माँ के बाद,आज पत्नि का कराया नेत्रदान
2. शोक की घड़ी में याद आया,तो संपन्न कराया नेत्रदान
2 वर्ष पूर्व रघुनंदन और सत्यनारायण खंडेलवाल की माता जी स्व० श्रीमति कांति देवी का आकस्मिक निधन हुआ था, उस समय परिवार के सदस्यों ने संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया था,इसी क्रम में बुधवार को, सत्यनारायण खंडेलवाल की धर्मपत्नी सुमन खंडेलवाल का भी अचानक देवलोक गमन हो गया ।
पूर्व की भांति, सत्यनारायण ने पहल कर, पत्नी सुमन के नेत्रदान करवाने का निर्णय लिया और तुरंत संस्था के ज्योति मित्र विकास बज, हेमंत सेठी और पदम गुप्ता के सहयोग से नेत्रदान संपन्न करवाया।
इस मौके पर, सत्यनारायण ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि, नेत्रदान ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम अपने परिजनों को दूसरे की आंखों में जीवित रखकर संतोष पा सकते हैं, और उनकी पुण्य आत्मा को मोक्ष दिलाने में सहायक बन सकते हैं ।
2. शोक की घड़ी में याद आया,तो संपन्न कराया नेत्रदान
2 वर्ष पूर्व रघुनंदन और सत्यनारायण खंडेलवाल की माता जी स्व० श्रीमति कांति देवी का आकस्मिक निधन हुआ था, उस समय परिवार के सदस्यों ने संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया था,इसी क्रम में बुधवार को, सत्यनारायण खंडेलवाल की धर्मपत्नी सुमन खंडेलवाल का भी अचानक देवलोक गमन हो गया ।
पूर्व की भांति, सत्यनारायण ने पहल कर, पत्नी सुमन के नेत्रदान करवाने का निर्णय लिया और तुरंत संस्था के ज्योति मित्र विकास बज, हेमंत सेठी और पदम गुप्ता के सहयोग से नेत्रदान संपन्न करवाया।
इस मौके पर, सत्यनारायण ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि, नेत्रदान ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम अपने परिजनों को दूसरे की आंखों में जीवित रखकर संतोष पा सकते हैं, और उनकी पुण्य आत्मा को मोक्ष दिलाने में सहायक बन सकते हैं ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)