिला कलेक्टर झालावाड़ श्री अजय सिंह राठौड़ ने नेत्रदान,अंगदान कर चुके दोनों परिवारों के सदस्यों को एक चांदी का पीपल पत्र एवं श्री महर्षि दधीचि सम्मान पत्र दिया गया । 

*रजत पत्र ही क्यों?* 

रजत पत्र के ऊपर अंगदाता का नाम लिखकर देने के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि, जिस तरह से घरों में चांदी के बर्तन,सिक्के,गहने एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को उपहार स्वरूप दिये जाते हैं, ठीक उसी तरह से यह चांदी का पीपल पत्र , पीढ़ी दर पीढ़ी, परिवार के सदस्यों को याद दिलाता रहेगा कि,उनके पूर्वजों ने अंगदान का पुनीत कार्य करके कुछ अनजान लोगों के जीवन को बचाया था ।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आग्रह के बाद अब देश के राज्यों में अंगदान का प्रतिशत कुछ बढ़ने लगा है । राजस्थान में अभी तक 40 से अधिक ब्रेनडेड देवतुल्यों के अंगदान हो चुके हैं, जिनसे कई ऐसे जरूरतमंद लोगों का जीवन बच पाया है,जो मौत के बहुत करीब थे ।

स्व० विष्णु प्रसाद के घर नेत्रदानी परिवार को गौरवान्वित करती हुई पट्टीका लगाते हुए संभागीय आयुक्त श्री राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, अंगदानी परिवार को सम्मानित कर, हम स्वयं भी गौरवान्वित हुए हैं । वह अंगदाता ईश्वर तुल्य ही है, जो खुद मृत्यु को प्राप्त हो गए,पर अपने दान किए अंगों से,उन लोगों को जीवन दे गये,जो अंगों के अभाव से मौत के करीब आ गये थे । अंगदान एक ऐसा कार्य है,जो न केवल एक जीवन को बचाता है, बल्कि समाज में एक नई आशा और विश्वास को भी जगाता है।

अंगदानी परिवार को सम्मानित करते हुए,झालावाड़ जिला कलेक्टर श्री अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि,देश में काफ़ी लोग ब्रेनडेड होते है,पर अपने अंगदान करके,किसी अंजान का जीवन बचाने का सौभाग्य हर किसी के भाग्य में नहीं आता है। हमारा मनुष्य जन्म ही इस तरह से दूसरों के काम आकर,मोक्ष प्रदान करता है। 

*काफी लोगों को प्रेरित करेगा, प्रशासन का यह प्रयास* 

कार्यक्रम संयोजक व संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक के कुलवंत गौड़ ने कहा कि,कोटा से 80 किलोमीटर दूर झालावाड़ आकर,प्रशासन के माध्यम से अंगदानी परिवारों का घर जाकर सम्मान करना,*देश में पहला प्रयास है* । डॉ गौड़ ने कहा कि, अंगदानी परिवार के सदस्यों को यदि राज्य सरकार, केंद्र सरकार व निजी संस्थानो के सम्मिलित प्रयासों से कुछ विशेषाधिकार या चिकित्सा,शिक्षा, रोजगार में प्राथमिकता मिले तो,यह अंगदाता के प्रति यह सबसे बड़ा सम्मान व उसके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  

*यह थे शामिल* : 

नेत्रदानी अंगदानी परिवार को सम्मान करने के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़,शहर संयोजक भवानीमंडी कमलेश दलाल , ज्योति-मित्र नितिन कटारिया,अजय मोमिया, डॉ श्री रामसेवक योगी,(न्यूरोसर्जन-मेडिकल कॉलेज झालावाड़) सहित जिला प्रशासन झालावाड़ के कई प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सत्यनारायण आमेटा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री शुंभ दयाल मीणा,तहसीलदार झालरापाटन श्री नरेंद्र मीणा,उपखंड अधिकारी अभिषेक चारण उपस्थित थे।

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